विज्ञापन

टाइप 2 डायबिटीज में मदद कर सकता है 'सुबाबुल' का पौधा : आईएएसएसटी शोध में हुआ खुलासा

गुवाहाटी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) के शोध के अनुसार, पारंपरिक औषधीय पौधा सुबाबुल टाइप 2 मधुमेह से संबंधित इंसुलिन प्रतिरोध को मैनेज करने में मदद कर सकता है.

टाइप 2 डायबिटीज में मदद कर सकता है 'सुबाबुल' का पौधा : आईएएसएसटी शोध में हुआ खुलासा

गुवाहाटी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) के शोध के अनुसार, पारंपरिक औषधीय पौधा सुबाबुल टाइप 2 मधुमेह से संबंधित इंसुलिन प्रतिरोध को मैनेज करने में मदद कर सकता है. सुबाबुल या ल्यूकेना ल्यूकोसेफाला (लैम.) डे विट एक तेजी से बढ़ने वाला फलीदार पौधा है. जो आमतौर पर उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है.
पौधे की पत्तियों और अपरिपक्व बीजों को सूप या सलाद के रूप में कच्चा और पकाकर खाया जाता है. यह प्रोटीन और फाइबर का बेहतर स्रोत है. इसे पारंपरिक रूप से मानव और पशु भोजन में इस्तेमाल किया जाता रहा है.

टीम ने इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन रेजिस्टेंस) के प्रबंधन में सुबाबुल के बीज की फलियों की चिकित्सीय क्षमता की जांच की. इंसुलिन रेजिस्टेंस वह स्थिति है जिसमें शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रिया करती हैं. इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है जो पैंक्रियास में बनता है, जो ब्‍लड में शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है. इसके बाद टीम ने जैविक गतिविधि के आधार पर एक फ्रैक्शन विकसित करते हुए चार सक्रिय यौगिकों (कंपाउंड) का चयन किया, जिसमें उन्होंने सबसे सक्रिय फ्रैक्शन का चयन किया.

रात को भिगोकर सुबह क्यों पीना चाहिए अंजीर का पानी? ये 4 कारण जान लेंगे तो एक दिन भी नहीं करेंगे मिस

जैविक रूप से सक्रिय अंश ने फ्री फैटी एसिड इंड्यूस्ड पेशी कोशिकाओं (सी2सी12) में बढ़ी हुई इंसुलिन संवेदनशीलता दिखाई. इसके अलावा, टीम ने कहा, "पौधे से पृथक सक्रिय यौगिक क्वेरसेटिन-3-ग्लूकोसाइड ने माइटोकॉन्ड्रियल डीएसीटाइलेज एंजाइम सरटुइन 1 एसआईआरटी1) के अप-रेगुलेशन को दिखाया, जो जो ग्लूट2 के अपरेगुलेटेड ट्रांसलोकेशन के साथ इंसुलिन संवेदनशीलता को नियंत्रित करता है. ग्लूट2 एक प्रोटीन है जो ग्लूकोज और फ्रुक्टोज को कोशिका झिल्ली में ले जाने में मदद करता है.

अध्ययन में हाइड्रोजन बांड के निर्माण के माध्यम से एसआईआरटी1 अवशेष के साथ क्वेरसेटिन-3-ग्लूकोसाइड की स्थिर अंतःक्रिया भी दिखाई गई. शोधकर्ताओं ने कहा कि जर्नल एसीएस ओमेगा नामक पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों ने ग्लूकोज अवशोषण को बढ़ाने में इस पौधे की चिकित्सीय क्षमता को प्रदर्शित किया है, क्योंकि इस पौधे का उपयोग मधुमेह और संबंधित रोगों के लिए किया जा सकता है.

कोलेस्ट्रॉल हार्ट के लिए कितना खतरनाक है? खराब कोलेस्ट्रॉल क्यों बढ़ने लगता है? जानिए

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com