नीतीश कुमार ने गुरुवार को 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली, जो राज्य की राजनीति में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ. उनके साथ, एनडीए सरकार की नई बनी कैबिनेट में 26 मंत्री शामिल हुए. कैबिनेट में भाजपा के 14, जेडीयू के 8, एलजेपी (रामविलास) के 2, आरएलएम का 1 और हम का 1 मंत्री शामिल है. नई कैबिनेट के सदस्यों में, सम्राट चौधरी नीतीश कुमार के बाद दूसरे सबसे प्रभावशाली नेता के तौर पर उभरे हैं. उन्होंने मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की और दूसरी बार उपमुख्यमंत्री बनाए गए हैं. उनकी पदोन्नति बिहार की भाजपा और एनडीए में उनके बढ़ते कद को दिखाती है. भाजपा के एक और सीनियर नेता विजय कुमार सिन्हा ने भी उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. हालांकि, 9 मंत्री पद अभी भी खाली हैं और मकर संक्रांति के बाद भरे जाने की उम्मीद है, लेकिन मंत्रिमंडल की तस्वीर ने बहुत कुछ साफ कर दिया. इसमें शिफ्टिंग की झलक साफ देखी जा सकती है. ये दिख रहा है कि बिहार में बीजेपी अब बड़े भाई की भूमिका में है. मंत्रालयों के बंटवारे में भी यह देखने को मिला है. नीतीश कुमार ने 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद राज्य को देश के सबसे ज़्यादा विकसित राज्यों में शामिल करने का वादा किया. वहीं, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि हमने बिहार के गांवों की तस्वीर बदली है, अब तकदीर बदलने की तैयारी है. नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए का प्रचंड लहर आया है. वहीं, विपक्ष के लिए यह कहर है. बिहार के लोगों ने लहर और कहर के बीच में जनादेश दिया है. हमारी प्राथमिकताएं तय हैं. हम बेटियों का कन्यादान करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे बिहार के अंदर कन्या विवाह मंडप बनाएंगे, वो भी बगैर जमीन लिखवाए और एक रुपये लिए बिना.
Bihar Election News LIVE Updates...
बिहार सरकार का सबसे अहम मंत्रालय है गृह विभाग
गृह विभाग बिहार सरकार का सबसे अहम मंत्रालय माना जाता है - कानून-व्यवस्था,पुलिस प्रशासन, खुफिया तंत्र और राज्य की सुरक्षा से जुड़ा हर अहम आदेश. अब तक ये सब फैसले सीधे मुख्यमंत्री निवास से निकलते थे. लेकिन पहली बार यह शक्ति CM हाउस से निकलकर डिप्टी CM सम्राट चौधरी के हाथों में पहुंच गई है.
नीतीश सरकार में किसे मिला कौन सा विभाग?
भारतीय जनता पार्टी
सम्राट चौधरी गृह विभाग
विजय कुमार सिन्हा भूमि एवं राजस्व विभाग, खान एवं भू-तत्व विभाग
मंगल पांडेय स्वास्थ्य विभाग, विधि विभाग
दिलीप जायसवाल उद्योग विभाग
नितिन नबीन पथ निर्माण विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग
रामकृपाल यादव कृषि विभाग
संजय टाइगर श्रम संसाधन विभाग
अरुण शंकर प्रसाद पर्यटन विभाग, कला- संस्कृति एवं युवा विभाग
सुरेन्द्र मेहता पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग
नारायण प्रसाद आपदा प्रबंधन विभाग
रमा निषाद पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग
लखेंद्र पासवान अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग
श्रेयसी सिंह सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, खेल विभाग
प्रमोद चन्द्रवंशी सहकारिता विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
जेडीयू कोटे के मंत्रियों का विभाग
मदन सहनी- समाज कल्याण
अशोक चौधरी- ग्रामीण कार्य
लेसी सिंह- खाद उपभोक्ता
श्रवण कुमार - ग्रामीण विकास विभाग, परिवहन
विजय चौधरी-जल संसाधन , भवन निर्माण
विजेंद्र यादव - ऊर्जा विभाग, वित्त विभाग
जमा खान - अल्पसंख्यक
सुनील कुमार- शिक्षा विभाग
LJP (R)
गन्ना उद्योग विभाग
लोक स्वास्थ्य अभियांत्रण विभाग
HAM
लघु जल संसाधन विभाग
RLM
पंचायती राज विभाग
दिलीप जायसवाल को मिला उद्योग विभाग
दिलीप जायसवाल को उद्योग विभाग का जिम्मा सौंपा गया है. इसके अलावा लोजपा (आर) को गन्ना उद्योग विभाग और लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग सौंपा गया है. हम पार्टी को लघु जल संसाधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. आरएलएम को पंचायती राज विभाग दिया गया है.
