Small And Frequent Meals: एक्सपर्ट क्यों देते हैं हर 2 घंटे बाद खाने की सलाह? जानें क्या हैं Small Meal के फायदे

Benefits Of Eating Small Meals: जब हमारे शरीर को एक बार में कम कैलोरी मिलती है, तो उसका उपयोग बेहतर तरीके से किया जाता है और वह फैट (Fat) के रूप में जमा नहीं होता है. इसके अलावा, क्योंकि शरीर कैलोरी और पोषक तत्वों के नियमित सेवन से हेल्दी रहता है. अगर आप थोड़ा-थोड़ा नियमित अंतराल में खाते हैं तो यह आपके फैट को नहीं बढ़ने देता है.

Small And Frequent Meals: एक्सपर्ट क्यों देते हैं हर 2 घंटे बाद खाने की सलाह? जानें क्या हैं Small Meal के फायदे

बार-बार भोजन करने से आपको कैलोरी बर्न करने में मदद मिल सकती है

खास बातें

  • अक्सर खाने से आपके भोजन की मात्रा कम हो सकती है.
  • यह आपके शरीर को अधिक कैलोरी बर्न में सक्षम बनाता है.
  • यह ब्लड शुगर लेवल के उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद कर सकता है.

Benefits Of Eating Small Meals: आप कैसे अपना खाना खाते हैं एक लंबे अंतराल में या छोटे-छोटे अंतराल में कुछ न कुछ खाते रहते हैं? अगर आप एक लंबे अंतराल में खाते हैं आपके फैट बढ़ने की आशंका ज्यादा रहती है, जबकि छोटे-छोटे अंतराल में थोड़ा-थोड़ा खाने पर आप वजन को कंट्रोल (Control Weight) में रख सकते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि आपको छोटे-छोटे अंतराल में भोजन करना चाहिए. यह आपकी निजी राय हो सकती है कि आप कब खाना खाएं, लेकिन जब एक्सपर्ट किसी चीज को सुनिश्चित करें तो यह सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है. 

अपने फेसबुक लाइव में लाइफस्टाइल कोच ल्यूक कॉउटिन्हो ने पहले कहा है कि छोटे अंतराल में और लगातार भोजन करने से आपके पाचन तंत्र पर भार बढ़ सकता है. कॉटिन्हो का मत है कि व्यक्ति को अब हर रोज़ उपवास करना चाहिए और भूख न लगने पर खाने से बचना चाहिए.

छोटे और लगातार भोजन करने के लाभ | Benefits Of Eating Small And Frequent Meals

पोषण विशेषज्ञ वंदिता जैन का कहना है कि, छोटे और लगातार भोजन खाने से मेटाबॉलिज्म को बरकरार रखने में मदद मिल सकती है. "वजन प्रबंधन के लिए, मेटाबॉलिज्म को संतुलन में रखना महत्वपूर्ण माना जाता है. हर 2-3 घंटों में भोजन करने से शरीर की प्रक्रियाएं बनी रहती हैं और मेटाबॉलिज्म बरकरार रहता है."

वह कहती हैं कि, इस तरह के खाने का पैटर्न, वजन घटाने की योजना या डायबिटीज वाले लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है. "भोजन के बीच लंबे अंतराल को रखने से कम ऊर्जा, खराब सांद्रता, एसिड रिफ्लक्स, ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव, सुस्त चयापचय, भोजन की कमी आदि हो सकते हैं. “जैन सलाह देती हैं कि भोजन के बीच में तीन मुख्य भोजन और दो स्नैक्स होने चाहिए.

न्यूट्रिशनिस्ट ऋजुता दिवेकर सलाह देती हैं कि हर 2 घंटे के बाद खाना चाहिए. "जब आप हर 2 घंटे में भोजन करते हैं, तो यह समझा जाता है कि आप छोटे भोजन करेंगे. इसलिए एक बार में आपके द्वारा उपभोग की जाने वाली कैलोरी की संख्या बहुत कम होगी. जब हमारे शरीर को दिन में अक्सर छोटी संख्या में कैलोरी की नियमित खुराक मिलती है, तो यह वह आश्वस्त और हेल्दी महसूस करती है. 

"वह अपनी पुस्तक डोन्ट लूज़ योर माइंड लूज योर वेट में लिखती हैं कि हर बार आपके शरीर को भोजन को तोड़ने, पचाने और अवशोषित करने में काम करना पड़ता है. वह कहती हैं, "इसका मतलब है कि अधिक कैलोरी बर्न होती है. इस प्रक्रिया को आहार प्रेरित थर्मोजेनेसिस के रूप में जाना जाता है. जितनी अधिक बार आप खाते हैं, उतना ही आप डीआईटी का उपयोग कर सकते हैं."

rqgrplbछोटे और लगातार भोजन करने से ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव को भी कंट्रोल किया जा सकता है

वह आगे कहती हैं कि अब बहुत बार खाने से आपको तुरंत वजन बढ़ने का आभास हो सकता है. हालांकि, जब भी आप छोटे और बार-बार भोजन करने लगते हैं, तो सबसे पहली बात यह है कि आपके भोजन का आकार छोटा होता है.

"जब हमारे शरीर को एक बार में कम कैलोरी मिलती है, तो उनका बेहतर उपयोग किया जाता है और उन्हें वसा के रूप में संग्रहीत नहीं किया जाता है. इसके अलावा, क्योंकि कैलोरी और पोषक तत्वों के नियमित सेवन से शरीर आश्वस्त महसूस कर रहा है, यह शरीर में वसा को संग्रहित करने का कोई कारण नहीं देखता है." 

मुंबई के पोषण विशेषज्ञ के अनुसार, छोटे और लगातार भोजन खाने के फायदे

- शरीर में फैट बर्न करने के लिए अनुकूल वातावरण.
- कम कैलोरी वसा में परिवर्तित होगी.
- उत्तेजक पर कम निर्भरता
- स्मार्ट थिंकिमग, क्योंकि मस्तिष्क को चीनी का नियमित प्रवाह मिलता है.
- प्लैट होगा पेट.

(ल्यूक कोटिन्हो, हॉलिस्टिक लाइफस्टाइल कोच - इंटिग्रेटेड मेडिसिन)

(वंदिता जैन दिल्ली में न्यूट्रिशनिस्ट हैं)

(ऋजुता दिवेकर मुंबई में एक पोषण विशेषज्ञ हैं)

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.