Skin Tightening Tips: खुद को फिट रखने के लिए और एज के साथ होने वाली कुछ बीमारियों से बचने के लिए वेट लॉस जरूरी हो जाता है. अगर वजन ज्यादा है तो जाहिर है वेट लॉस के लिए आप शायद एक्सरसाइज करें, वॉक करें या योगा करें. इससे शरीर फिट नजर आने लगता है. लेकिन आपकी स्किन भी अलग दिखती है. वो इसलिए क्योंकि वजन घटने के बाद स्किन लूज हो जाती है. और, कई बार लटकी हुई नजर आती है. वेट लॉस के बाद आ रहा ये बदलाव कुछ लोगों को अनकंफर्टेबल कर देता है. हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों वेट लॉस के बाद स्किन लूज हो जाती है और उसे दोबारा पहले जैसा टाइट रखने के लिए आप क्या कर सकते हैं.
वजन घटने के बाद क्यों लटकती है स्किन? | Loose Skin After Weight Loss And Tightening Tips
वेट लॉस के बाद स्किन लूज होने की वजह
स्किन को शरीर का लार्जेस्ट ऑर्गन कहा जाता है. स्किन की इनर्मोस्ट लेयर प्रोटीन की बनी होती है. जिसमें कोलेजन और इलास्टिन मुख्य होते हैं. खासतौर से कोलेजन सबसे ज्यादा होता है. जो स्किन को सही स्ट्रक्चर और फर्मनेस देता है. जब भी वजन बढ़ता है तो स्किन भी एक्सपैंड होती है ताकि मसल ग्रोथ को जगह दे सके. लंबे समय तक वैसा ही रहने पर कोलेजन और इलास्टिन फाइबर्स डैमेज हो जाते हैं और वापस स्किन टाइटनिंग की क्षमता घट जाती है. इसलिए जितना ज्यादा वजन घटता है स्किन भी उतनी ही ज्यादा लूज होती है.
स्किन की इलास्टिसिटी घटाने वाले फैक्टर्स
वेट लॉस के अलावा कुछ और भी कारण होते हैं जो स्किन की इलास्टिसिटी पर असर डालते हैं.
ओवर वेट या ओबेसिटी का समय- अगर आप लंबे समय तक ओवर वेट रहे हैं या ओबेसिटी का शिकार हैं. तो वेट लॉस के बाद स्किन लूज रह सकती है. अगर वजन तेजी से घटा है तो स्किन ज्यादा तेजी से लूज भी होती है.
उम्र- इस मामले में बढ़ती उम्र भी एक बड़ा फैक्टर है. क्योंकि उम्र के साथ शरीर में मौजूद कोलेजन घटने लगता है.
परिवार की हिस्ट्री- अगर परिवार में वेट गेन या वेट लॉस के बाद स्किन पर असर होने की हिस्ट्री है. तो वही जीन्स आपको भी प्रभावित कर सकते हैं.
सन एक्सपोजर- ज्यादा देर तक धूप में रहने से भी स्किन का कोलेजन और इलास्टिन प्रोडक्शन प्रभावित होता है.
स्मोकिंग- सिगरेट पीने से कोलेजन का प्रोडेक्शन कम तो होता ही है, पहले से मौजूद कोलेजन भी डैमेज होता है.
ये हो सकती हैं परेशानियां
स्किन लूज होने से कई लोगों को अलग अलग परेशानियां हो सकती हैं. जो कभी फिजिकल तो कभी इमोशनल चैलेंजेस लेकर आती हैं.
फिजिकल डिसकंफर्ट- ज्यादा लूज स्किन अनकंफर्टेबल महसूस करवा सकती है जो नॉर्मल एक्टिविटीज में भी परेशानी बन सकती हैं.
इमोशनल डिसकंफर्ट- कुछ लोग लटकती हुई स्किन देखकर अपने लुक्स को लेकर थोड़ा ज्यादा ही कॉन्शियस हो जाते हैं. ये चीज उन्हें इमोशनली भी अफेक्ट करती है.
