सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को किसानों की मांगों पर विचार करने का निर्देश देने की मांग, याचिका दाखिल

याचिका में कहा गया है कि किसानों के खिलाफ मानव अधिकारों के उल्लंघन के लिए एनएचआरसी से जांच रिपोर्ट भी मांगी जाए

सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को किसानों की मांगों पर विचार करने का निर्देश देने की मांग, याचिका दाखिल

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

किसान प्रदर्शन (Farmers Protest) पर एक और याचिका (Petition) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल की गई है. याचिका में मांग की गई है कि पिछले 12 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर किसान बैठे हैं लेकिन केंद्र सरकार चुप्पी साधे है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को निर्देश दे कि वह किसानों की मांगों पर विचार करे. किसानों को बुनियादी सुविधाएं भी प्रदान करे. 

किसानों के खिलाफ मानव अधिकारों के उल्लंघन के लिए एनएचआरसी से जांच रिपोर्ट भी मांगे और पुलिस बल द्वारा हमले का सामना करने वाले पीड़ित किसानों के लिए पर्याप्त मुआवजे की मांग भी की गई है. वकील जीएस मणि ने यह याचिका दाखिल की है. 

इससे पहले किसान आंदोलन के मामले में पिछले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है. इसमें दिल्ली की सीमाओं पर जमे किसानों को हटाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली-एनसीआर के सीमावर्ती इलाकों से किसानों को प्रदर्शन से तुरंत हटाने की मांग की गई है. 

याचिका में कहा गया है कि इस प्रदर्शन से COVID-19 के प्रसार का खतरा पैदा हो गया है. साथ ही लोगों को आने-जाने में भी दिक्कत हो रही है. याचिका में कहा गया है कि प्राधिकारियों को तुंरत बॉर्डर खुलवाने के आदेश दिए जाएं. साथ ही किसी निश्चित स्थान पर सामाजिक दूरी और मास्क आदि के साथ प्रदर्शन को शिफ्ट किया जाए.

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याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने COVID-19 को रोकने के लिए दिल्ली में आवश्यक आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को रोक दिया है. दिल्ली निवासी ऋषभ शर्मा द्वारा दायर याचिका में सीएए के विरोध पर शीर्ष अदालत के फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर प्रदर्शनकारियों द्वारा कब्जा नहीं किया जा सकता है और धरने के लिए एक विशिष्ट स्थान होना चाहिए.