
शीना बोरा और इंद्राणी मुखर्जी (फाइल फोटो)
मुंबई:
शीना मर्डर मिस्ट्री की एक बड़ी पहेली आज उस समय हल हो गई जब इन्द्राणी के पहले पति सिद्धार्थ दास मीडिया के सामने आये और दावा किया कि शीना और मिखाइल के पिता वही हैं। लेकिन साथ ही ये भी बताया कि उन्होंने इन्द्राणी से शादी नहीं की थी।
गुवाहाटी में मीडिया से घिरे हेलमेट पहने हुए सिद्धार्थ दास ने कबूला कि शीना बोरा और मिखाइल बोरा के असली पिता वह ही हैं।
सिद्धार्थ के मुताबिक 1986 से 1989 तक वह और इन्द्राणी लिव इन रिलेशनशिप में थे। तभी शीना और मिखाइल पैदा हुए थे। लेकिन एक दिन अचानक इन्द्राणी उन्हें छोड़कर चली गई। उसके बाद उनकी इन्द्राणी से कोई मुलाकात नहीं हुई थी।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में इंद्राणी मुखर्जी ने चुप्पी साध रखी है। पुलिस का नया खुलाशा तो बहुत ही चौंकाने वाला है। नई कहानी के मुताबिक 25 अप्रैल की शाम इंद्राणी मुखर्जी, शीना की लाश को रायगढ़ में जलाने के लिए अपने साथ कार की सीट पर बगल में बिठाकर ले गई थी।
इससे पहले पुलिस के मुताबिक 24 अप्रैल 2012 की शाम हत्या के बाद इंद्राणी और संजीव खन्ना ने ड्राईवर की मदद से पहले शीना का शव सूटकेस में बंद कर कार की डिक्की में रखा और सो गए थे।
दूसरे दिन सुबह उठने के बाद दोनों ने पहले बैग से शीना का शव बैग से निकाला और उसे कार की पिछली सीट पर दोनों के बीच में बिठा लिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इंद्राणी ने ऐसा पुलिस नाकाबन्दी में पकड़े जाने से बचने के लिए किया था। क्योंकि नाकाबंदी में पुलिस अक्सर कार की डिक्की खोलकर देखती है और उसमें रखे सामान की जांच करती है।
गुवाहाटी में मीडिया से घिरे हेलमेट पहने हुए सिद्धार्थ दास ने कबूला कि शीना बोरा और मिखाइल बोरा के असली पिता वह ही हैं।
सिद्धार्थ के मुताबिक 1986 से 1989 तक वह और इन्द्राणी लिव इन रिलेशनशिप में थे। तभी शीना और मिखाइल पैदा हुए थे। लेकिन एक दिन अचानक इन्द्राणी उन्हें छोड़कर चली गई। उसके बाद उनकी इन्द्राणी से कोई मुलाकात नहीं हुई थी।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में इंद्राणी मुखर्जी ने चुप्पी साध रखी है। पुलिस का नया खुलाशा तो बहुत ही चौंकाने वाला है। नई कहानी के मुताबिक 25 अप्रैल की शाम इंद्राणी मुखर्जी, शीना की लाश को रायगढ़ में जलाने के लिए अपने साथ कार की सीट पर बगल में बिठाकर ले गई थी।
इससे पहले पुलिस के मुताबिक 24 अप्रैल 2012 की शाम हत्या के बाद इंद्राणी और संजीव खन्ना ने ड्राईवर की मदद से पहले शीना का शव सूटकेस में बंद कर कार की डिक्की में रखा और सो गए थे।
दूसरे दिन सुबह उठने के बाद दोनों ने पहले बैग से शीना का शव बैग से निकाला और उसे कार की पिछली सीट पर दोनों के बीच में बिठा लिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इंद्राणी ने ऐसा पुलिस नाकाबन्दी में पकड़े जाने से बचने के लिए किया था। क्योंकि नाकाबंदी में पुलिस अक्सर कार की डिक्की खोलकर देखती है और उसमें रखे सामान की जांच करती है।
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