प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' मनाने की जोरदार वकालत करने के बाद अपनी सरकार में 'आयुष' का अलग मंत्रालय बनाया है, जिसमें योग सहित अन्य प्राचीन स्वास्थ्य पद्धतियां आती हैं।
योग से अपनी दिनचर्या की शुरुआत करने वाले मोदी ने कल अपने मंत्रिपरिषद का विस्तार किया और राज्य मंत्री श्रीपद यसो नायक को आयुष का स्वतंत्र प्रभार सौंपा। आयुष के तहत आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी आते हैं। इससे पहले ये विभाग स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत आते थे।
विश्व नेताओं से भेंट के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भारत की प्राचीन व्यायाम पद्धति योग के लाभ का जिक्र करना नहीं भूलते। सितंबर में अमेरिका की यात्रा के दौरान भी उन्होंने इसका जिक्र किया था।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में 27 सितंबर को दिए अपने भाषण में योग को भारत की पुरातन और पारंपरिक अमूल्य देन बताते हुए उन्होंने इस विश्व संगठन द्वारा हर साल 21 जून को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रूप में मनाने का आग्रह किया था।
ऐसा आग्रह करते हुए उन्होंने कहा था कि योग मन, शरीर, विचार व कर्म, संयम व उपलब्धि की एकात्मकता का तथा मानव की प्रकृति के बीच सामंजस्य का मूर्त रूप है।
अमेरिका और चीन सहित 50 देशों ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का समर्थन किया है। हाल ही में भारत आए आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट को मोदी ने योग पर एक पुस्तक भेंट की थी।
संयुक्त राष्ट्र के अपने संबोधन में योग के बारे में मोदी ने कहा था कि योग केवल व्यायाम भर नहीं होकर अपने आप से तथा विश्व व प्रकृति के साथ तादतम्य को प्राप्त करने का माध्यम है। यह हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर तथा हम में जागरूकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक हो सकता है।
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