Bariatric Surgery For Obesity: आजकल की भाग-दौड़ भरी लाइफस्टाइल में न तो खाने का ठिकाना है और न ही कोई टाइम-टेबल, जल्दबाजी के चक्कर में जंक फूड और गलत खान-पान के चलते इस समय मोटापा एक बड़ी समस्या है. कई लोग मोटापे से छुटकारा पाने के लिए डाइटिंग और वर्कआउट का सहारा लेते हैं, इसके बावजूद भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनका वेट लॉस नहीं हो पाता है, इसलिए अब मेट्रो सिटीज में लोग बड़ी संख्या में बैरियाट्रिक सर्जरी को अपना रह हैं. आइए जानते हैं कितनी कारगर है बैरियाट्रिक सर्जरी और क्या हो सकते हैं इसके साइड इफेक्ट्स.
कैसे की जाती हैं बैरियाट्रिक सर्जरी? | How Is Bariatric Surgery Done?
बैरियाट्रिक सर्जरी या मेटाबोलिक सर्जरी मुख्य रूप से वेट लॉस करने की सर्जरी है. बैरियाट्रिक सर्जरी पाचन तंत्र को बदल कर वजन घटाने में आपकी मदद करती है. बैरियाट्रिक सर्जरी में पेट की चर्बी का ऑपरेशन किया जाता है और पेट के लगभग 80 प्रतिशत हिस्से को अलग किया जाता है. बैरियाट्रिक सर्जरी मुख्य रूप से चार प्रकार की होती है, जिनमें गैस्ट्रिक स्लीव सर्जरी, गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी, एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंड और ड्यूडेनल स्वीच सर्जरी शामिल है.
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1. गैस्ट्रिक स्लीव सर्जरी: इस सर्जरी को अत्यधिक मोटापे वाली समस्या से पीड़ित मरीजों पर अपनाया जाता है, जिसमें लेप्रोस्कोपी डिवाइस का इस्तेमाल कर पेट के आकार को कम किया जाता है.
2. गैस्ट्रिक बाईपास सर्जरी: इस सर्जरी में पेट के ऊपरी भाग को बांध दिया जाता है, और नीचे वाले भाग को छोटी आंत से कनेक्ट कर दिया जाता है, जिससे भोजन सीधे छोटी आंत में पहुंच जाता है.
3. एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंड: इस सर्जरी की बात करें तो इसमें पेट के ऊपरी हिस्से में इलास्टिक बैंड लगाया जाता है और उसकी मदद से पेट में मौजूद अतिरिक्त चर्बी को निकाला जाता है.
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4. ड्यूडेनल स्वीच सर्जरी: ये वजन कम करने की एक ऐसी सर्जरी है जिसमें ड्यूडेनम को छोटी आंत से कनेक्ट कर दिया जाता है और भोजन को सीधे छोटी आंत में पहुंचाया जाता है.
बैरियाट्रिक सर्जरी के साइड इफेक्ट्स | Side Effects of Bariatric Surgery
वैसे तो बैरियाट्रिक सर्जरी कराने से कई लोगों की जिंदगी खुशियों से भर गई है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में जानना भी बेहद जरूरी है. इस सर्जरी से बहुत तेजी से वेट लॉस होता है, लिहाजा एसिडिटी, ग्लॉस्टोन, संक्रमण के साथ साथ अत्यधिक रक्तस्राव हो सकता है. बैरियाट्रिक सर्जरी केवल डाइटिंग और वर्कआउट से बचने का ऑप्शन नहीं है बल्कि इस सर्जरी के बाद खासतौर पर खाने-पीने का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. अगर खान-पान में आवश्यक बदलाव नहीं किए गए तो न्युट्रिशनल डेफिशियेंसी हो सकती है और वजन दोबारा से बढ़ने लगता है साथ ही सेहत बिगड़ने लगती है. डाइट पर ध्यान नहीं देने पर कमजोरी और जी घबराने जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है.
बैरियाट्रिक सर्जरी उन लोगों के लिए है जो बहुत ज्यादा फैट अपने शरीर में जमा कर चुके हैं. सर्जरी के बाद ऐसे लोग कम खाना खाते हैं और बाकी की जरूरत उनका शरीर उन फैट सेल्स से पूरी कर लेता है जो बॉडी में पहले से ही फूल चुकी हैं. ऐसा माना जाता है कि बैरियाट्रिक सर्जरी की ज़रूरत केवल उन लोगों को ही है जो सारे हथकंडे अपनाने के बाद भी अपना भारी भरकम वजन नहीं घटा पा रहें हैं, जिनकी हाइट 5 फुट 6 इंच है और वेट 80 किलो के लगभग है ऐसे लोगों का बैरियाट्रिक सर्जरी कराने का फैसला गलत साबित हो सकता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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