संसद के 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र के दौरान ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश' और इससे संबंधित विधेयक के मुद्दे पर सरकार एवं विपक्ष के बीच गतिरोध रहने के आसार हैं. लोकसभा के 18 जुलाई के बुलेटिन के अनुसार, निचले सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी एवं पार्टी सदस्य डीन कुरियाकोस, द्रमुक के ए राजा, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने ‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश, 2023' को निष्प्रभावी करने संबंधी एक नोटिस दिया है और इसे स्वीकार कर लिया गया है.
जब भी सरकार संसद में किसी अध्यादेश के स्थान पर कोई विधेयक पेश करती है तब विपक्ष की ओर से इसे निष्प्रभावी बनाने के लिए इसके विरोध में सांविधिक संकल्प पेश किया जा सकता है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली में नौकरशाहों की नियुक्ति एवं स्थानांतरण से जुड़े इस अध्यादेश का विरोध कर रही है जिसे केंद्र सरकार ने मई में जारी किया था.
मानसून सत्र से पहले सरकार द्वारा बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लेने के बाद 'आप' नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘संविधान संशोधन के विषय को अध्यादेश के जरिए कैसे पारित किया जा सकता है? दिल्ली की दो करोड़ जनता के अधिकारों को कुचलने का और केजरीवाल सरकार को नहीं चलने देने का हम लोग जमकर विरोध करेंगे.''
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ यह अध्यादेश लाने का विरोध करेगी. सिंह ने कहा, ‘‘संघीय ढांचे को कुचलने के लिए इस प्रकार से अध्यादेश लाना शर्मनाक है.''
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