केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने बढ़ते खाद संकट (Fertilizer Crisis) पर कहा कि खाद का थोड़ा सा शॉर्टेज (Shortage Of Fertilizer) है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खाद के दाम बढ़े हैं. कोशिश की जा रही है कि डीएपी की आपूर्ति ठीक से करें. साथ ही उन्होंने किसानों से अन्य विकल्पों पर विचार करने की भी अपील की. वहीं कृषि कानूनों (Agriculture Law) और किसान आंदोलन पर तोमर ने कहा कि यह कानून किसानों के हित के लिए लाए गए हैं. उन्होंने कहा कि देशभर के अधिकतर किसान बिल के समर्थन में हैं. कुछ लोगों का बिल को लेकर मतभेद है. उनके साथ भी संवेदनशीलता से चर्चा की है.
कृषि मंत्री ने कहा, "कृषि सुधार बिल किसानों के भले के लिए लाए गए हैं. अधिकांश किसान इसके समर्थन में हैं, अधिकांश यूनियन बिलों के समर्थन में खड़ी हुइ र्है. कुछ लोगों के साथ हमारे मतभेद थे, उनसे भी हमने संवेदनशीलता के साथ चर्चा की है. आने वाले कल में जब भी वो चाहेंगे और अन्य कोई प्रस्ताव लेकर आएंगे तो भारत सरकार चर्चा जरूर करेगी."
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इसके साथ ही उन्होंने कहा, '' सामान्य तौर पर डीएपी फर्टिलाइजर का शॉर्टेज है, क्योंकि हम डीएपी को इंपोर्ट करते हैं और उसके भाव भी बढ़े हैं. पिछले सीजन में जब भाव बढ़े थे तो एक बैग पर 1200 रुपये की सब्सिडी देने का निर्णय मोदीजी ने किया था, जिससे किसानों पर भार न बढ़े. अब एक बार फिर भाव बढ़ा तो 1600 रुपये प्रति बैग डीएपी पर सब्सिडी का निर्णय हुआ है. ''
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तोमर ने कहा कि डीएपी को मंगाया जा रहा है और कोशिश की जा रही है कि आपूर्ति ठीक से की जाए. उन्होंने किसानों से कहा कि हमें अन्य विकल्पों का भी उपयोग करते रहना चाहिए.
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