JDU के श्रवण कुमार को मिला ग्रामीण विकास मंत्रालय
श्रवण कुमार को ग्रामीण विकास, विजय चौधरी को जल संसाधन विभाग दिया गया है. अशोक चौधरी को ग्रामीण कार्य विभाग का मंत्री बनाया गया है. जेडीयू कोटे से कुल 8 मंत्री बने हैं.
जेडीयू के खाते में गया वित्त विभाग
जेडीयू के विजेंद्र यादव को ऊर्जा और वित्त विभाग की जिम्मेदारी दी गई है. इस बार वित्त विभाग बीजेपी के खाते से निकलकर जेडीयू के खाते में गया है.
डिप्टी सीएम विजय सिन्हा संभालेंगे भूमि और राजस्व विभाग
विजय कुमार सिन्हा को भूमि और राजस्व विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. मंगल पांडे को फिर से स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
सम्राट चौधरी होंगे बिहार के नए गृह मंत्री
बिहार में नीतीश कुमार सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है. अभी तक गृह मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहे सीएम नीतीश ने गृह विभाग अब बीजेपी के हवाले कर दिया है. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी अब राज्य के नए गृह मंत्री होंगे.
नीतीश की कैबिनेट बैठक में कौन-कौन होगा शामिल?
बिहार में सरकार बनने के बाद 25 नवंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके मंत्रियों की यह पहली कैबिनेट की बैठक होगी. दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा सहित तमाम मंत्री इसमें शामिल होंगे.
नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक 25 नवंबर को होगी
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक 25 नवंबर को होने जा रही है. मंगलवार की सुबह 11 बजे नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक होगी. नीतीश कुमार की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में बड़े फैसलों की उम्मीद है, खासकर महिलाओं की रोजगार योजना की किस्त को लेकर.
बिहार में कमजोर हुई जाति की राजनीति
यादव, कुर्मी, कुशवाहा, भूमिहार, पिछड़ा, दलित और मुस्लिम लगभग सबकी सीटें तय मानी जाती थीं. इसका असर ये देखने को मिलता था कि किसी भी पार्टी या गठबंधन को इतनी सीटें नहीं मिल पाती थीं कि वे अपने दम पर सरकार बना सके. लेकिन इस बाद बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में दिखा कि ये जाति की दीवार मतदाताओं ने तोड़ दी है. वोटर्स ने जाति नहीं, काम और मुद्दों को ध्यान में रखकर ईवीएम का बटन दबाया है. नतीजे बताते हैं कि 2020 के चुनाव में जाति की राजनीति 90% सीटों पर हावी नजर आई थी, लेकिन 2025 के चुनाव में ये सिर्फ 60 प्रतिशत रह गई है.
नीतीश कैबिनेट पर RJD का परिवारवाद को लेकर हमला
जबरन बेईमानी से हरायी गयी सीटों के झकझोरने वाले आंकडे!
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) November 20, 2025
नबीनगर विधानसभा : 𝟏𝟏𝟐 वोटों से 𝐑𝐉𝐃 हारी, 𝟏𝟑𝟐 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
अगिआंव विधानसभा: 𝟗𝟓 वोटों से 𝐂𝐌𝐏𝐈𝐋 हारी, 𝟏𝟕𝟓 पोस्टल वोट रिजेक्ट हुए
संदेश विधानसभा: 𝟐𝟕 वोटों से 𝐑𝐉𝐃 हारी, 𝟑𝟔𝟎 पोस्टल वोट…
हम तो अभी भी सदमे में हैं... झारखंड के मंत्री
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्रचंड जीत मिली. नीतीश कुमार दसवीं बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. बिहार चुनाव में महागठबंधन की हार और एनडीए की जीत पर कांग्रेस नेता और झारखंड सरकार में मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि वह अभी तक सदमे में हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे इरफान अंसारी ने कहा कि एनडीए को मात देने के लिए हमें ईमानदारी से एक होना होगा. भाजपा में एक से बढ़कर एक तिकड़मबाज हैं. ये हमें बिहार के चुनाव में देखने को मिला. बिहार चुनाव में एनडीए ने 202 सीटों पर जीत दर्ज की, ये कैसे हो सकता है? हम तो अभी तक इसी सदमे में हैं कि यह कैसे हो सकता है. यह असंभव है.
शपथग्रहण हो गया, अब मंत्रालयों के बंटवारे की बारी
बिहार में शपथग्रहण हो गया है, अब नवनियुक्त मंत्रियों को मंत्रालयों का आवंटन आधिकारिक तौर पर अंतिम रूप दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि यह वितरण रणनीतिक होगा. वरिष्ठ नेताओं को उच्च-स्तरीय मंत्रालय मिले, जबकि अन्य मंत्रियों को कमतर विभागों से काम चलाना पड़ा, जो सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर आंतरिक बातचीत को दर्शाता है.