
How to handle stubborn kids: अगर आपका बच्चा हर बात पर जिद करता है तो ये स्टोरी आपके काम की है. कई पेरेंट्स इस बात से परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा उनकी बात क्यों नहीं मानता (Bachha baat nahi manta). नहाने से लेकर खाने और सोने तक हर छोटी-बड़ी चीज पर बच्चा जिद (Bachho ki zid) करता है या बहस करने लगता है. लेकिन सच ये है कि कई बार बच्चों का ऐसा बिहेवियर हमारी परवरिश की वजह से और बढ़ता चला जाता है. चलिए जानते हैं वो आसान तरीके (ziddi bacha ke liye upay) जिनसे आप अपने जिद्दी बच्चे की परवरिश (Bachcho ko kaise pale) को बेहतर बना सकते हैं. चलिए जानते हैं जिद्दी बच्चे को कैसे बनाएं स्मार्ट और समझदार? जानिए आसान तरीके-
जिद्दी बच्चों की परवरिश के लिए ये टिप्स आएंगे काम (Tips for Raising Stubborn Children | Bachon ki zid kaise khatam kare)
1. बच्चों को कुछ ऑप्शन दें
बच्चे हमेशा वो करना पसंद नहीं करते जो उन्हें कहा जाए. अगर आप अपने 4 साल के बच्चे से कहेंगी कि 9 बजे सोना है तो उसका जवाब होगा नहीं. इसकी बजाय आप उसे कुछ ऑप्शन दें. जैसे पूछें कि सोने से पहले कौन सी स्टोरी सुनना पसंद करेगा. बहुत ज्यादा ऑप्शन न दें वरना बच्चा कंफ्यूज्ड हो सकता है. दो या तीन ऑप्शन काफी हैं ताकि बच्चा आसानी से डिसीजन ले सके.
2. उनके साथ मिलकर काम करें
अगर आप चाहती हैं कि बच्चा आपकी बात माने तो उसे सिर्फ ऑर्डर न दें. उसे शामिल करें. जैसे खिलौने समेटने हों तो खुद से शुरू करें और फिर कहें चलो देखते हैं कौन जल्दी करता है. इस तरह बच्चा मदद करने लगेगा. अपनी टोन और बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें क्योंकि जिद्दी बच्चे बहुत सेंसिटिव होते हैं और आपके बिहेवियर को महसूस करते हैं.
3. जबरदस्ती से बचें
अगर आप बच्चे पर अपनी बात थोपेंगी तो वो और जिद्दी बनेगा. तुरंत तो जबरदस्ती से हल मिल सकता है लेकिन लॉन्ग टर्म में ये ठीक नहीं होता. बच्चों से कनेक्ट होने की कोशिश करें और बात को समझा कर हल निकालें.
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4. उनकी बात ध्यान से सुनें और शांत रहें
जब बच्चा जिद करे तो उस पर चिल्लाने की बजाय उसकी बात सुनें. बहस करने से बचें. अगर बच्चा महसूस करने लगेगा कि उसकी बात नहीं सुनी जा रही तो वो आपकी हर बात को अनदेखा करने लगेगा.
5. बच्चों का रिस्पेक्ट करें
अगर आप चाहती हैं कि बच्चा आपके डिसीजन का सम्मान करे तो पहले आपको भी उसकी फीलिंग्स की रिस्पेक्ट करनी होगी. उनकी बातों को नजरअंदाज न करें और जो काम वो कर सकते हैं वो खुद करने दें. इससे उन्हें लगेगा कि आप उन पर ट्रस्ट करती हैं.
6. बच्चों के साथ थोड़ा सौदा करें
हर बात पर सख्ती करने की बजाय कई बार थोड़ा एडजस्ट करें. जैसे अगर बच्चा वक्त पर सोना नहीं चाहता तो थोड़ी देर की छूट दें ताकि दोनों की बात रह जाए.
7. उनके फेवरेट कामों में साथ दें
बच्चों के फेवरेट कामों में शामिल होने से आपका बॉन्ड मजबूत होगा और आपकी बात का असर भी ज्यादा होगा. बच्चा उन्हीं की सुनता है जो उसके दिल के करीब होते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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