गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के पहले कांग्रेस ने दलबदल के डर से अपनी तैयारी कर ली है. सूत्रों के अनुसार, गोवा कांग्रेस ने दलबदल के भय से अपने प्रत्याशियों को रिसॉर्ट में भेज दिया है. गौरतलब है कि यूपी में सातवें राउंड की वोटिंग के साथ ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग सोमवार को खत्म हो गई है. 10 मार्च को आने वाले चुनाव नतीजों के पहले, कांग्रेस ने 'दलबदल' को रोकने के लिए कदम उठाए हैं, जिसके चलते पार्टी को अतीत में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. दरअसल, पार्टी, गोवा की वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव की चूक को दोहराना नहीं चाहती जब सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद भी कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने में नाकाम रही थी.
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने गोवा की 40 में से 17 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन 13 सीटें जीतने के बावजूद छोटी पार्टियों और निर्दलीयों की मदद से बीजेपी, सरकार बनाने में सफल रही थी. दो साल बाद नेता प्रतिपक्ष बाबू केवलेकर की अगुवाई में कांग्रेस के 15 विधायक बीजेपी में चले गए थे, जिन्हें बीजेपी की ओर से उप मुख्यमंत्री बनाया गया था.
इस बीच, गोवा के सीएम और बीजेपी नेता प्रमोद सावंत ने पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की और उन्हें गोवा में सत्ता में बनाए रखने की पार्टी की संभावनाओं पर चर्चा की. इस मीटिंग के बाद सावंत बीजेपी गोवा प्रभारी देवेंद्र फडणवीस के साथ बैठक करने के लिए मुंबई पहुंचेंगे. माना जा रहा है कि फडणवीस गठबंधन के लिए महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ बातचीत कर रहे हैं. यही नहीं, बीजेपी निर्दलीय उम्मीदवारों तक भी अपनी पहुंच रिजल्ट आने से पहले ही बनाए हुए है. एक्जिट पोल्स की माने तो गोवा में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने की संभावना जताई गई है.
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