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This Article is From Jan 31, 2023

पुरुषों की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है Necrospermia, जाने क्या है ये, कारण और IVF से ट्रीट करने का तरीका

Necrospermia: नेक्रोसस्पर्मिया वाले लोगों में प्रेगनेंसी रेट कम होती है. आईसीएसआई गर्भवती होने की इस संभावनाओं में सुधार कर सकता है.

पुरुषों की फर्टिलिटी को प्रभावित करता है Necrospermia, जाने क्या है ये, कारण और IVF से ट्रीट करने का तरीका
Necrospermia: इसमें पुरुषों के फ्रेश सीमन सैम्पल में मृत शुक्राणु पाए जाते हैं.

नेक्रोस्पर्मिया क्या है? (What Is Necrospermia)

नेक्रोस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुषों के फ्रेश सीमन सैम्पल में मृत शुक्राणु पाए जाते हैं. नेक्रोस्पर्मिया एक दुर्लभ स्थिति है, जो केवल 0.2 प्रतिशत से 0.5 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करती है. नेक्रोझूस्पर्मिया का सटीक निदान इस समस्या का सबसे अच्छा समाधान है.

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नेक्रोस्पर्मिया का वर्गीकरण | Classification Of Necrospermia

  • मध्यम - 50 से 80 प्रतिशत मृत शुक्राणु
  • गंभीर - 80 प्रतिशत से अधिक मृत शुक्राणु

नेक्रोस्पर्मिया के कारण (Causes Of Necrospermia)

  • प्रोडक्टिव पाथ में इंफेक्शन
  • हार्मोनल असंतुलन
  • रीढ़ की हड्डी में चोट
  • असामान्य शरीर का तापमान
  • टेस्टिक्युलर कर्करोग
  • कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी
  • वृषण समस्याएं
  • लंबे समय तक यौन संयम
  • एंटी स्पर्म एंटीबॉडी
  • एपिडीडिमिक कि समस्या
  • तनाव की दवाएं और अति शराब का सेवन.

नेक्रोस्पर्मिया निदान कैसे किया जाता है? | How Is Necrospermia Diagnosed?

नेक्रोसस्पर्मिया का निदान करने के लिए कुछ टेस्ट करवाने की जरूरत होती है, जैसे की :

  • ईओसिन टेस्ट
  • हाइपो-ऑस्मोटिक फ्लैगेला कोइलिंग टेस्ट
  • स्पेशलाइज्ड स्पर्म फंक्शन टेस्ट
  • पुरुष हार्मोन टेस्ट
  • क्रोमोसोम एनालाइसिस

अक्सर नेक्रोसस्पर्मिया और ओस्टियोज़ोस्पर्मिया के बीच मे भ्रम हो जाता है. ओस्टियोज़ोस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें शुक्राणु स्थिर होते हैं लेकिन मृत नहीं होते. ओस्टियोज़ोस्पर्मिया का इलाज करना आसान है. इसलिए इन दोनों स्थितियों के उचित निदान और उपचार के लिए अपने डॉक्टर से बात करना जरूरी है. गलत निदान नीचे दिए गए टेस्ट के दरम्यान किए गए भूल के कारण हो सकता है:

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  • जब शुक्राणुओं को शुक्राणुनाशक क्रीम के साथ लेपित कंडोम में संचित किया जाता है.
  • जब शुक्राणु जीवाणुरहित कंटेनरों में संचित किए जाते हैं.
  • शुक्राणु को इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्नेहक एंटीसेप्टिक होने से सभी शुक्राणु नष्ट हो जाते हैं.

गलत डायग्नोस से बचने के लिए क्या करें? | What To Do To Avoid Misdiagnosis?

  • सीमन एनालिसिस के लिए सीमन सैम्पल एकत्र करने के लिए एक खास नॉन टॉक्सिक सिलास्टिक कंडोम का उपयोग करना सुविधाजनक होगा.
  • अगर सीमन एनालिसिस टेस्ट में नेक्रोसस्पर्मिया डायग्नोस हुआ है, तो इसे एक प्रतिष्ठित प्रयोगशाला द्वारा फिर से जांचा जाना चाहिए.
  • जीवित शुक्राणु और मृत शुक्राणु की सही पहचान करने के लिए प्रयोगशाला तकनीशियन अनुभवी होना चाहिए.
  • ये टेस्ट सटीक करना जरुरी होता है, इसलिए एंड्रोलॉजी लैब एक जरूरी स्थान है.
  • पहले वीर्य के 1 घंटे बाद दूसरे वीर्य का सैम्पल लिया जाता है. अगर पहले नमूने में कोई जीवित शुक्राणु नहीं पाया जाता है, तो दूसरा सीमन टेस्ट फायदेमंद हो सकता है.

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नेक्रोस्पर्मिया ट्रीटमेंट ऑप्शन (Necrospermia Treatment Options) 

जब नेक्रोस्पर्मिया को डायग्नोस किया जाता है, तो पहले समस्या के सटीक कारण की पहचान की जानी चाहिए. किसी भी प्रकार के संक्रमण को एंटीबायोटिक दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है. इसके अलावा, अगर नेक्रोस्पर्मिया ड्रग के दुरुपयोग के कारण होता है, तो डॉक्टर ड्रग डी एडिक्शन ट्रीटमेंट लिख सकते हैं.

नेक्रोसस्पर्मिया वाले लोगों में प्रेगनेंसी रेट कम होती है. आईसीएसआई गर्भवती होने की इस संभावनाओं में सुधार कर सकता है.
टेस्टिकुलर स्पर्म एक्सट्रैक्शन (टीईएसई-आईसीएसआई) के साथ आईवीएफ नेक्रोसस्पर्मिया के लिए सबसे अच्छा उपचार विकल्प है. इस प्रक्रिया के दौरान आपका डॉक्टर आपको अंडकोष को सुन्न करने के लिए एनेस्थीसिया देगा, फिर टिश्यू की एक छोटी मात्रा को निकालने के लिए अंडकोष में एक सुई डाली जाती है.

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आईवीएफ के साथ नेक्रोस्पर्मिया को कैसे दूर करें?

कभी कभी सीमन इजेकुलेशन में जीवित शुक्राणु कोशिका नहीं पाया जाता है, लेकिन अंडकोष में वे जीवित मिल सकते है. ये शुक्राणु स्वयं अंडे में प्रवेश और निषेचित नहीं कर सकते हैं. इसलिए आईसीएसआई के साथ आईवीएफ जरूरी है. यहां आपका डॉक्टर सीधे शुक्राणु के साथ अंडे को इंजेक्ट करेगा. 

अस्वीकरण: इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं. एनडीटीवी इस लेख की किसी भी जानकारी की सटीकता, पूर्णता, उपयुक्तता या वैधता के लिए ज़िम्मेदार नहीं है. सभी जानकारी यथास्थिति के आधार पर प्रदान की जाती है. लेख में दी गई जानकारी, तथ्य या राय एनडीटीवी के विचारों को नहीं दर्शाती है और एनडीटीवी इसके लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व नहीं लेता है.

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