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बार काउंसिल ऑफ इंडिया के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से मुलाकात की.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने रविवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) के एक प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा सार्वजनिक तौर पर उनके खिलाफ की गई टिप्पणी से उपजे संकट को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.
देश में वकीलों के सर्वोच्च संगठन बीसीआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा से रविवार को उनके आवास पर तकरीबन 50 मिनट तक बातचीत की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने सौहार्दपूर्ण माहौल में सीजेआई से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि सब कुछ जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.’’
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मनन मिश्रा ने बताया कि सीजेआई से मुलाकात के पहले प्रतिनिधिमंडल ने चार में से तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों से भी मुलाकात की, जिन्होंने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, लोकुर और जोसेफ से मुलाकात की. इन न्यायाधीशों ने भी आश्वासन दिया कि संकट का समाधान निकाल लिया जाएगा. बीसीआई अध्यक्ष ने इस बात का उल्लेख नहीं किया कि उन्होंने न्यायमूर्ति गोगोई से मुलाकात की या नहीं , जो शहर से बाहर हैं. न्यायमूर्ति गोगोई अगले सीजेआई बनने की कतार में हैं.
यह भी पढ़ें : पूर्ण पीठ न्यायाधीशों के बीच मतभेद का करे समाधान : सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन
वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने रविवार को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा से मुलाकात की और एक प्रस्ताव सौंपा, जिसमें संघ ने वर्तमान संकट के समाधान के लिए पूर्ण पीठ बुलाने की मांग की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शीर्ष न्यायालय के दो अन्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर से उनके आवास पर मुलाकात की, जिन्होंने संवाददाता सम्मेलन की अगुवाई की थी.
बीसीआई प्रतिनिधिमंडल ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा से भी मुलाकात की, जो विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की मौत की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई को लेकर चर्चा के केंद्र में हैं.
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उधर, विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया के पुत्र ने मुंबई में कहा कि उनके पिता की मौत स्वाभाविक कारणों से हुई थी, न कि संदिग्ध परिस्थितियों में. राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई के दौरान लोया की मौत की परिस्थितियों की जांच की मांग को लेकर शीर्ष न्यायालय में याचिका दायर की गई है. यह भी एक मामला है जिसको लेकर प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी की गई.
सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने शुक्रवार को अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन कर सीजेआई के खिलाफ ‘चयनित’ तरीके से मामले आवंटित करने और कुछ न्यायिक आदेशों को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. उनके इस कदम से भारतीय न्यायपालिका में भूचाल आ गया था.
VIDEO : जस्टिस लोया के परिवार को किसी पर शक नहीं
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने लोया की मौत की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका तुलनात्मक रूप से कनिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को आवंटित की थी. संवाददाता सम्मेलन में चारों न्यायाधीशों ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय में हो रही गलत चीजों को ठीक नहीं किया गया तो भारतीय लोकतंत्र खतरे में है.
(इनपुट भाषा से)
देश में वकीलों के सर्वोच्च संगठन बीसीआई के एक प्रतिनिधिमंडल ने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा से रविवार को उनके आवास पर तकरीबन 50 मिनट तक बातचीत की. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले बीसीआई अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने सौहार्दपूर्ण माहौल में सीजेआई से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि सब कुछ जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.’’
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मनन मिश्रा ने बताया कि सीजेआई से मुलाकात के पहले प्रतिनिधिमंडल ने चार में से तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों से भी मुलाकात की, जिन्होंने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा के खिलाफ आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर, लोकुर और जोसेफ से मुलाकात की. इन न्यायाधीशों ने भी आश्वासन दिया कि संकट का समाधान निकाल लिया जाएगा. बीसीआई अध्यक्ष ने इस बात का उल्लेख नहीं किया कि उन्होंने न्यायमूर्ति गोगोई से मुलाकात की या नहीं , जो शहर से बाहर हैं. न्यायमूर्ति गोगोई अगले सीजेआई बनने की कतार में हैं.
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वहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने रविवार को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा से मुलाकात की और एक प्रस्ताव सौंपा, जिसमें संघ ने वर्तमान संकट के समाधान के लिए पूर्ण पीठ बुलाने की मांग की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि शीर्ष न्यायालय के दो अन्य न्यायाधीशों न्यायमूर्ति एसए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने न्यायमूर्ति चेलमेश्वर से उनके आवास पर मुलाकात की, जिन्होंने संवाददाता सम्मेलन की अगुवाई की थी.
बीसीआई प्रतिनिधिमंडल ने न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा से भी मुलाकात की, जो विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया की मौत की जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई को लेकर चर्चा के केंद्र में हैं.
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उधर, विशेष सीबीआई न्यायाधीश बीएच लोया के पुत्र ने मुंबई में कहा कि उनके पिता की मौत स्वाभाविक कारणों से हुई थी, न कि संदिग्ध परिस्थितियों में. राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई के दौरान लोया की मौत की परिस्थितियों की जांच की मांग को लेकर शीर्ष न्यायालय में याचिका दायर की गई है. यह भी एक मामला है जिसको लेकर प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी की गई.
सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसबी लोकुर और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने शुक्रवार को अभूतपूर्व संवाददाता सम्मेलन कर सीजेआई के खिलाफ ‘चयनित’ तरीके से मामले आवंटित करने और कुछ न्यायिक आदेशों को लेकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी. उनके इस कदम से भारतीय न्यायपालिका में भूचाल आ गया था.
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न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने लोया की मौत की जांच की मांग को लेकर दायर याचिका तुलनात्मक रूप से कनिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को आवंटित की थी. संवाददाता सम्मेलन में चारों न्यायाधीशों ने कहा था कि उच्चतम न्यायालय में हो रही गलत चीजों को ठीक नहीं किया गया तो भारतीय लोकतंत्र खतरे में है.
(इनपुट भाषा से)
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