
- उत्तर प्रदेश में जिलों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और सरकारी इमारतों के नाम बदलने की मांगें नियमित उठती रहती हैं.
- उमा भारती ने शाहजहांपुर जिले का नाम किसी स्वतंत्रता सेनानी या समाज सुधारक के नाम पर बदलने का सुझाव दिया.
- BJP विधायक केतकी सिंह ने गाजीपुर जिले का नाम बदलकर परशुराम के पिता महर्षि गौतम के नाम पर रखने की मांग की है.
Districts Name Change Demand: उत्तर प्रदेश में जिलों, मोहल्लों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, चौराहे से लेकर कॉलेज और सरकारी इमारतों के नाम बदलने की अक्सर चर्चा चलती हैं. कई जगहों के नाम बदले भी गए और कई जगहों के नाम बदलने की मांग होती रही है. यूपी की राजनीति में अब कुछ जिलों के नाम बदलने की मांग एक बार फिर से तेज होती दिखाई दे रही है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने जहां शाहजहांपुर का नाम बदलने की मांग की है तो वहीं बीजेपी की महिला विधायक केतकी सिंह गाजीपुर का नाम बदलवाना चाहती हैं.
उमा भारती ने शाहजहांपुर नाम बदलने की मांग उठाई
उमा भारती का कहना है कि उन्हें लगता है कि शाहजहांपुर का नाम बदला जाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह करने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक जिले का नाम किसी स्वतंत्रता सेनानी, संत या समाज सुधारक के नाम पर होना चाहिए, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक हो.
केतकी सिंह ने कहा- गाजीपुर नाम कलंक जैसा लगता है
यूपी के बलिया के बांसडीह विधानसभा सीट से BJP विधायक केतकी सिंह ने अपने पड़ोसी जिले गाजीपुर का नाम बदलने की मांग उठा दी है. उन्होंने कहा कि गाजीपुर नाम कलंक जैसा लगता है. इस तरह के नामों को बदलने का काम आजादी के बाद से ही किया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अपना इतिहास और अपना नाम रखने में कुछ भी गलत नहीं है.
आक्रमणकारियों का महिमामंडन बंद होः केतकी सिंह
केतकी सिंह ने कहा, 'ऐसे सभी नाम जो अपमान के समय की याद दिलाते हैं, आक्रमणकारियों को महिमामंडित करने और उनकी प्रशंसा करने के लिए रखे गए हैं, उसे हटा देना चाहिए. महापुरुषों की जन्मस्थली का नाम उनके नाम पर रखा जाना चाहिए. मैं चाहती हूं कि गाजीपुर जिले का नाम बदला जाना चाहिए.'
मसूद गाजी के नाम पर रखा गया था गाजीपुर का नाम
विधायक ने दावा किया कि गाजीपुर का इतिहास परशुराम के पिता महर्षि गौतम से जुड़ा है. ऐसे में विधायक ने कहा कि गाजीपुर का नाम महर्षि गौतम से जुड़ा हुआ रखा जाना चाहिए. बताते चले कि यूपी के गाजीपुर जिले का नाम सैयद सालार मसूद गाजी के नाम पर रखा गया था. जिसने 1330 ईस्वी में इसकी स्थापना की थी.
इलाहाबाद, फैजाबाद, चंदौली का नाम बदला जा चुका
बात करें ज़िलों के नामों की तो इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज, फैजाबाद का नाम अयोध्या और चंदौली का नाम दीन दयाल उपाध्याय नगर बदला जा चुका है. बीजेपी सरकार ने इन ज़िलों के नाम बदले हैं. हालांकि ऐसा नहीं कि नाम सिर्फ़ बीजेपी सरकार में ही बदले गए. सपा और बसपा शासन में भी कुछ ज़िलों के नामों में बदलाव किए गए थे.
कानपुर देहात और भदोही का नाम भी बदला जा चुका है
योगी सरकार से पहले की सरकारों की बात करें तो तब भी नामों में बदलाव किए गए थे. जैसे बसपा सरकार में कानपुर देहात का नाम रमाबाई अम्बेडकरनगर रखा गया था, लेकिन सपा सरकार ने बदलकर वापस कानपुर देहात कर दिया. इसी तरह भदोही जिले का नाम संत रविदास नगर रखा गया लेकिन बाद में फिर से उसे भदोही कर दिया गया.
शहरों के अलावा कई ज़िलों में नगर निगमों, नगर पालिकों और नगर पंचायतों में वॉर्ड के नामों में भी बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिलते रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में जिन ज़िलों के नामों को लेकर अक्सर बदलाव की मांग उठती रही है, उनमें अलीगढ़, फ़िरोज़ाबाद, आज़मगढ़, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर, बहराइच, लखनऊ, मिर्ज़ापुर, मुरादाबाद, फतेहपुर, ग़ाज़ीपुर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर शामिल है. इनमें से कुछ ज़िलों में नगर निगमों या पालिकों में प्रस्ताव आया लेकिन राज्य सरकार ने इसपर कोई फ़ैसला नहीं किया. देखना होगा नए सिरे से हो रही मांगों को क्या राज्य सरकार गंभीरता से लेकर बदलाव करने का काम करेगी.
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