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सदुगुरू जग्गी वासुदेव मे बताया लंबा जीने के लिए अपने खाने की इन आदतों पर दे ध्यान, लंबी होगी उम्र

Sadhguru’s Eating Habits Guide: सद्गुरु ने अपना विजन शेयर किया है, जो प्राचीन योगिक ज्ञान को दर्शाता है, जिसका टाइटल है, 'हेल्दी खाने के टिप्स - कैसे, कब और क्या खाएं.' उन्होंने बताया, "खाने की सामग्री निश्चित रूप से एक बड़ा प्रभाव डालती है, लेकिन आप इसे कैसे खाते हैं यह भी उतना ही जरूरी है."

सदुगुरू जग्गी वासुदेव मे बताया लंबा जीने के लिए अपने खाने की इन आदतों पर दे ध्यान, लंबी होगी उम्र
Sadhguru’s Eating Habits Guide: लंबा जीने में मदद करेंगी ये खाने की आदतें.

Sadhguru's Eating Habits Guide: इस तेज रफ्तार दुनिया में, लोगों ने अपनी सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है और उन प्राचीन परंपराओं को भूल गए हैं जो जीवन शक्ति और उम्र को लंबा करने में मदद करती थीं. इसी के आधार पर, जगदीश "जग्गी" वासुदेव, जिन्हें सद्गुरु के नाम से जाना जाता है, ने इस बारे में डीटेल में बातों को शेयर किया है कि क्या खाना चाहिए, कैसे खाना चाहिए और कब खाना चाहिए, इस तरह लोगों को हेल्थ और ईनर बैलेंस को बनाए रखने में आपको भोजन आपकी मदद कर सकता है. भोजन के ऑपशन्स पर ध्यान देने के अलावा, उनका मानना ​​है कि अच्छी खाने की आदतें सीधे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं. 

सद्गुरु ने अपना विजन शेयर किया है, जो प्राचीन योगिक ज्ञान को दर्शाता है, जिसका टाइटल है, 'हेल्दी खाने के टिप्स - कैसे, कब और क्या खाएं.' उन्होंने बताया, "खाने की सामग्री निश्चित रूप से एक बड़ा प्रभाव डालती है, लेकिन आप इसे कैसे खाते हैं यह भी उतना ही जरूरी है." सद्गुरु की लाइफ बदलने वाली खाने की आदतें लोगों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, मेंटल और इमोशनल हेल्थ को बनाए रखने के साथ ही लंबा जीवन जीने में सक्षम बनाती हैं. आइए जानते हैं सद्‌गुरु द्वारा बताई गई खान-पान की सही आदतों के बारे में, जो आपको लंबा जीवन जीने में मदद करेंगे.

सद्गुरु ने बताया लंबा जीवन जीने के लिए कैसा भोजन करना चाहिए

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भूख पर ध्यान दें

सद्गुरु सुझाव देते हैं कि खाने को एक दिनचर्या नहीं माना जाना चाहिए. हमें शरीर की जरूरतों, जैसे कि भूख का ध्यान रखना चाहिए और फिर खाना चाहिए.

खाने के लिए आभार रखें

सद्गुरु कहते हैं कि "One must eat, but we must eat" जिसका मतलब है कि हमें जो भी खाना मिल रहा है उसके लिए आभार व्यक्त करना चाहिए, क्योंकि ये हमारी लाइफ के लिए बेहद जरूरी है.  

फर्श पर क्रॉस-लेग करके बैठें

योगिक संस्कृति के अनुसार, सद्गुरु कहते हैं कि फर्श पर क्रॉस-लेग करके बैठना और खाना यह सुनिश्चित करने का सही तरीका है कि ऊर्जा आपके पास सही तरीके से पहुंच रही है.

हाथों से खाएं

वो कहते हैं कि जब आप खाने को छूते हैं, तो आपको पता चल जाता है कि यह क्या है. अगर खाना छूने लायक नहीं है, तो आपको यह भी नहीं पता होगा कि इसे खाने में कितना मजा आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जब आप भोजन को महसूस करते हैं, तो आपको पता चल जाता है कि क्या खाना है और क्या नहीं.

खाने को 24 बार चबाएँ

उन्होंने कहा, "अगर आप खाने को चौबीस बार चबाते हैं, तो उस भोजन की जानकारी आपके सिस्टम में स्टोर हो जाती है और आपके शरीर की हर कोशिका यह तय करना शुरू कर देगी कि आपके लिए क्या सही है और क्या नहीं."

खाना खाते समय बात न करें

खाने को एंजॉय करने के लिए, चुपचाप खाना जरूरी है. उन्होंने एक उदाहरण दिया कि, "जब बच्चे एक ही समय पर खाना और बात करना चाहते हैं, तो पहली बात जो हम उन्हें सिखाते हैं, वह है, "शश, जब आप खा रहे हों तो बात न करें." 

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दिन में दो बार खाएं

पाचन प्रोसेस के दौरान, सेलुलर लेवल पर शरीर की शुद्धि लगभग बंद हो जाती है. अगर आप दिन भर खाते रहते हैं, तो सेल्स लंबे समय तक अशुद्धियाँ बनाए रखती हैं, जिससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं. सद्गुरु ने एक दिन में दो बार खाना खाने के बीच में कोई नाश्ता न करने का सुझाव दिया.

रात के खाने का समय और सोने का समय

रात के खाने और सोने के समय के बीच तीन घंटे का अंतर होना चाहिए. अपने संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कम से कम 20 से 30 मिनट तक लाइट फिजिकल एक्टिविटी करें, जैसे कि सिंपल टहलना.

एकादशी पर व्रत

सद्गुरु ने कहा कि "हमने चंद्र मास के कुछ ऐसे दिन पहचाने हैं जब पाचन क्रिया ठीक नहीं होती. महीने के इन दो दिनों में, जिन्हें एकादशी के नाम से जाना जाता है, जो पूर्णिमा और अमावस्या के बाद ग्यारहवाँ दिन होता है, केवल हल्का भोजन करना या पूरी तरह से व्रत करना सबसे अच्छा होता है." कभी-कभी, व्रत रखने से पूरे स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है.

फ्रेश खाएं

फ्रेश खाने से स्वास्थ्य को बहुत लाभ होता है. उन्होंने कहा, "अगर आप अपने और अपने बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हैं, तो आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप जो खाना खाते हैं वह ताजा हो." योग संस्कृति के अनुसार, खाना पकाने के डेढ़ घंटे के भीतर पका हुआ भोजन खाने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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