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'सैयारा 450 करोड़, उदयपुर फाइल्स के लिए 200 नहीं', फिल्म फ्लॉप होने पर हिंदुओं पर फूटा प्रोड्यूसर का गुस्सा

Kanhaiya Lal Murder Case: राजस्थान के दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ रिलीज के बाद बॉक्स ऑफिस पर कोई खास असर नहीं दिखा पाई. फिल्म का निर्देशन और निर्माण मेरठ के अमित जानी ने किया था.

'सैयारा 450 करोड़, उदयपुर फाइल्स के लिए 200 नहीं', फिल्म फ्लॉप होने पर हिंदुओं पर फूटा प्रोड्यूसर का गुस्सा
उदयपुर फाइल्स फ्लॉप होने पर भड़के प्रोड्यूसर अमित जानी
नई दिल्ली:

Udaipur Files: राजस्थान के दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड पर बनी फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स' रिलीज के बाद बॉक्स ऑफिस पर कोई खास असर नहीं दिखा पाई. फिल्म का निर्देशन और निर्माण मेरठ के अमित जानी ने किया था. उनकी उम्मीद थी कि यह फिल्म दर्शकों तक कन्हैयालाल की कहानी पहुंचाएगी और परिवार को आर्थिक सहारा भी मिलेगा. लेकिन जब फिल्म को दर्शक नहीं मिले तो अमित जानी ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर किया. एक वायरल वीडियो में अमित जानी ने साफ कहा कि, "हमारी फिल्म का विरोध होते ही पूरा मुस्लिम समाज एकजुट हो गया, लेकिन हिंदुओं ने बिल्कुल साथ नहीं दिया. कन्हैयालाल की आवाज उठाने के लिए जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो कहीं दिखाई नहीं दिया".

उन्होंने सबसे ज्यादा तीखा हमला बॉलीवुड फिल्मों पर किया. उनके मुताबिक, जब बड़े सितारों की फिल्में आती हैं तो दर्शक बिना सोचे-समझे टिकट खरीद लेते हैं. जानी ने तंज कसते हुए कहा, "कल अगर रजनीकांत या ऋतिक रोशन की कोई फिल्म रिलीज होगी तो हिंदू समाज के पास अचानक बहुत पैसा आ जाएगा. थिएटर हाउसफुल हो जाएंगे. लेकिन जब कन्हैयालाल जैसे शख्स पर फिल्म बनती है, तो सौ-दो सौ रुपये खर्च करने की भी फुर्सत नहीं रहती".

यहीं नहीं, उन्होंने हाल ही की सुपरहिट फिल्म 'सैयारा' का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि दर्शकों ने उस पर 450 करोड़ रुपये लुटा दिए, जबकि उस फिल्म में 'अश्लीलता' परोसी गई. उनके मुताबिक, दर्शक गंभीर और संवेदनशील मुद्दों को नजरअंदाज कर सिर्फ चमक-दमक और ग्लैमर वाली कहानियों को तवज्जो देते हैं.

अमित जानी का कहना है कि 'उदयपुर फाइल्स' की राह आसान नहीं थी. फिल्म को रोकने के कई प्रयास हुए और यहां तक कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. मगर तमाम अड़चनों के बाद भी फिल्म रिलीज हुई. विरोधी जहां नाकाम रहे, वहीं दर्शकों की उदासीनता ने फिल्म को कमजोर कर दिया. ध्यान देने वाली बात है कि धमकियों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अमित जानी को हाल ही में वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है. इसके बावजूद वे मानते हैं कि असली झटका उन्हें दर्शकों की चुप्पी ने दिया है, न कि विरोध करने वालों ने.

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