
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की विनाशकारी घटना के बाद हालात बेहद गंभीर हो गए हैं. निचले हर्षिल क्षेत्र में स्थित एक शिविर से 9 भारतीय सेना के जवान अभी भी लापता बताए जा रहे हैं. वहीं, 2 जवानों को बचाया गया है. इस त्रासदी के बावजूद, भारतीय सेना के अन्य जवान राहत और बचाव कार्यों में पूरी निष्ठा से जुटे हुए हैं. बादल फटने के बाद लोगों की मदद के लिए सेना के जवान करीब 10 मिनट के भीतर ही पहुंच गए थे.
उत्तराखंड में आपदा राहत और बचाव कार्यों के लिए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों को पूरी तरह तैयार रखा गया है. चंडीगढ़, बरेली और सरसावा एयरबेस पर ये हेलीकॉप्टर स्टैंडबाय मोड में हैं, ताकि किसी भी खतरे या आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके. ये हेलीकॉप्टर उत्तराखंड के प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना हो जाएंगे और राहत एवं बचाव अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेंगे.
वहीं, हर्षिल के पास स्थित धराली इलाके में मंगलवार सुबह बादल फट गया. इस घटना में एक गांव बह गया और कई निवासी कथित तौर पर लापता हो गए हैं. अचानक जल स्तर बढ़ने के बाद स्थानीय बाजार क्षेत्र में बड़े पैमाने पर नुकसान की सूचना मिली है, जिसके बाद पुलिस, अग्निशमन विभाग, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), और भारतीय सेना ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि धराली (उत्तरकाशी) क्षेत्र में बादल फटने से हुए भारी नुकसान का समाचार अत्यंत दुखद एवं पीड़ादायक है. राहत एवं बचाव कार्यों के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन तथा अन्य संबंधित टीमें युद्ध स्तर पर जुटी हुई हैं. इस संबंध में लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क में हूं और स्थिति की गहन निगरानी की जा रही है. ईश्वर से सभी के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं.
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