फिजिकल एक्टिविटी में कमी- कुछ स्टडीज में ये भी पाया गया है कि वेट लॉस के लिए लोग एक्सरसाइज करते हैं. लेकिन जैसे ही उन्हें स्किन लूज होती दिखती है वो फिजिकल एक्टिविटीज को लेकर डिमोटिवेट हो जाते हैं. और वर्कआउट बंद कर देते हैं.
स्किन इरिटेशन- लूज स्किन की समस्या से निजात पाने के लिए कुछ लोग प्लास्टिक सर्जरी का सहारा ले लेते हैं. ये ठीक से न हो पाने पर या सूट न होने पर कुछ लोग स्किन पेन या अल्सर या किसी और तरह के स्किन इरिटेशन का शिकार बनते हैं.
इन तरीकों से लूज स्किन को करें टाइट
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूर करें
वेट लॉस के लिए वर्कआउट करते हैं, तो अपने इस शेड्यूल में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूर शामिल करें. हफ्ते में करीब दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करें. इससे मसल मास बढ़ता है जो स्किन अपीयरेंस को भी बेहतर रखता है.
कोलेजन से भरपूर डाइट लें
स्किन लूज होने से बचाने के लिए ऐसी डाइट ले सकते हैं जो कोलेजन से भरपूर हैं. इसके लिए कुछ पाउडर भी मार्केट में अवेलेबल हैं. जिन्हें एक्सपर्ट की सलाह के बाद कंज्यूम किया जा सकता है. इसके अलावा बोन ब्रोथ में भी कोलेजन मिलता है. जो स्किन टाइटनिंग में फायदेमंद हो सकता है.
प्रोटीन डाइट
अपने खाने में भरपूर प्रोटीन डाइट बना कर रखें. प्रोलाइन अमीनो एसिड, हाईड्रोओक्सीप्रोलाइन और ग्लासिन से भरपूर डाइट कोलेजन का प्रोडक्शन बढ़ाती हैं.
विटामिन सी
कोलेजन सिंथेसिस के लिए विटामिन सी बहुत जरूरी है. ये स्किन को प्रोटेक्ट भी करता है और स्किन टाइटनिंग भी करता है.
ओमेगा थ्री फैटी एसिड
ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स भी स्किन टाइटनिंग में इंपॉर्टेंट रोल प्ले करते हैं. फैटी फिश, अखरोट, चिया सीड्स, अलसी जैसी चीजों में ओमेगा थ्री फैटी एसिड्स भरपूर मात्रा में होते हैं. ये एंटी एजिंग फूड्स भी कहे जा सकते हैं. जो स्किन की इलास्टिसिटी बढ़ाते हैं.
हाइड्रेशन
वेट लॉस जर्नी के दौरान पानी को बिलकुल भी इग्नोर न करें. शरीर को हाइड्रेट रखने से न सिर्फ मसल्स स्मूदली काम करती हैं बल्कि स्किन पर भी इसका असर पड़ता है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से स्किन अपीयरेंस बेहतर होता है.
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स्किन से जुड़ी सर्जरी
अगर ये नेचुरल तरीके ज्यादा कारगर न हों तो कुछ मेडिकल प्रोसीजर्स के जरिए भी स्किन टाइटनिंग हो सकती है. इन तरीकों में एब्डोमिनल प्लास्टी शामिल है. यानी आप अपने एब्डोमन रीजन की स्किन को रिमूव करवा सकते हैं.
लोअर या अपर बॉडी लिफ्ट भी करवा सकते हैं. लोअर बॉडी लिफ्ट में बेली, हिप्स और थाईज के पास से स्किन रिमूव कर दी जाती है. अपर बॉडी लिफ्ट में ब्रेस्ट और बैक की स्किन लिफ्ट कर दी जाती है.
इसी तरह इनर थाई, आउटर थाई और अपर आर्म्स की स्किन भी रिमूव की जा सकती है.
अन्य मेडिकल प्रोसीजर
ऐसी सर्जरी के अलावा रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रीटमेंट और अल्ट्रासाउंड से भी स्किन टाइटनिंग करवाई जा सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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