प्रतीकात्मक फोटो
कोलकाता:
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने तीन तलाक और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के खिलाफ केंद्र सरकार के कदम का पुरजोर विरोध करने का फैसला किया है.
बंद कमरे में हो रहे एआईएमपीएलबी के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन यह फैसला किया गया. तीन तलाक, यूसीसी सहित मुस्लिमों के अन्य धार्मिक मामलों पर चर्चा के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और एआईएमपीएलबी की एक समिति के अध्यक्ष सुल्तान अहमद ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सम्मेलन में एकमत से फैसला किया गया कि हम तीन तलाक के बरकरार रहने के पक्ष में हैं और हम इसके खिलाफ सरकार के किसी भी कदम का विरोध करेंगे. हम समान नागरिक संहिता का भी विरोध करेंगे. तीन तलाक सदियों से चला आ रहा है और यह हमारे धार्मिक अधिकारों का हिस्सा है.’’
एआईएमपीएलबी पहले ही सरकार के कदम के खिलाफ एक हस्ताक्षर अभियान शुरू कर चुका है और देश भर की 10 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक की प्रथा के समर्थन में दस्तखत किए हैं. मुस्लिम युवकों को कथित तौर पर परेशान किए जाने के मुद्दे पर भी इस सम्मेलन में चर्चा हुई.
एआईएमपीएलबी के एक सदस्य ने अपने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमारे अध्यक्ष मौलाना रबे हसनी नदवी ने अपने संबोधन के दौरान साफ तौर पर कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार देश के मुस्लिमों, खासकर युवा पीढ़ी, को परेशान करने के एजेंडे पर काम कर रही है. सरकार की प्रवृति है कि मुस्लिमों को देश विरोधियों के तौर पर फंसाओ और परेशान करो.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों में दखल देने की कोशिश कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम इस महान धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य भारत का हिस्सा हैं. हम भाजपा सरकार के इन सांप्रदायिक मंसूबों के खिलाफ लड़ेंगे.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
बंद कमरे में हो रहे एआईएमपीएलबी के तीन दिवसीय सम्मेलन के दूसरे दिन यह फैसला किया गया. तीन तलाक, यूसीसी सहित मुस्लिमों के अन्य धार्मिक मामलों पर चर्चा के लिए सम्मेलन का आयोजन किया गया है.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद और एआईएमपीएलबी की एक समिति के अध्यक्ष सुल्तान अहमद ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सम्मेलन में एकमत से फैसला किया गया कि हम तीन तलाक के बरकरार रहने के पक्ष में हैं और हम इसके खिलाफ सरकार के किसी भी कदम का विरोध करेंगे. हम समान नागरिक संहिता का भी विरोध करेंगे. तीन तलाक सदियों से चला आ रहा है और यह हमारे धार्मिक अधिकारों का हिस्सा है.’’
एआईएमपीएलबी पहले ही सरकार के कदम के खिलाफ एक हस्ताक्षर अभियान शुरू कर चुका है और देश भर की 10 करोड़ से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं ने तीन तलाक की प्रथा के समर्थन में दस्तखत किए हैं. मुस्लिम युवकों को कथित तौर पर परेशान किए जाने के मुद्दे पर भी इस सम्मेलन में चर्चा हुई.
एआईएमपीएलबी के एक सदस्य ने अपने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हमारे अध्यक्ष मौलाना रबे हसनी नदवी ने अपने संबोधन के दौरान साफ तौर पर कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार देश के मुस्लिमों, खासकर युवा पीढ़ी, को परेशान करने के एजेंडे पर काम कर रही है. सरकार की प्रवृति है कि मुस्लिमों को देश विरोधियों के तौर पर फंसाओ और परेशान करो.’’ उन्होंने कहा कि भाजपा मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों में दखल देने की कोशिश कर रही है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम इस महान धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य भारत का हिस्सा हैं. हम भाजपा सरकार के इन सांप्रदायिक मंसूबों के खिलाफ लड़ेंगे.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, तीन तलाक, समान नागरिक संहिता, विरोध, केंद्र सरकार, AIMPLB, Teen Talaq, Oppose, Central Goverment