World Aids Day 2020: दुनियाभर में हर साल एचआईवी संक्रमण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है. हर साल विश्व एड्स दिवस की थीम अलग-अलग रखी जाती है. एड्स एक खतरनाक बीमारी है. एड्स की बीमारी का काफी देर बाद पता चलता है और मरीज भी एचआईवी टेस्ट के प्रति सजग नहीं रहते, इसलिए अन्य बीमारी का भ्रम बना रहता है. इस गंभीर समस्या से बचाव का सबसे पहला चरण एड्स के लक्षण (Symptoms Of AIDS) पहचानना है. एड्स का पूरा नाम है 'एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम' (Acquired Immunodeficiency Syndrome) होता है. सबसे पहले विश्व एड्स दिवस को वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरूआत डब्ल्यूएचओ में एड्स की जागरुकता अभियान से जुड़े जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के दो व्यक्तियों ने अगस्त 1987 में की थी. शुरुआती दौर में विश्व एड्स दिवस (Aids Day) को सिर्फ बच्चों और युवाओं से ही जोड़कर देखा जाता था.
जबकि एचआईवी संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है, जिसके बाद साल 1996 में HIV/AID(UNAIDS) पर संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार और प्रसार का काम संभालते हुए साल 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार, रोकथाम और शिक्षा पर काफी काम किया.
विश्व एड्स दिवस 2020 की थीम | World AIDS Day 2020 Theme
2020 में विश्व एड्स दिवस की थीम "एचआईवी/एड्स महामारी समाप्त करना: लचीलापन और प्रभाव" रखी गई है. विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में मनाया गया था. हर साल, दुनिया भर के संगठन और व्यक्ति एचआईवी महामारी की ओर ध्यान दिलाते हैं, एचआईवी जागरूकता और ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रयास करते हैं, एचआईवी के कलंक के खिलाफ बोलते हैं, और बढ़ती प्रतिक्रिया को रोकने के लिए कदम उठाते हैं.
World Aids Day 2020: विश्व एड्स दिवस की थीम एचआईवी/एड्स महामारी समाप्त होना रखी गई है
वर्ल्ड एड्स डे का उद्देश्य | Objective Of World AIDS Day
वर्ल्ड एड्स डे मनाने का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में हर उम्र के लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है. एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है.
क्या है एचआईवी / एड्स | What is HIV / AIDS
एचआईवी एक प्रकार के जानलेवा इंफेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है, जिसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस यानि एचआईवी के नाम से जाना जाता है. जबकि लोग इसे आम बोलचाल में एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यून डेफिशिएंसी सिंड्रोम के नाम से जानते हैं. इस रोग में जानलेवा इंफेक्शन व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) पर हमला करता है, जिसकी वजह से शरीर सामान्य बीमारियों से लड़ने में भी अक्षम होने लगता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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