
Yogasanas For Health: जेठ के तपते महीने का आगाज होने ही वाला है. सुबह भी गर्म होगी और शाम भी हसीन नहीं होगी. ज्यों-ज्यों गर्मी बढ़ती है, त्यों-त्यों हमारे लिए जरूरी हो जाता है कि हम शरीर के कूलिंग सिस्टम पर भी तवज्जो दें, ऐसे उपाय करें जिससे ठंडक का एहसास हो और तपता मौसम भी कुछ न बिगाड़ पाए. बदलते ऋतु चक्र में कुछ योगासन आपकी समस्या का हल हो सकते हैं. प्राचीन योग आधारित ग्रंथों में यूं तो कई प्राणायाम और आसनों का जिक्र है, लेकिन हम बात करते हैं दो ऐसे आसनों की जिन्हें किया तो शरीर की शीतलता बरकरार रहेगी और ये किसी भी उम्र के लिए सटीक हैं.
गर्मी में कौन से योगासन करें- (Garmi Mein Kaun Se Yogasan Kare)
1. बालासन-
इसका उल्लेख पतंजलि योग सूत्र के अष्टांग योग से संबंधित माना जाता है, जो ईश्वर प्रणिधान (ईश्वर में समर्पण) के सिद्धांत का अभ्यास करता है. बालासन करने का तरीका- घुटनों के बल बैठें, एड़ियों को अलग रखें. फिर अपने पंजों को आपस में छूते हुए एड़ियों पर बैठ जाएं. सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और अपने माथे को चटाई या मुलायम कुशन पर टिका दें. हाथों को आगे की ओर फैलाया जा सकता है या शरीर के साथ-साथ रखा जा सकता है.
ये भी पढ़ें- मर्दों को इन 4 चीजों को जरूर करना चाहिए डाइट में शामिल, आस-पास भी नहीं फटकेंगी ये समस्याएं
बालासन के भी दो विकल्प हैं- जिसमें घुटनों को जोड़ा जाता है. ये आसन मन मस्तिष्क को शांत रखता है और अभ्यास करने वाले को आत्मनिरिक्षण करने को प्रेरित करता है. वहीं दूसरे में घुटनों को आपस में न मिलाकर बैठें, इससे पेट और छाती में जगह बनती है और सांस का प्रवाह बढ़ता है. जब हम आगे की ओर झुकते हैं और सिर नीचे करते हैं, तो हम नर्वस सिस्टम को रिलैक्स करने का संकेत देते हैं. ब्लड प्रेशर को कम करने और मन को शांत करने में मदद करता है. चौड़े घुटने वाला बदलाव विशेष रूप से पाचन में सहायता करता है. अक्सर गर्मियों में हम पेट की तकलीफ से जूझते हैं, ये आसन उसे कम करने में मदद करता है.
2. अर्ध मत्स्येंद्रासन-
ये हठ योग की प्राचीन परंपरा का अंग है. आयुष मंत्रालय ने इंस्टाग्राम पोस्ट में इस आसन की सटीक जानकारी दी है. जिसके मुताबिक अर्ध मत्स्येन्द्रासन आसन वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है. इससे उनकी एड्रिनल ग्रंथि की स्थिति में सुधार होता है. साथ ही, यह आसन कब्ज, दमा, और पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, वही जिससे गर्मियों में लोग ज्यादातर परेशान रहते हैं. मधुमेह रोगियों के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है. यह आसन करने से पहले योग विशेषज्ञ से परामर्श करना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि सही तरीके से आसन करने की सलाह मिल सके. इसे करने के लिए योगा मैट पर पैर क्रॉस कर बैठें. धड़ को बाईं ओर घुमाएं और दाएं हाथ से बाएं घुटने को छूएं. शरीर को मैट से ऊपर नहीं उठाना है. योग का अहम सूत्र है कि इसे दोपहर में न करें. आसन सूर्योदय या सूर्यास्त के समय करें. गर्मी जब सिर पर हो यानी चरम हो तो दोपहर के सत्र से बचें और एक अहम बात, कुशल योग प्रशिक्षक से सलाह जरूर लें.
Irritable Bowel Syndrome (IBS): लक्षण, कारण, बचाव, घरेलू नुस्खे और इलाज | Read
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं