आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस की मदद से होगी कोरोना मरीजों की पहचान, गांवों में जांच में आसानी 

 इस तकनीक का नाम एक्सरे सेतु रखा गया है. कम रेजोल्यूशन वाली फोटो को मोबाइल के जरिये भेजा जा सकता है. इसके जरिये तेज गति से जांच करने और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का आसानी से पता लगाने में मदद मिलेगी.

आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस की मदद से होगी कोरोना मरीजों की पहचान, गांवों में जांच में आसानी 

x-ray Setu से कम समय में कोरोना के मरीजों की पहचान संभव होगी

खास बातें

  • इस तकनीक का नाम एक्सरे सेतु रखा गया है
  • कम रेजोल्यूशन वाली फोटो को मोबाइल के जरिये भेजा जा सकता है
  • गांवों में दूरदराज से ही कोरोना संक्रमण की जांच में मिलेगी मदद
बेंगलुरु :

कोरोना मरीजों की पहचान अब आर्टीफीशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence) की मदद से भी की जाएगी. एक स्टार्टअप ने (एआई) आधारित एक प्लेटफॉर्म तैयार किया है. इससे छाती के एक्सरे के कम रेजोल्यूशन की तस्वीर से भी डॉक्टर बीमारी का पता लगा सकते हैं. साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग (Department of Science and Technology)ने यह जानकारी दी है. इस तकनीक का नाम एक्सरे सेतु (Xray Setu) रखा गया है. कम रेजोल्यूशन वाली फोटो को मोबाइल के जरिये भेजा जा सकता है. इसके जरिये तेज गति से जांच करने और ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का आसानी से पता लगाने में मदद मिलेगी.

नए कृत्रिम बृद्धिमत्ता मॉडल से और प्रभावी तरीके से हो सकता है कैंसर का इलाज: अध्ययन

विभाग ने कहा, ‘एआई एंड रोबोटिक टेक्नोलॉजी पार्क को भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु ने स्थापित किया है. बेंगलुरु के हेल्थ टेक स्टार्टअप निरामय और भारतीय विज्ञान संस्थान ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर एक्सरे सेतु का विकास किया है. इसे कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान करने और व्हाट्सऐप के जरिये उनकी छाती के एक्सरे को कम रेजोल्यूशन पर डॉक्टर तक भेजने की सुविधा के लिये तैयार किया गया है.

इसमें प्रभावित इलाकों का विश्लेषण और रंगों के जरिये हीटमैप कर समीक्षा भी की जाएगी. यह समीक्षा डॉक्टरों के लिए उपलब्ध रहेगी, ताकि वे आसानी से हालात के बारे में जान सकें. इससे भारत के दूरदराज इलाकों से 1200 से अधिक रिपोर्ट मिली हैं. स्वास्थ्य की जांच करने के लिये किसी भी डॉक्टर को एक वेबसाइट पर जाकर ‘ट्राई दी फ्री एक्सरे सेतु बीटा' बटन को क्लिक करना है.

उसके बाद यह प्लेटफार्म उन्हें सीधे दूसरे पेज पर ले जाएगा, जहां डॉक्टर वेब या स्मार्टफोन एप्लीकेशन के जरिये व्हाट्सऐप आधारित चैटबॉट से जुड़ जाएंगे.डॉक्टर एक्सरे सेतु सेवा शुरू करने के लिये एक नंबर पर व्हाट्सऐप संदेश भेज सकते हैं. उन्हें बस मरीज की एक्सरे इमेज को क्लिक करना है और चंद मिनटों में ही संबंधित तस्वीरें और निदान की पूरी व्याख्या वाले दो पेज निकल आएंगे. रिपोर्ट में डॉक्टरों की सुविधा के लिये हीटमैप का भी उल्लेख रहेगा.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान ने 1,25,000 से अधिक एक्स-रे तस्वीरों को इस तरीके से जांचा है. एक्सरे सेतु से एक हजार से अधिक भारतीय कोविड मरीजों की जानकारी हासिल की गई है,  इसके शानदार नतीजे निकले हैं. आंकड़ों की सटीकता 74.74 प्रतिशत है. इस प्लेटफार्म से टीबी, निमोनिया समेत फेफड़े संबंधी 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगाया जा सकता है.