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This Article is From Mar 05, 2022

यूक्रेन के पिसोचिन और खारकीव शहर से सभी भारतीयों को कुछ घंटों में निकाला जाएगा: सरकार

विदेश मंत्रालय ने कहा, सुमी से भारतीय छात्रों को निकालने पर जोर दिया जा रहा है. उनकी निकासी के लिए कई विकल्प तलाशे जा रहे हैं. सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें अगले कुछ घंटों में यूक्रेन के पिसोचिन और खारकीव से सभी को बाहर निकालना होगा.

यूक्रेन के पिसोचिन और खारकीव शहर से सभी भारतीयों को कुछ घंटों में निकाला जाएगा: सरकार
Russia Ukraine News : रूस के यूक्रेन पर हमले के 10 दिन हो चुके हैं
नई दिल्ली:

Russia Ukraine Crisis : सरकार ने कहा है कि यूक्रेन के युद्धग्रस्त पिसोचिन और खारकीव शहर (Pisochin Kharkiv city)से अगले कुछ घंटों में भारतीयों को सुरक्षित निकाला जाएगा.  विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सुमी से भारतीयों को निकालने में मुख्य चुनौतियां गोलाबारी, हिंसा और परिवहन की कमी हैं. सुमी (Sumy Indian Students) से भारतीय छात्रों को निकालने पर जोर दिया जा रहा है. उनकी निकासी के लिए कई विकल्प तलाशे जा रहे हैं. सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें अगले कुछ घंटों में यूक्रेन के पिसोचिन और खारकीव से सभी को बाहर निकालना होगा.यूक्रेन के खारकीव और पिसोचिन शहर को रूसी फौज ने चौतरफा घेर रखा है और वहां जबरदस्त गोलाबारी हो रही है. ये शहर यूक्रेन की राजधानी कीव या यूरोपीय देश पोलैंड, रोमानिया और हंगरी की सीमा से काफी दूर हैं. इस कारण इन्हें सुरक्षित निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. भारत सरकार खारकीव, सुमी जैसे शहरों में फंसे भारतीय छात्रों को रूसी बॉर्डर की ओर से सुरक्षित निकालने के लिए प्रयास कर रही है. इसके लिए उसने दोनों पक्षों से संघर्षविराम का आह्वान भी किया है. 

सुमी शहर में फंसे भारतीयों ने एक आपात संदेश वाला वीडियो भी जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा था कि वो अब शहर छोड़कर रूसी सीमा की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि जान जोखिम में डालकर भी वो ये कदम उठा रहे हैं, लेकिन उनकी जिंदगी को कोई भी खतरा होता है तो उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार औऱ उसके यूक्रेन स्थित दूतावास पर होगी. हालांकि जब यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से उनसे संपर्क साधा गया तो उन्होंने अपना इरादा टाल दिया है. 

विदेश मंत्रालय का कहना है कि करीब 300 भारतीय खारकीव में, 700 सुमी में फंसे हैं, जहां भीषण युद्ध चल रहा है. खारकीव के उपनगर पिसोचीन से 900 से अधिक भारतीयों को पांच बसों से निकाला गया है. युद्ध ग्रस्त देश में फंसे भारतीय करीब 2,000 से 3,000 के बीच है. जबकि करीब 20 हजार भारतीय सुरक्षित यूक्रेन की सीमा पार कर चुके हैं. पूर्वी यूक्रेन के शहरों से भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मास्को की ओर से 130 बसों का इंतजाम करने की रूसी रिपोर्ट पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा है कि वे उस स्थान से करीब 50-60 किलोमीटर दूर हैं जहां भारतीय छात्र फंसे हुए हैं.

वायुसेना का कहना है कि यूक्रेन में फंसे हुए भारतीयों की वापसी के अभियान ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक वायु सेना की 10 विशेष उड़ानों के जरिये दो हजार से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है. यूक्रेन के पड़ोसी देशों को 26 टन राहत सामग्री भी पहुंचाई गयी है.

यू्क्रेनी हवाई क्षेत्र 24 फरवरी को रूस का सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से ही बंद है. ऐसे में भारत यूक्रेन के पड़ोसी देशों-रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया और पोलैंड से विशेष उड़ानों के जरिये अपने नागरिकों को निकाल रहा है. एयर इंडिया, एअर इंडिया एक्सप्रेस, इंडिगो, गो फर्स्ट, स्पाइसजेट और एयर एशिया इंडिया की निकासी उड़ानों के अलावावायुसेना भी यूक्रेन से फंसे भारतीयों को वापस लाने में सरकार की मदद कर रही है.

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