हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) से मुलाकात के बाद कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संघों और सरकार के बीच वार्ता के अगले दौर के लिए रास्ता एक या दो दिन में निकल सकता है. हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने प्रदर्शन शुरू होने के बाद से दूसरी बार तोमर से उनके आवास पर मुलाकात की है. इससे पहले खट्टर ने 8 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री से मुलाकात की थी.
दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन करते हुए किसानों को 24 दिन हो गए हैं. खट्टर के हवाले से हरियाणा सरकार के एक बयान में कहा गया, ‘‘एक या दो दिन में बातचीत के लिए रास्ता निकल सकता है. अगर किसान संघों के नेता ‘हां' या ‘नहीं' में उत्तर की मांग छोड़कर आगे आते हैं तो सरकार बातचीत के लिए तैयार है.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने तोमर से किसानों के प्रदर्शन के बारे में बातचीत की. उन्होंने कहा, ‘‘वार्ता के जरिए समाधान निकालने का प्रयास है.''
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खट्टर ने कहा कि सरकार ने जो किया है, उससे अधिक जाकर कृषि कानूनों में परिवर्तन के बारे में सोच सकती है. सतलुज यमुना लिंक नहर विवाद पर मुख्यमंत्री ने पंजाब के किसानों से इस मुद्दे को गंभीरता से लेने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि पंजाब में अत्यधिक पानी की वजह से फसलें बर्बाद होती हैं और इसलिए मुद्दे का समाधान जरूरी है.
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इससे एक दिन पहले ही भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा के रोहतक में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन में भाग लिया था. सर छोटू राम मंच के सदस्यों ने धरना का आयोजन किया था. बीरेंद्र सिंह आजादी के पहले के दौर में किसानों के हितों के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध जाट नेता सर छोटू राम के पौत्र हैं.
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