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This Article is From Dec 12, 2021

नए मतदाताओं के नामांकन के लिए चार ‘कट-ऑफ’ तारीखें रखने की योजना है: कानून मंत्रालय

केवल पात्रता या ‘कट-ऑफ’ तिथि के कारण, दो जनवरी को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले व्यक्ति को पंजीकृत नहीं किया जा सकता है. इसलिए जो व्यक्ति एक जनवरी के बाद 18 साल का हो जाता है, उसे पंजीकरण के लिए अगले साल का इंतजार करना पड़ता है.

नए मतदाताओं के नामांकन के लिए चार ‘कट-ऑफ’ तारीखें रखने की योजना है: कानून मंत्रालय
निर्वाचन आयोग द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण चुनावी सुधार प्रस्तावों को तैयार किया जा रहा है.
नई दिल्ली:

कानून मंत्रालय (Law Ministry) का कहना है कि निर्वाचन कानून (Election Law) में संशोधन करके लोगों को मतदाता के रूप में नामांकित करने के लिए हर साल चार ‘कट-ऑफ' तारीखें रखने की योजना विचाराधीन है. इस कदम से लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनावों के लिए एक आम मतदाता सूची बनाने में मदद मिलेगी और यह भी सुनिश्चित हो सकेगा कि अधिक पात्र युवा मतदाता बनें. याद रहे भारत निर्वाचन आयोग (ECI) अधिक पात्र लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति देने के लिए कई ‘कट-ऑफ' तारीखों पर जोर दे रहा है. अब तक, किसी विशेष वर्ष में होने वाले चुनाव के लिए, केवल वही व्यक्ति मतदाता सूची में नामांकित होने के लिए पात्र है, जो उस वर्ष की एक जनवरी या उससे पहले की स्थिति में 18 वर्ष की आयु का हो चुका है.

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ईसीआई ने सरकार को बताया था कि इस उद्देश्य के लिए निर्धारित एक जनवरी की ‘कट-ऑफ' तारीख कई युवाओं को एक विशेष वर्ष में होने वाले चुनाव में भाग लेने से वंचित करती है. केवल पात्रता या ‘कट-ऑफ' तिथि के कारण, दो जनवरी को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले व्यक्ति को पंजीकृत नहीं किया जा सकता है. इसलिए जो व्यक्ति एक जनवरी के बाद 18 साल का हो जाता है, उसे पंजीकरण के लिए अगले साल का इंतजार करना पड़ता है.

कानून मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को बताया है कि ‘‘लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 14 (बी) में संशोधन करने का प्रस्ताव है, जिसमें हर साल चार तिथियां (या कट-ऑफ तिथियां) एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर शामिल हैं. कानून मंत्रालय ने कहा कि एक व्यापक मसौदा कैबिनेट नोट ‘‘इस प्रस्ताव (चार तिथियों के संबंध में) के साथ-साथ निर्वाचन आयोग द्वारा उठाए गए कुछ अन्य महत्वपूर्ण चुनावी सुधार प्रस्तावों को तैयार किया जा रहा है.''

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कानून और कार्मिक संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने शुक्रवार को लोकसभा में ‘‘कानून और न्याय मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों (2021-22) पर समिति की 107वीं रिपोर्ट पर की गई कार्यवाही'' पर अपनी 109वीं रिपोर्ट पेश की थी.
समिति ने अपने पहले के अवलोकन का उल्लेख किया जहां उसने देश में एक आम मतदाता सूची के कार्यान्वयन के लिए अपनी सिफारिश दोहराई थी और इच्छा व्यक्त की थी कि इस संबंध में ‘‘सभी प्रयास'' किए जाने चाहिए. मंत्रालय ने कहा - ‘‘इसलिए, अब तक लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों दोनों के लिए एक समान मतदाता सूची है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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