
World Sight Day 2025: अगर आप चश्मा पहनते हैं या आंखों की कमजोरी से परेशान हैं, तो आप अकेले नहीं हैं. आज की डिजिटल दुनिया में आंखों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. मोबाइल, लैपटॉप, टीवी और घंटों स्क्रीन पर काम करने की वजह से लोगों की नजर कमजोर हो रही है. लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि दुनिया में सबसे ज्यादा आई साइट प्रॉब्लम किस देश में होती है? इस सवाल का जवाब जानकर आप हैरान रह जाएंगे, क्योंकि जिस देश का नाम सामने आता है, वहां की टेक्नोलॉजी और शिक्षा व्यवस्था दुनिया में सबसे आगे मानी जाती है.
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चीन में रहने वालों की आंखों सबसे ज्यादा कमजोर
चीन दुनिया का वो देश है जहां सबसे ज्यादा लोग नजर की समस्या से जूझ रहे हैं. खासकर बच्चों और युवाओं में मायोपिया यानी निकट दृष्टि दोष (near-sightedness) की समस्या बहुत तेजी से बढ़ रही है. रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में लगभग 70 प्रतिशत से ज्यादा स्कूली बच्चे मायोपिया से प्रभावित हैं. कुछ शहरों में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो बेहद चिंताजनक है. विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत ज्यादा पढ़ाई, स्क्रीन टाइम और बाहर खेलने की कमी इसकी बड़ी वजह है.
इस फैक्ट की पुष्टि कई अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य और शिक्षा रिपोर्ट्स से होती है:
World Health Organization (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में मायोपिया की दर तेजी से बढ़ रही है और इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट माना गया है.
The Lancet Global Health Journal में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि चीन के शहरी क्षेत्रों में 80–90 प्रतिशत स्कूली बच्चे मायोपिया से प्रभावित हैं.
National Health Commission of China ने भी इस समस्या को गंभीर माना है और स्कूलों में आंखों की एक्सरसाइज और स्क्रीन टाइम कंट्रोल जैसे उपाय लागू किए हैं.
इन रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में आई साइट प्रॉब्लम का मुख्य कारण बहुत ज्यादा पढ़ाई, स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल और आउटडोर एक्टिविटी की कमी है.
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आंखों की रोशनी कमजोर होने के मुख्य कारण (Big Reasons For Weak Eyesight)
चीन ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में आंखों की समस्याएं बढ़ने के पीछे कुछ आम कारण हैं:
स्क्रीन का ज्यादा इस्तेमाल: मोबाइल, कंप्यूटर और टीवी की रोशनी आंखों पर बुरा असर डालती है. ये घर-घर की कहानी है, हर घर में लोग बहुत ज्यादा स्क्रीन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
प्राकृतिक रोशनी की कमी: बाहर खेलने या धूप में समय बिताने से आंखों की सेहत बेहतर रहती है, लेकिन आजकल बच्चे ज्यादातर समय घर के अंदर रहते हैं.
गलत खानपान: आंखों के लिए जरूरी विटामिन्स जैसे विटामिन A, C और E की कमी नजर को कमजोर करती है. आजकल हमारे खानपान में इन सभी जरूरी विटामिन्स की कमी है.
नींद की कमी: पर्याप्त नींद न लेने से आंखों में थकावट और सूजन आ सकती है. अच्छी नींद न लेना भी आंखों की रोशनी को कमजोर कर सकती है.
बच्चों में बढ़ती नजर की समस्या
चीन में बच्चों की नजर कमजोर होने की दर इतनी ज्यादा है कि सरकार ने इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संकट घोषित कर दिया है. वहां स्कूलों में बच्चों को आंखों की एक्सरसाइज करवाई जाती है और स्क्रीन टाइम को सीमित करने के लिए नियम बनाए गए हैं.
- बच्चों को हर 40 मिनट बाद ब्रेक लेने की सलाह दी जाती है.
- बाहर खेलने के लिए कम से कम 2 घंटे रोज जरूरी माना जाता है.
अन्य देशों में क्या है आंखों की स्थिति?
हालांकि चीन सबसे आगे है, लेकिन दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर और भारत जैसे देशों में भी आई साइट प्रॉब्लम तेजी से बढ़ रही है. दक्षिण कोरिया में लगभग 96 प्रतिशत युवा मायोपिया से प्रभावित हैं. भारत में भी शहरी बच्चों में नजर की समस्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर ऑनलाइन पढ़ाई के बाद.
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आंखों की कमजोरी से बचने के लिए क्या करें?
अगर आप या आपके बच्चे नजर की समस्या से परेशान हैं, तो कुछ आसान उपाय अपनाकर इसे रोका जा सकता है:
- हर 30 मिनट बाद स्क्रीन से नजर हटाएं और दूर देखें.
- रोजाना 1–2 घंटे धूप में समय बिताएं.
- आंखों के लिए फायदेमंद चीजें खाएं जैसे गाजर, आंवला, बादाम और हरी सब्जियां.
- आंखों की एक्सरसाइज करें जैसे पलकें झपकाना, दूर की चीजें देखना.
- रात को अच्छी नींद लें और स्क्रीन का इस्तेमाल कम करें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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