नीरव मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक का साढ़े बाहर हजार करोड़ रुपये का घोटाला करके चंपत हो गया. अब सवाल ये है कि ये सारा पैसा गया कहां. अमेरिका में नीरव मोदी ने अपनी कंपनियों को दिवालिया क़रार देने के लिए जो कागजात जमा किए वो एनडीटीवी ने हासिल किए और उससे पता चलता है कि नीरव मोदी ने यूएई में घोस्ट कंपनियां यानी फर्ज़ी कंपनियों को ये पैसे भिजवाए जो वहां से अमेरिका में नीरव की कंपनियों को मिले.
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सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, नीरव मोदी को पंजाब नेशनल बैंक के एलओयू के जरिए जो पैसा मिल रहा था वह यूएई की कंपनी में जा रहा था. यूएई की जो कंपनी थी वो फर्जी कंपनियां थीं. उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि वह कंपनी क्या करती हैं और उनके पास पैसा कैसे गया. सीबीआई की एफआईआर में इन दोनों सप्लायर्स के नाम है जिनकों बैंक घोटाले की रकम दी गई. इसमें एक कंपनी है ट्राईकल और दूसरी कंपनी है पैसेफिक डायमंडस. ये दोनों कंपनी यूएई की है.
इस मामले में जब एनडीटीवी ने जांच की तो पाया कि एक कंपनी शारजहां की थी ट्राईकलर और दूसरी कंपनी दुबई की थी जिसका नाम था पैसिफिक डायमंडस. इन दोनों कंपनियों का नाम नीरव मोदी की एक और कंपनी के कागजात में नाम सामने आया है. हालांकि जब एनडीटीवी ने इन दोनों कंपनियों से संपर्क करने की कोशिश की तो कुछ पता नहीं चला. ना तो इन दोनों कंपनियों की कोई वेबसाइट है और ना ही फोन के जरिए कोई संपर्क हो सका.
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एनडीटीवी ने जब नीरव मोदी के दिवालिया निकलने के कागजात की जांच की तो पाया कि यूएई की कंपनियों को एलओयू के जरिए जो पैसा मिल रहा था. इन कंपनियों ने यह पैसा नीरव मोदी की अमेरिका स्थित कंपनियों को भिजवाया. नीरव की अमेरिका आधारित तीन कंपनियों को दिवालिया घोषित किया है उनमें से एक कंपनी ए जेफ कंपनी के कागजात में दुबई आधारित दोनों कंपनियां लेनदार के रूप में दिखाया गया है.
नीरव मोदी ने दिवालिया होने के जो कागजात कोर्ट में दाखिल किए है. वो कागजात एनडीटीवी को मिले है जिसके अनुसार, ए.जेफ (यह नीरव मोदी की न्यूयॉर्क में एक ज्वैलरी फर्म है) ने ट्राईकलर और पेसेफिक डायमंडस से छह मिलियन डॉलर का बकाया है.
VIDEO: नीरव मोदी का पैसा कहां गया ?
26 फरवरी को नीरव मोदी ने अमेरिका की कंपनियों को दिवालिया घोषित कर दिया है. इनमें फायरस्टार ग्रुप इंक एम, डेलावेयर/ए ए जैफ इंक, फायरस्टार डायमंड इंक डेलावेयर और फैन्टेसी इंक डेलावेयर कंपनियां है.
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सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, नीरव मोदी को पंजाब नेशनल बैंक के एलओयू के जरिए जो पैसा मिल रहा था वह यूएई की कंपनी में जा रहा था. यूएई की जो कंपनी थी वो फर्जी कंपनियां थीं. उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी कि वह कंपनी क्या करती हैं और उनके पास पैसा कैसे गया. सीबीआई की एफआईआर में इन दोनों सप्लायर्स के नाम है जिनकों बैंक घोटाले की रकम दी गई. इसमें एक कंपनी है ट्राईकल और दूसरी कंपनी है पैसेफिक डायमंडस. ये दोनों कंपनी यूएई की है.
इस मामले में जब एनडीटीवी ने जांच की तो पाया कि एक कंपनी शारजहां की थी ट्राईकलर और दूसरी कंपनी दुबई की थी जिसका नाम था पैसिफिक डायमंडस. इन दोनों कंपनियों का नाम नीरव मोदी की एक और कंपनी के कागजात में नाम सामने आया है. हालांकि जब एनडीटीवी ने इन दोनों कंपनियों से संपर्क करने की कोशिश की तो कुछ पता नहीं चला. ना तो इन दोनों कंपनियों की कोई वेबसाइट है और ना ही फोन के जरिए कोई संपर्क हो सका.
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एनडीटीवी ने जब नीरव मोदी के दिवालिया निकलने के कागजात की जांच की तो पाया कि यूएई की कंपनियों को एलओयू के जरिए जो पैसा मिल रहा था. इन कंपनियों ने यह पैसा नीरव मोदी की अमेरिका स्थित कंपनियों को भिजवाया. नीरव की अमेरिका आधारित तीन कंपनियों को दिवालिया घोषित किया है उनमें से एक कंपनी ए जेफ कंपनी के कागजात में दुबई आधारित दोनों कंपनियां लेनदार के रूप में दिखाया गया है.
नीरव मोदी ने दिवालिया होने के जो कागजात कोर्ट में दाखिल किए है. वो कागजात एनडीटीवी को मिले है जिसके अनुसार, ए.जेफ (यह नीरव मोदी की न्यूयॉर्क में एक ज्वैलरी फर्म है) ने ट्राईकलर और पेसेफिक डायमंडस से छह मिलियन डॉलर का बकाया है.
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26 फरवरी को नीरव मोदी ने अमेरिका की कंपनियों को दिवालिया घोषित कर दिया है. इनमें फायरस्टार ग्रुप इंक एम, डेलावेयर/ए ए जैफ इंक, फायरस्टार डायमंड इंक डेलावेयर और फैन्टेसी इंक डेलावेयर कंपनियां है.
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