आरएसएस ने गुरमेहर कौर को धमकी देने वाले को गिरफ्तार करने की मांग की है.
नई दिल्ली:
चर्चित दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रा गुरमेहर कौर को धमकी मिलने के मामले में आरोपों की झड़ी भले ही बीजेपी की विद्यार्थी इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) पर लगी है, लेकिन बीजेपी की मातृ संस्था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को धमकी देने वालों को गिरफ्तार करने की मांग करके अपना नजरिया साफ कर दिया. संघ ने साफ कहा है कि मामले की जांच होनी चाहिए और दोषी किसी भी संगठन का हो, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
आरएसएस के प्रांतीय संघचालक बृजभूषण सिंह बेदी ने शुक्रवार को पंजाब के जालंधर में एक बयान जारी किया जिसमें इस मामले को लेकर संघ का रुख स्पष्ट कर दिया गया. बेदी ने कहा कि किसी भी महिला अथवा युवती के खिलाफ असम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना अथवा उसे धमकी देना हमारी संस्कृति के खिलाफ है. संघ इसके बिल्कुल खिलाफ है.
बेदी ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि वह पूरे मामले की जांच कराए और दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करे, चाहे किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से ताल्लुक रखता हो. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति महिलाओं का सम्मान करने वाला है. संघ उस भारतीय संस्कृति का पक्षधर है. शत्रु पक्ष की महिलाओं को भी आदर और सम्मान दिया जाता है और इसी का पालन करते हुए शिवाजी महाराज ने अपने शत्रु की पत्नी को माता कहकर संबोधित किया था.
गौरतलब है कि एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के वायरल होने के बाद छात्रा गुरमेहर कौर ने आरोप लगाया था कि उसे दुष्कर्म करने की धमकी मिली है. करगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने कहा था कि उसके रुख के कारण उसे नफरत भरे संदेश मिले हैं. वह लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा है.
गुरमेहर ने एनडीटीवी से कहा था "सोशल मीडिया पर मुझे काफी धमकी मिल रही है. मुझे लगता है कि यह बहुत डरावना है जब लोग आपको हिंसा या दुष्कर्म की धमकी देते हैं." उन्होंने कहा था कि राष्ट्रवाद के नाम पर दुष्कर्म की धमकी देना सही नहीं है. उनके बयान को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित चौतरफा समर्थन मिला है.
रामजस कॉलेज के सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को वक्ता के तौर पर बुलाए जाने का एबीवीपी के छात्र विरोध करने पहुंचे थे. विरोध हिंसक होने पर करीब 20 छात्र घायल हो गए थे. उमर खालिद राजद्रोह के मामले में आरोपी हैं. छात्रा गुरमेहर ने 140 शब्दों के फेसबुक पोस्ट में हंगामे का वर्णन किया. गुरमेहर एबीवीपी के खिलाफ 'टायरनी ऑफ फियर' नाम से फेसबुक कैंपने भी चला रही थीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
इस घटना के विरोध में गुरमेहर ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल तस्वीर बदल दी. इस तस्वीर में लिखा कि 'मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हूं, मैं एबीवीपी से नहीं डरी हूं. मैं अकेली नहीं हूं. देश का हर छात्र मेरे साथ ही. #StudentsAgainstABVP.'
गुरमेहर की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. उस पर भारी संख्या में कमेंट आने शुरू हो गए. जालंधर की रहने वाली शहीद की बेटी ने एबीवीपी की हरकत को क्रूर और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था.
(इनपुट एजेंसी से भी)
आरएसएस के प्रांतीय संघचालक बृजभूषण सिंह बेदी ने शुक्रवार को पंजाब के जालंधर में एक बयान जारी किया जिसमें इस मामले को लेकर संघ का रुख स्पष्ट कर दिया गया. बेदी ने कहा कि किसी भी महिला अथवा युवती के खिलाफ असम्मानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना अथवा उसे धमकी देना हमारी संस्कृति के खिलाफ है. संघ इसके बिल्कुल खिलाफ है.
बेदी ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि वह पूरे मामले की जांच कराए और दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करे, चाहे किसी भी राजनीतिक दल या संगठन से ताल्लुक रखता हो. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति महिलाओं का सम्मान करने वाला है. संघ उस भारतीय संस्कृति का पक्षधर है. शत्रु पक्ष की महिलाओं को भी आदर और सम्मान दिया जाता है और इसी का पालन करते हुए शिवाजी महाराज ने अपने शत्रु की पत्नी को माता कहकर संबोधित किया था.
गौरतलब है कि एबीवीपी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट के वायरल होने के बाद छात्रा गुरमेहर कौर ने आरोप लगाया था कि उसे दुष्कर्म करने की धमकी मिली है. करगिल शहीद कैप्टन मनदीप सिंह की बेटी गुरमेहर कौर ने कहा था कि उसके रुख के कारण उसे नफरत भरे संदेश मिले हैं. वह लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा है.
गुरमेहर ने एनडीटीवी से कहा था "सोशल मीडिया पर मुझे काफी धमकी मिल रही है. मुझे लगता है कि यह बहुत डरावना है जब लोग आपको हिंसा या दुष्कर्म की धमकी देते हैं." उन्होंने कहा था कि राष्ट्रवाद के नाम पर दुष्कर्म की धमकी देना सही नहीं है. उनके बयान को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित चौतरफा समर्थन मिला है.
रामजस कॉलेज के सेमिनार में जेएनयू के छात्र उमर खालिद को वक्ता के तौर पर बुलाए जाने का एबीवीपी के छात्र विरोध करने पहुंचे थे. विरोध हिंसक होने पर करीब 20 छात्र घायल हो गए थे. उमर खालिद राजद्रोह के मामले में आरोपी हैं. छात्रा गुरमेहर ने 140 शब्दों के फेसबुक पोस्ट में हंगामे का वर्णन किया. गुरमेहर एबीवीपी के खिलाफ 'टायरनी ऑफ फियर' नाम से फेसबुक कैंपने भी चला रही थीं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ.
इस घटना के विरोध में गुरमेहर ने अपनी फेसबुक प्रोफाइल तस्वीर बदल दी. इस तस्वीर में लिखा कि 'मैं दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा हूं, मैं एबीवीपी से नहीं डरी हूं. मैं अकेली नहीं हूं. देश का हर छात्र मेरे साथ ही. #StudentsAgainstABVP.'
गुरमेहर की यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. उस पर भारी संख्या में कमेंट आने शुरू हो गए. जालंधर की रहने वाली शहीद की बेटी ने एबीवीपी की हरकत को क्रूर और लोकतंत्र के लिए खतरा बताया था.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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