मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार मोहन लाल ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव में सांसदों की संख्या बढ़ाने के लिए की बीजेपी की नजर अब दक्षिणी भारत की ओर है. इसके लिए बीजेपी केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में ऐसे चेहरों की तलाश कर रही है जो उनकी लोकसभा सीटें बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. वहीं आरएसएस भी पिछले काफी समय से दक्षिण भारत में काम कर रहा है और हाल ही में केरल में आई बाढ़ में भी आरएसएस ने काफी काम किया है. मलयालम फिल्मों के सुपरस्टार मोहन लाल ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है. जिसके बाद से उनकी बीजेपी में शामिल होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
मीडिया रिपोटर्स के अनुसार, मोहनलाल 2019 का लोकसभा चुनाव केरल की तिरूवनंतपुरम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि वह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके इसका खंडन कर चुके हैं. पर सोमवार को पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं. इस सीट से कांग्रेस के सांसद ने शशि थरूर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओ. राजगोपाल को हराया था. थरूर ने राजगोपाल को 13,000 से ज्यादा वोटों से हाराया था. बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी थी. वहीं राज्य के 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का मत प्रतिशत बढ़कर 14 फीसदी हो गया था लेकिन वह महज एक सीट जीत पाई थी. वहीं, 2011 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को महज छह फीसदी वोट मिले थे.
लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों की संख्या बढ़ाने के लिए भाजपा की नजर दक्षिणी भारत में गठबंधन की ओर है. उसके नेताओं का कहना है कि पार्टी अपना विकल्प खुला रखने के पक्ष में है ताकि 2019 में सत्ता में लौटने के लिए अधिक पार्टियों से समर्थन की आवश्यकता होने की स्थिति में जरूरी आंकड़े जुटाए जा सकें. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि वह किसी मजबूत क्षेत्रीय पार्टी के साथ गठबंधन करे या उसके साथ अपने संबंधों को मधुर बनाए रखे ताकि आवश्यकता होने पर उसका समर्थन हासिल किया जा सके. दक्षिण के शेष दो राज्यों में, कर्नाटक में भाजपा का प्रदर्शन परंपरागत रूप से अच्छा रहा है. वहीं केरल में कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाले दोनों गठबंधनों के बीच भगवा पार्टी अपनी चुनावी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए संघर्ष कर रही है.
कर्नाटक को छोड़कर इनमें से किसी भी राज्य में भाजपा प्रमुख ताकत नहीं है. ऐसे में पार्टी दक्षिण भारत में क्षेत्रीय दलों के साथ सौहार्द बनाए रखना चाहती है. एक पार्टी नेता ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि अन्नाद्रमुक के साथ मधुर संबंध होने के बाद भी भाजपा ने उसकी चिर-प्रतिद्वंद्वी पार्टी द्रमुक का तीखा विरोध करने से परहेज किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल बीमार द्रमुक नेता करुणानिधि को देखने गए थे. इसके साथ ही वह करूणानिधि के निधन के बाद भी पिछले महीने चेन्नई गए थे. भाजपा सूत्रों ने कहा कि वे तेलंगाना में अच्छी स्थिति में हैं और सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) ने संकेत दिया है कि वह भगवा पार्टी के साथ हाथ मिला सकती है. टीआरएस प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कांग्रेस की आलोचना करते रहे हैं.
मीडिया रिपोटर्स के अनुसार, मोहनलाल 2019 का लोकसभा चुनाव केरल की तिरूवनंतपुरम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. हालांकि वह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके इसका खंडन कर चुके हैं. पर सोमवार को पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चर्चाएं फिर से तेज हो गई हैं. इस सीट से कांग्रेस के सांसद ने शशि थरूर ने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओ. राजगोपाल को हराया था. थरूर ने राजगोपाल को 13,000 से ज्यादा वोटों से हाराया था. बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी थी. वहीं राज्य के 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का मत प्रतिशत बढ़कर 14 फीसदी हो गया था लेकिन वह महज एक सीट जीत पाई थी. वहीं, 2011 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को महज छह फीसदी वोट मिले थे.
लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सांसदों की संख्या बढ़ाने के लिए भाजपा की नजर दक्षिणी भारत में गठबंधन की ओर है. उसके नेताओं का कहना है कि पार्टी अपना विकल्प खुला रखने के पक्ष में है ताकि 2019 में सत्ता में लौटने के लिए अधिक पार्टियों से समर्थन की आवश्यकता होने की स्थिति में जरूरी आंकड़े जुटाए जा सकें. तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में भाजपा यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि वह किसी मजबूत क्षेत्रीय पार्टी के साथ गठबंधन करे या उसके साथ अपने संबंधों को मधुर बनाए रखे ताकि आवश्यकता होने पर उसका समर्थन हासिल किया जा सके. दक्षिण के शेष दो राज्यों में, कर्नाटक में भाजपा का प्रदर्शन परंपरागत रूप से अच्छा रहा है. वहीं केरल में कांग्रेस और माकपा के नेतृत्व वाले दोनों गठबंधनों के बीच भगवा पार्टी अपनी चुनावी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए संघर्ष कर रही है.
कर्नाटक को छोड़कर इनमें से किसी भी राज्य में भाजपा प्रमुख ताकत नहीं है. ऐसे में पार्टी दक्षिण भारत में क्षेत्रीय दलों के साथ सौहार्द बनाए रखना चाहती है. एक पार्टी नेता ने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि अन्नाद्रमुक के साथ मधुर संबंध होने के बाद भी भाजपा ने उसकी चिर-प्रतिद्वंद्वी पार्टी द्रमुक का तीखा विरोध करने से परहेज किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले साल बीमार द्रमुक नेता करुणानिधि को देखने गए थे. इसके साथ ही वह करूणानिधि के निधन के बाद भी पिछले महीने चेन्नई गए थे. भाजपा सूत्रों ने कहा कि वे तेलंगाना में अच्छी स्थिति में हैं और सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) ने संकेत दिया है कि वह भगवा पार्टी के साथ हाथ मिला सकती है. टीआरएस प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कांग्रेस की आलोचना करते रहे हैं.
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