'देश में हिंदू आबादी घट रही क्‍योंकि वे धर्म परिवर्तन नहीं कराते': केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू

'देश में हिंदू आबादी घट रही क्‍योंकि वे धर्म परिवर्तन नहीं कराते': केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू

किरन रिजिजू ने कांग्रेस पर पलटवार किया.

खास बातें

  • किरन रिजिजू ने कांग्रेस पर किया प्रहार
  • कांग्रेस पर भड़काऊ बयानबाजी का लगाया आरोप
  • असदुद्दीन ओवैसी ने रिजिजू पर बोला हमला
नई दिल्‍ली:

केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू एक नए विवाद में फंस गए लगते हैं. उनके मुताबिक़ हिंदुओं की आबादी इसलिए घट रही है कि वो धर्म परिवर्तन नहीं करते. दरअसल केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने ये बयान दिया तो था अरुणाचल प्रदेश को लेकर लेकिन उनका बयान यूपी के चुनावी दंगल में ध्रुविकरण को हवा देने वाला साबित हो सकता है. गृह राज्यमंत्री ने एनडीटीवी इंडिया से कहा, 'हिंदूयों की आबादी इसलिए घट रही है क्योंकि वो धर्म परिवर्तन नहीं करते.' दरअसल कांग्रेस ने यह आरोप लगाया है कि अरुणाचल प्रदेश को नरेंद्र मोदी की सरकार हिंदू राज्य में तब्दील कर रही है. इस आरोप पर किरेन रिजीजू की सफ़ाई ने विवाद और बढ़ा दिया. रिजीजू ने कहा, 'भारत में सभी धर्म के लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हैं, नरेंद्र मोदी क्यों किसी का धर्म परिवर्तन करेंगे.'
 


उन्‍होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को इस तरह के भड़काऊ बयान नहीं देने चाहिए. भारत एक सेक्‍युलर देश है. यहां सभी धार्मिक समूहों को आजादी मिली है और वे सभी शांतिपूर्ण ढंग से रहते हैं. उन्‍होंने सवालिया लहजे में कहा, कांग्रेस आखिर क्‍यों इस तरह के गैर-जिम्‍मेदार बयान दे रही है? अरुणचल प्रदेश के लोग एक साथ एकजुट होकर शांतिपूर्ण ढंग से रह रहे हैं. रिजिजू अरुणाचल प्रदेश से लोकसभा सदस्‍य हैं. वहां पिछले एक साल से राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है. इसके चलते साल भर में वहां चार मुख्‍यमंत्री बने. इस वक्‍त वहां पेमा खांडू के नेतृत्‍व में बीजेपी-पीपीपी की सरकार है.

रिजिजू के ट्वीट के जवाब में हैदराबाद के एमपी और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा है कि वह केवल हिंदुओं के नहीं बल्कि पूरे भारत के मंत्री हैं. उन्‍हें अपने मंत्री पद की शपथ रखनी चाहिए.

इसके पहले भी सांसद योगी आदित्यनाथ समेत कई बीजेपी नेता ऐसे बयान देते रहे हैं, लेकिन इस बार गृह राज्यमंत्री का बयान आया है जिसकी अपनी गंभीरता है. वैसे भारतीय राजनीति में भड़काने वाले बयान नए नहीं हैं. अक्सर प्रधानमंत्री ने अपने नेताओं को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है. लेकिन इस बार उनके मंत्रिमंडल के भीतर से ये बयान आया है जिस पर निस्संदेह सवाल खड़े होंगे.

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