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This Article is From Mar 21, 2017

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के सामने मंत्रालयों का विभाजन बना पहली चुनौती, अड़ा एक पेंच

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के सामने मंत्रालयों का विभाजन बना पहली चुनौती, अड़ा एक पेंच
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा...
लखनऊ: शपथ ग्रहण के दो दिन बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज दिल्ली आने वाले हैं. माना जा रहा है कि आज पार्टी हाईकमान से मिलकर राज्य में मंत्रालयों के बंटवारे पर बातचीत हो सकती है. यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि जल्द ही मंत्रालयों का बंटवारा हो जाएगा. फ़िलहाल इस पर विचार-विमर्श चल रहा है.

इस बीच योगी सरकार ने सिर्फ़ अपने दो मंत्रियों सिद्धार्थ नाथ सिंह और श्रीकांत शर्मा को मीडिया से बातचीत के लिए अधिकृत किया है. इससे पहले सोमवार को सीएम योगी पहले ही दिन पूरी तरह ऐक्शन में दिखे. अधिकारियों को साफ़ कर दिया कि राज्य की क़ानून व्यवस्था में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. साथ ही सचिवों की बैठक में सभी को बीजेपी का चुनावी घोषणापत्र थमा कर उसके अनुसार ही योजनाएं बनाने का निर्देश दिया गया है. इस बीच डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने लखनऊ के मेयर पद से अपना इस्तीफ़ा दे दिया है.

शपथ ग्रहण के दो दिन बाद भी मंत्रालयों का बंटवारा न होने को लेकर सवाल उठने लगे हैं. कहा जा रहा है कि सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य दोनों ही गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं. इसकी वजह से देरी हो रही है. टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक़ पुरानी परंपराओं को देखते हुए गृह मंत्रालय सीएम योगी के पास ही रहेगा और आज मंत्रालयों का बंटवारा हो जाएगा.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ शपथ ग्रहण के एक दिन पहले ही दिल्ली में केशव प्रसाद मौर्य, यूपी प्रभारी ओम माथुर और यूपी के संगठन सचिव सुनील बंसल ने अमित शाह से मुलाक़ात की थी, तभी मंत्रियों के मंत्रालय तय हो गए थे. अमित शाह के क़रीबी सुनील बंसल ने सोमवार को लखनऊ में वीवीआईपी गेस्ट हाउस में सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाक़ात की थी जिसके बाद ये साफ़ है कि अमित शाह उत्तर प्रदेश सरकार में होने वाले मंत्रालयों के बंटवारे पर पूरी नज़र बनाए हुए हैं.

मंत्रालयों के बंटवारे में देरी क्यों?
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य दोनों ही गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहते हैं.
सोमवार को पूरे गृह मंत्रालय पर ही सर्वाधिक चर्चा हुई. वहीं, बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास ही गृह मंत्रालय रहेगा.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि दूसरे मंत्रालयों के बारे में शपथ ग्रहण से पहले चर्चा हो चुकी है और तय किया जा चुका है कि किसे कौन सा मंत्रालय दिया जाएगा. पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह सब पार्टी प्रमुख अमित शाह की देख-रेख में तय हुआ है.

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