
World Sight Day 2025: बदलती जीवनशैली में बढ़ती डिजिटल निर्भरता वयस्कों और बच्चों दोनों में आंखों की समस्याओं को जन्म दे रही है तथा विशेषज्ञ इस समस्या को कम करने के मकसद से घरों के बाहर की गतिविधियां और शारीरिक व्यायाम आदि की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं. विश्व दृष्टि दिवस के मौके पर विशेषज्ञों ने कहा कि वयस्कों और बच्चों दोनों ही में मोतियाबिंद, ‘ग्लूकोमा' या ‘मायोपिया' जैसी आंखों की विभिन्न समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं जबकि कुछ समस्याएं जीवनशैली से जुड़ी होती हैं.
इस वर्ष विश्व दृष्टि दिवस 9 अक्टूबर को ‘अपनी आंखों से प्यार करें' विषय पर मनाया जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि अपनी आंखों का ध्यान रखें; इनकी उपेक्षा करने से अंधापन हो सकता है. ‘आई क्यू हॉस्पिटल्स' के संस्थापक और सीएमडी डॉ. अजय शर्मा ने कहा कि ‘मायोपिया' (दूर की वस्तुओं को देखने में कठिनाई) से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार होते इजाफे से युवा पीढ़ी के लिए चिंताएं बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘बुज़ुर्गों में मोतियाबिंद और ‘ग्लूकोमा' आम समस्याएं हैं. हम देश भर में मुफ़्त नेत्र जांच शिविर आयोजित करते हैं लेकिन इस विश्व दृष्टि दिवस पर हम चार राज्यों - उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा और गुजरात - में एक साथ 20 शिविर आयोजित कर रहे हैं/ इन जगहों पर एक दिन में 1500 से ज़्यादा लोगों की आंखों की मुफ्त में जांच की जाएगी.
आई क्यू के चिकित्सा निदेशक और रेटिना सेवाओं के प्रमुख डॉ. दीपेंद्र सिंह ने कहा कि 40 वर्ष की आयु के बाद ‘ग्लूकोमा' का खतरा बढ़ जाता है और इसमें विशेषकर उन लोगों को ज्यादा खतरा रहता है जिनके परिवार में इस रोग का इतिहास रहा हो या जो मधुमेह रोगी हों या स्टेरॉयड ले रहे हों.
बढ़ती डिजिटल निर्भरता बच्चों और वयस्कों दोनों की आंखों पर पड़ने वाले तनाव को बढ़ा रही है. विशेषज्ञ 20-20-20 नियम का पालन करने की सलाह देते हैं - हर 20 मिनट में 20 सेकंड के लिए 20 फुट दूर किसी चीज़ को देखें/
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में लगभग 2.2 अरब लोग दृष्टिबाधित या अंधेपन से पीड़ित हैं और उनमें से एक अरब लोगों में ऐसी स्थिति को रोका जा सकता था. यह जागरूकता की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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