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मौजूदा रूप में AI भारतीय पहचान के लिए खतरा, इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में गौतम अदाणी ने सुझाए 5 जरूरी कदम

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि अगर भारत अपने सांस्कृतिक और डिजिटल सामर्थ्य को समझे और उसे सही दिशा में इस्तेमाल करे, तो यह देश न सिर्फ आर्थिक बल्कि सभ्यता के मामले में भी ग्लोबल लीडर बन सकता है.

मौजूदा रूप में AI भारतीय पहचान के लिए खतरा, इंडोलॉजी कॉन्क्लेव में गौतम अदाणी ने सुझाए 5 जरूरी कदम
  • गौतम अदाणी ने कहा कि वर्तमान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भारत की सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है
  • उन्होंने बताया कि पश्चिमी सभ्यता पर आधारित AI मॉडल भारतीय सांस्कृतिक संदर्भ को समझने में असमर्थ हैं
  • अदाणी ने उदाहरण देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी धार्मिक प्रश्नों के लिए मशीन से जवाब लेना पसंद करती है, जो खतरा है
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नई दिल्ली:

अदाणी ग्लोबल इंडोलॉजी कॉन्क्लेव 2025 में अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी ने शुक्रवार को कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का मौजूदा स्वरूप भारत की सभ्यता और संस्कृति के लिए खतरनाक है. ये जिस तरह से धर्म की परिभाषा बताते हैं वो काफी हल्की और सतही हैं, साथ ही उसका मतलब भी कुछ और दर्शाता है. उन्होंने कहा कि एआई मॉडल सेफ्टी फिल्टर्स पर आधारित हैं. ये पश्चिमी सभ्यता के मानक - 'ब्लाइंड फोल्डेड गेट कीपर्स' की तरह हैं.

उन्होंने कहा कि एआई हमारे इतिहास की गहराई में छिपी वैदिक प्रथाओं के सार को समझने में असमर्थ है. वे अक्सर इस प्राचीन सत्य को मिथक या हानिकारक मानकर खारिज कर देते थे, क्योंकि उन्हें समझने के लिए सांस्कृतिक दृष्टिकोण जरूरी है.

गौतम अदाणी ने कहा कि जैसे बोस्टन में हमारे भारत की दूसरी पीढ़ी के बच्चे ने बर्लिन में हमारे योग शिक्षक से पूछा धर्म क्या है या गीता का सार क्या है? ऐसे में जवाब के लिए वो कोई किताब नहीं खोलेंगे या किसी गुरु की तलाश नहीं करेंगे, वे एक मशीन से पूछेंगे और यही वास्तविक खतरा है. क्योंकि वहां हमारी सभ्यता सक्रिय रूप से उसका बचाव नहीं करती. सांस्कृतिक और भावनात्मक ढांचे में मानव व्यवहार हमारी संस्कृति और परंपराओं पर ध्यान नहीं देते, ऐसे में मशीन हमारी संस्कृति के बारे में सही तथ्य नहीं रखता.

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जो सभ्यता राख में भी अग्नि जला दे, उसमें ही नई दुनिया बनाने का सामर्थ्य- अदाणी

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन ने कहा कि अगर भारत अपने सांस्कृतिक और डिजिटल सामर्थ्य को समझे और उसे सही दिशा में इस्तेमाल करे, तो यह देश न सिर्फ आर्थिक बल्कि सभ्यता के मामले में भी ग्लोबल लीडर बन सकता है. उन्होंने कहा कि जो सभ्यता राख में भी अग्नि जला दे, वही हर युग में नई दुनिया बना सकता है.

मजबूत सभ्यता ही स्टेबल इकॉनमी और वैश्विक नेतृत्व की नींव

उन्होंने कहा कि भारत को सिर्फ आर्थिक ताकत ही नहीं, बल्कि एक सभ्यता को अपने सांस्कृतिक आत्मविश्वास और पहचान के साथ आगे बढ़ना जरूरी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि एक मजबूत सभ्यता ही एक स्टेबल इकॉनमी और वैश्विक नेतृत्व की नींव है.

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(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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