भारत ने दुनिया में 1.6 बिलियन खुराकों के साथ कोवि़ड वैक्सीन (Covid vaccine) की अधिकतम मात्रा में अग्रिम खरीद की है, लेकिन यह भारत के 59 प्रतिशत आबादी को ही कवर कर पाएगा.अमेरिका के ड्यूक विश्वविद्यालय (Duke University) के एक अध्ययन के अनुसार अमीर देशों और विकासशील देशों की वैक्सीन खरीद में एक बड़ा अंतर देखा गया है.उच्च आय वाले देशों ने अपनी पूरी आबादी को कई बार कवर करने के लिए अपनी आबादी से कहीं अधिक खुराक खरीद ली है.मध्य और निम्न-मध्यम आय वाले देश अभी सभी को टीका लगाने के हालत में नहीं हैं.
डेटा से पता चलता है कि एक बार कोवि़ड के लिए टीके जब बाजार में आ जाएंगे तो अधिकांश उच्च आय वाले देश ही इसे खरीद लेंगे.निम्न और मध्यम आय वाले देशों के लिए वो वैक्सीन पर्याप्त नहीं होगा. खुराक के संदर्भ में अगर देखा जाए तो भारत 1.6 अरब खुराक के साथ सूची में सबसे ऊपर है, इसके बाद यूरोपीय संघ है. जिसमें 6 अलग-अलग फर्मों से अब तक 1.36 बिलियन खुराक लिए हैं. इसके बाद अमेरिका है जिसने कुल 1.1 बिलियन डोज़ खरीदे हैं, उसके बाद COVAX- वैक्सीन गठबंधन - और फिर कनाडा और फिर यूके है.
लेकिन लेकिन अगर जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए देखा जाए तो, कनाडा जैसे देशों ने अपनी जनसंख्या से पांच गुना से अधिक टीकाकरण करने के लिए पर्याप्त वैक्सीन खरीदा है.अध्ययन से पता चलता है कि कनाडा ने अपनी आबादी के अनुपात में 601 प्रतिशत, अमेरिका ने 443 प्रतिशत, यूके 418 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया 266 प्रतिशत और यूरोपीय संघ 244 प्रतिशत को कवर करने के लिए पर्याप्त वैक्सीन खरीद ली है.
विकासशील देशों में, भारत अपनी जनसंख्या का केवल 59 प्रतिशत, मेक्सिको 84 प्रतिशत, ब्राज़ील 46 प्रतिशत और कजाकिस्तान 15 प्रतिशत जनसंख्या को शामिल कर सकेगा. फिलीपींस अपनी आबादी के केवल एक प्रतिशत के लिए पर्याप्त टीका के साथ तालिका में सबसे नीचे है.
हाल ही में भारत सरकार की तरफ से यह कहा भी गया था कि देश में सभी लोगों को वैक्सीन नहीं दी जाएगी.स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि सरकार ने पूरे देश में टीकाकरण के बारे में कभी नहीं कहा था. सरकार का प्रयास है कि वैक्सीन के सहयोग से संक्रंमण के दर को रोका जाए.
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि सरकार की तरफ से इस बात की सूची तैयार की जा रही है कि सबसे पहले टीका किसे दिया जाएगा. प्राथमिकता सूची में लगभग 1 करोड़ स्वास्थ्य पेशेवरों को सबसे उपर रखा गया है. जिसके बाद पुलिस और सशस्त्र बल के जवान, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को रखा गया है. फिलहाल पूरे विश्व में 260 वैक्सीन उम्मीदवार वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं.
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