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This Article is From Sep 29, 2020

UP के हाथरस में गैंगरेप का शिकार हुई महिला की मौत के बाद दिल्ली के अस्पताल के बाहर हंगामा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो हफ्ते पहले रेप और शोषण का शिकार बनी 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में मंगलवार को मौत हो गई. पीड़िता गंभीर चोटें लगी थीं और उसका ICU में इलाज चल रहा था.

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस में दो हफ्ते पहले रेप और प्रताड़ना का शिकार बनी 20 साल की पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में मंगलवार को मौत हो गई. पीड़िता गंभीर चोटें लगी थीं और उसका ICU में इलाज चल रहा था. कथित रूप से उसके गांव में लगभग दो हफ्तों पहले चार-पांच लोगों ने मिलकर उसका गैंगरेप किया था और प्रताड़नाएं दी थीं. पीड़िता की हालत बहुत बुरी थी, उसके शरीर में कई जगह फ्रैक्चर आए थे और उसकी जीभ काट दी गई थी. पीड़िता के पिता और भाई सफरदजंग अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए. उनका धरना समाप्त करने के लिए पुलिसवालों को भावुक अपील तक करनी पड़ी. पीड़िता का परिवार और उनके कुछ समर्थक अस्पताल के बाहर डेरा डाले हुए हैं और मांग कर रहे हैं कि उन्हें बताया जाए कि पीड़‍िता का शव कहां है. 

अस्पताल के बाहर के विजुअल्स में साफ देखा जा सकता है कि यूपी नंबर की एक स्कॉर्पियो गाड़ी के चारों तरफ सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हैं और गाड़ी में एक पुलिस अध‍िकारी बैठा है. भारी शोर शराबे के बीच पुलिसकर्मियों को हालात को नियंत्रित करते देखा जा सकता है.  

परिवार का दावा है कि उन्हें हाथरस लौटने पर मजबूर किया जा रहा है क्योंकि अध‍िकारी गुपचुप तरीके से पीड़‍िता के शव को ठिकाने लगाने की कोश‍िश कर रहे हैं. इससे पहले पुलिसवालों ने पीड़िता के पिता को गाड़ी में बिठा लिया था लेकिन उसके भाई ने जाने से इनकार कर दिया और विरोध जारी रखा. बाद में पिता भी कार से बाहर आ गए. 

परिवार ने तब तक हटने से इनकार कर दिया जब तक कि उन्हें पीड़‍िता के शव का पता नहीं बता द‍िया जाता और यह आश्वासन नहीं मिल जाता कि उन्हें न्याय मिलेगा और इस जघन्य अपराध के चारों आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.

पुलिस का कहना है कि कोरोना की वजह से पिता और पुत्र द्वारा शुरू किए गए प्रदर्शन को नियंत्रित करना अब मुश्क‍िल हो गया था. साथ ही पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे और कईयों ने मास्क भी नहीं पहने.

मामले में सभी चार आरोपी जेल में हैं. पीड़िता दलित जाति से थी, वहीं सभी आरोपी कथित रूप से उच्च जाति से संबंध रखते हैं. 20 साल की पीड़िता पर 14 सितंबर को राजधानी दिल्ली से लगभग 200 किमी दूर स्थित हाथरस के एक गांव में हमला किया गया था. आरोपियों ने उसे उसके दुपट्टे से खींचकर खेतों में ले जाया गया था. वो अपने परिवार के साथ घास काट रही थी.

पीड़िता के परिवार का आरोप है कि यूपी पुलिस ने उनकी शिकायत पर पहले कोई एक्शन नहीं लिया, लेकिन मामले पर गुस्सा बढ़ने लगा, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई.

पीड़िता के भाई ने NDTV से बातचीत में बताया, 'मेरी मां, बहन और बड़ा भाई एक खेत में घास काटने गए थे. मेरा भाई घास का बड़ा बंडल लेकर घर चला गया और मेरी मां और बहन घास काटते रहे. दोनों एक-दूसरे से थोड़ी दूरी पर थे. तभी चार-पांच लोग पीछे से आए और मेरी बहन का दुपट्टा उसके गले में डालकर उसे घसीटकर बाजरा के खेतों में ले गए.'

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उसने आगे बताया, 'मेरी मां को महसूस हुआ कि बहन गायब है. तब उन्होंने उसे ढूंढना शुरू किया, जिसके बाद मेरी बहन उन्हें बेहोश मिली. उन्होंने उसका रेप किया था. पुलिस ने हमारी शुरुआत में कोई मदद नहीं की. कोई एक्शन नहीं लिया. उन्होंने चार-पांच दिनों बाद जाकर एक्शन लिया.'

हालांकि, यूपी पुलिस ने इन आरोपों को खारिज किया है. यूपी पुलिस की ओर से हाथरस के पुलिस अफसर प्रकाश कुमार का एक वीडियो जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 'हमने एक आरोपी को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया था और उससे बाकी तीन के नाम निकलवाए, जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया.'

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