लॉकडाउन 4 खत्म होने से पहले एक जून से अपनाई जाने वाली रणनीति बनाने में जुटा पीएमओ

Coronavirus: प्रधानमंत्री कार्यालय राज्यों से प्राप्त डाटा और फीड बैक के आधार पर आगे के लिए लेगा फैसला, केंद्र पिछले 12 दिनों के आकड़ों को लेकर चिंतित

नई दिल्ली:

Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन 4.0 समाप्त होने से पहले प्रधानमंत्री कार्यालय पिछले चौंसठ दिनों के लॉकडाउन की पूर्ण समीक्षा करने में व्यस्त है. गृह मंत्रालय (MHA) और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर एक जून से अपनाई जाने वाली संबंधित रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 

भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि “पिछले कई दिनों से यहां लगातार समीक्षा की जा रही है लेकिन आखिरकार यह एक राजनीतिक फ़ैसला होगा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून को जारी रखना है, या राज्यों को एक जून से अंतिम रूप देना है कि वे किस तरह से आगे बढ़ना चाहते हैं.” उनके अनुसार निर्णय पीएमओ द्वारा राज्य प्रशासन से प्राप्त डाटा और फीड बैक पर आधारित होगा. अधिकारी उस डेटा को स्कैन भी कर रहे हैं जो केंद्र ने स्वतंत्र रूप से एकत्रित किया है.

केंद्र हालांकि पिछले 12  दिनों के आकड़ों को लेकर चिंतित है क्योंकि कोविड पॉज़िटिव और क्वारंटाइन दोनों के मामलों में दुगना इज़ाफ़ा हुआ है. केंद्र सरकार को इस बात का भी अहसास है कि लॉकडाउन हमेशा नहीं लागू किया जा सकता. गतिविधियां और इकॉनामी बेशक से धीरे-धीरे खोलने की जरूरत है.

सरकार को इस बात की भी चिंता है कि COVID-19 का मुकाबला करने की अपनी रणनीति को लेकर उसे विपक्षी दलों से सिर्फ़ आलोचना ही मिल रही है.  कार्य अधिक चुनौतीपूर्ण इसीलिए भी है क्योंकि राज्य के मुख्यमंत्रियों ने पिछले 64 दिनों में कई बार केंद्र को अपना रुख बदलने को कई बार मजबूर किया है. कई बार उसकी नीतियों  के खिलाफ अपनी राय सबके सामने भी दी है.

इस बीच सरकार जिस डेटा को देख रही है उसे NDTV ने भी एक्सेस किया है और यह डेटा साफ़ करता है कि सरकार लॉकडाउन खत्म करने के लिए हिचक क्यों रही है. डेटा के मुताबिक़ 27 मई को 147284 मामले COVID पॉजिटिव के हैं, लेकिन बड़ी चिंता 2281250 लोगों की है जो कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्वारंटाइन में हैं. बारह दिन पहले यानी 14 मई को 77152 कोविड पॉजिटिव मामले थे और 1195645 लोग क्वारंटाइन में थे.

अधिकारी राज्य का ग्राफ ऊपर की ओर दिखा रहे हैं क्योंकि न केवल अधिक परीक्षण किए जा रहे हैं बल्कि केंद्र द्वारा दी जा रही छूटों के कारण भी. एक अधिकारी बताते हैं कि "प्रवासी श्रमिकों के आंदोलन, अंतरराष्ट्रीय निकासी और घरेलू उड़ानों की शुरुआत ने दोनों संख्याओं को जोड़ा है." उनके अनुसार, जिन राज्यों ने बहुत अंतर के बाद ट्रेनों की आवाजाही देखी है वहां दोनों आंकड़ों के ग्राफ में तेजी देखी गई है.

सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र में 27 मई को 602822 लाख से अधिक लोग क्वारंटाइन में हैं, बारह दिन पहले यह संख्या 297282 थी. गुजरात में अब 442597 लाख क्वारंटाइन हैं जबकि बारह दिन पहले यह 208537  था. 27 मई को उत्तर प्रदेश में  361118 लाख लोगों को क्वारंटाइन में  रखा गया था, जबकि 14 मई को यह संख्या 230137  थी.

इसी प्रकार बिहार में अब 210854 लाख लोग क्वारंटाइन में हैं, जबकि बारह दिन पहले यह आंकड़ा 117346 था. छत्तीसगढ़ में अब 186566 लोग क्वारंटाइन में हैं, जबकि यह संख्या 14 मई को 42983 थी. 14 मई को ओडिशा ने 118930 लाख लोगों को क्वारंटाइन में दर्ज किया गया था. 

एक अधिकारी ने कहा, "ये सभी राज्य हैं जहां बहुत सारे अंतर जिला मूवमेंट और प्रवासी मूवमेंट दर्ज किए गए थे.एमएचए के अनुसार अब तक 35 लाख प्रवासी श्रमिक ट्रेनों में यात्रा कर चुके हैं और 40 लाख ने बसों द्वारा यात्रा की जा है.

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