Is one Drink a Day Bad For Your Heart?: आजकल हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर सबसे खतरनाक साइलेंट किलर बन चुके हैं. साइलेंट इसलिए, क्योंकि ये बीमारियां अक्सर बिना किसी बड़े लक्षण के शरीर के अंदर धीरे-धीरे बढ़ती रहती हैं और जब तक व्यक्ति समझ पाता है, तब तक नुकसान काफी हो चुका होता है. खराब लाइफस्टाइल, बढ़ता मानसिक तनाव, नींद की कमी और खानपान की गलत आदतों ने इन बीमारियों को और भी आम बना दिया है.
NDTV से बातचीत में मेदांता अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान बताते हैं कि हार्ट डिजीज और हाई बीपी कोई अचानक होने वाली समस्या नहीं है, बल्कि यह सालों की गलत आदतों का नतीजा होती है. सही डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, योग, स्ट्रेस मैनेजमेंट और समय-समय पर जांच से इनका खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है.
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लाइफस्टाइल और हार्ट हेल्थ का गहरा कनेक्शन
आज लोगों की फिजिकल एक्टिविटी लगातार कम होती जा रही है. घंटों स्क्रीन के सामने बैठना, जंक फूड पर निर्भर रहना, देर रात तक जागना और पर्याप्त नींद न लेना, ये सभी आदतें सीधे दिल पर असर डालती हैं. तनाव के कारण शरीर में ऐसे हार्मोन बढ़ते हैं, जो ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट को लगातार ऊंचा बनाए रखते हैं. इसके अलावा, प्रदूषण भी हार्ट डिजीज का एक बड़ा कारण बन चुका है, खासकर शहरों में रहने वालों का ये बड़ा नुकसान कर रहा है.
जेनेटिक और डायबिटीज का कनेक्शन
डॉ. नरेश त्रेहान के अनुसार, भारत में हार्ट डिजीज का खतरा जेनेटिक कारणों से भी ज्यादा देखा जाता है. अगर परिवार में किसी को हार्ट अटैक, हाई बीपी या डायबिटीज रही है, तो अगली पीढ़ी में इसका जोखिम अपने आप बढ़ जाता है.
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जब साथ होते हैं, तो हार्ट अटैक की संभावना तीन से चार गुना तक बढ़ सकती है. इसलिए जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री है, उन्हें 25–30 साल की उम्र से ही रेगुलर ब्लड शुगर, बीपी और कोलेस्ट्रॉल की जांच करानी चाहिए.
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स्मोकिंग, तंबाकू और शराब का असर
तंबाकू किसी भी रूप में चाहे सिगरेट हो, बीड़ी हो या चबाने वाला गुटखा दिल के लिए बेहद नुकसानदायक है. यह धमनियों को सिकोड़ देता है, जिससे ब्लड फ्लो कम होता है और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है.
शराब की कितनी मात्रा आपके हार्ट के लिए खतरनाक?
डॉक्टर कहते हैं कि, शराब पीने की मात्रा कितनी भी कम हो, वो आपके हार्ट के लिए खतरनाक हो सकती है. शराब पीने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, हार्टबीट इर्रेगुलर हो सकती है और हार्ट को कमजोर बना सकती है. इसके अलावा, शराब पीने से कैंसर, दिल की बीमारी, स्ट्रोक और कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. तो अगर आपको अपने हार्ट की सेहत की चिंता है, तो शराब पीना कम करना या बंद करना ही सबसे अच्छा विकल्प होगा.
मोटापा, एक्सरसाइज और मसल मास
मोटापा आज हार्ट डिजीज का सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर बन चुका है. मोटापे से न सिर्फ दिल की बीमारी, बल्कि डायबिटीज, हाई बीपी और यहां तक कि कुछ तरह के कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है. उम्र के साथ मसल मास घटता है, इसलिए सिर्फ वजन कम करना ही नहीं, बल्कि मसल स्ट्रेंथ बनाए रखना भी जरूरी है. रोजाना 30–40 मिनट की ब्रिस्क वॉक, योग, स्ट्रेचिंग या हल्की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग दिल को मजबूत रखने में मदद करती है.
डाइट, बीपी और दवाइयों का सही संतुलन
नमक, फैट और कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए जरूरी हैं, लेकिन सीमित मात्रा में. जंक फूड और प्रोसेस्ड खाने में सोडियम बहुत ज्यादा होता है, जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है. बैलेंस डाइट, वजन को सही सीमा में रखना और रेगुलर बीपी मॉनिटरिंग बेहद जरूरी है.
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डॉ. त्रेहान बताते हैं कि कई मामलों में लाइफस्टाइल सुधार से बीपी कंट्रोल हो सकता है और दवाइयों की जरूरत कम या खत्म भी हो सकती है. लेकिन, बिना डॉक्टर की सलाह दवा बंद करना खतरनाक हो सकता है. 24 घंटे की बीपी मॉनिटरिंग से सही इलाज तय किया जाता है. समय रहते सावधानी और सही आदतें अपनाकर दिल को लंबे समय तक हेल्दी रखा जा सकता है.
(यह लेख मेदांता अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ. नरेश त्रेहान से बातचीत पर आधारित है)
Dr. Naresh Trehan से जानें बीमारियों से बचने और लंबी उम्र पाने के राज, दिल के डॉक्टर से दिल की बात
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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