बिना दवा के भारतीय मूल के सीएफओ ने सिर्फ 3 महीने में ठीक किया अपना डायबिटीज, जानिए कैसे हुआ ये कमाल

चंद्रा के रेगुलर दौड़ना शुरू करने के ठीक तीन महीने बाद उनके ब्लड में ग्लूकोज का लेवल सामान्य सीमा में आकर 8 से 6.80 पर आ गया था.

बिना दवा के भारतीय मूल के सीएफओ ने सिर्फ 3 महीने में ठीक किया अपना डायबिटीज, जानिए कैसे हुआ ये कमाल

दौड़ना शुरू करने के बाद से चंद्रा लगभग 20,000 किमी दौड़ चुके हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

भारतीय मूल के एक चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) ने हाल ही में खुलासा किया कि कैसे उन्होंने बिना कोई दवा लिए अपना डायबिटीज ठीक किया. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (एससीएमपी) के अनुसार, अमोली एंटरप्राइजेज लिमिटेड के सीएफओ रवि चंद्रा को 51 साल की उम्र में टाइप 2 डायबिटीज का पता चला था. उस समय उनके डॉक्टर ने उन्हें बीमारी के लिए दवा लेना शुरू करने की सलाह दी थी. हालांकि, उन्होंने इसके बजाय दौड़ना शुरू कर दिया, जिससे उनका ब्लड शुगर लेवल केवल तीन महीनों में सामान्य हो गया. उन्होंने आउटलेट को बताया, उन्हें कभी दवा लेने की जरूरत नहीं पड़ी.

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रवि चंद्रा को डायबिटीज का 2015 में पता चला था:

एससीएमपी के अनुसार, चंद्रा को 2015 में डायबिटीज का पता चला था. तब से उन्होंने 29 दौड़ें लगाई हैं - हांगकांग, चीन, ताइवान और भारत में 12 मैराथन, 5 हाफ-मैराथन, 7-10 किलोमीटर दौड़ और 5 अल्ट्रा रन, जिनमें शामिल हैं हांगकांग में 100 किलोमीटर का ऑक्सफैम ट्रेलवॉकर. रेगुलर दौड़ना शुरू करने के ठीक तीन महीने बाद, उनका ब्लड शुगर लेवल सामान्य श्रेणी में वापस आ गया, 8 से 6.80 तक.

"मुझे लगा कि एक बार जब मैंने दवा शुरू कर दी, तो खुराक बढ़ती रहेगी. मुझे लगा कि मेरे फिटनेस लेवल में सुधार से डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, मेरा काम बहुत तनावपूर्ण था और मैंने सोचा कि रेगुलर एक्सरसाइज मुझे शांत करने में मदद करेगी." चंद्रा ने आउटलेट को बताया.

अपने दोस्त से प्रेरित होकर दौड़ना किया शुरू:

भारतीय मूल के सीएफओ ने खुलासा किया कि उन्होंने पहली बार 2011 में अपने दोस्त से प्रेरित होकर दौड़ने की कोशिश की, जो 100 से ज्यादा मैराथन दौड़ चुका है. हालांकि, एक घटना के बाद उन्होंने डायबिटीज को डायग्नोस होने तक दौड़ना बंद कर दिया. जब उन्होंने दूसरी बार दौड़ने का फैसला किया, तो उन्होंने एक नया दृष्टिकोण अपनाया.

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उन्होंने आउटलेट को बताया, "मैंने एक किलोमीटर चलने से शुरुआत की और फिर मैं 10 किलोमीटर तक दौड़ता-चलता-दौड़ता. जल्द ही, मेरी सहनशक्ति में सुधार हुआ और मैं हप्ते में तीन से चार बार बिना रुके 10 किलोमीटर दौड़ने में सक्षम हो गया."

हफ्ते में दौड़ते हैं 6 से 9 किलोमीटर:

अब, चंद्रा ने कहा कि वह काम पर जाने से पहले हफ्ते में छह दिन 8 किमी से 9 किमी दौड़ते हैं. शनिवार को काम के बाद, वह लंबी दौड़ के लिए जाते हैं, अक्सर लांताऊ द्वीप पर अपने पसंदीदा मार्ग पर, तुंग चुंग से डिजनीलैंड और हांगकांग अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे तक. उन्होंने कहा, "यह 21 किमी लंबा इलाका है और खूबसूरत है. मुझे समुद्र के किनारे दौड़ना पसंद है."

चंद्रा ने यह भी बताया कि वह मैक्सिमम एरोबिक फंक्शन (एमएएफ) तकनीक का उपयोग करके दौड़ते हैं. इसमें उम्र और अन्य फैकटर्स के आधार पर किसी व्यक्ति के लिए कम तीव्रता वाली एरोबिक हार्ट रेट ट्रेनिंग शामिल है. उन्होंने बताया, "इस तरीके से मुझे सामान्य से धीमी गति से दौड़ने में मदद मिली है."

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दौड़ चुके हैं 20,000 किलोमीटर:

सीएफओ का अनुमान है कि जब से उन्होंने दौड़ना शुरू किया है तब से वह लगभग 20,000 किलोमीटर दौड़ चुके हैं. वह दौड़ने को एक व्यसन के रूप में मानते हैं. उनके 29 और 24 साल के बच्चे भी अपने पिता को सफल होता देख दौड़ने के लिए प्रेरित हुए.

आउटलेट से बात करते हुए चंद्रा ने कहा कि वह आमतौर पर केवल शाकाहारी भोजन खाते हैं, कभी-कभी मछली या चिकन भी खाते हैं. उनके नाश्ते का ज्यादातर हिस्सा दही चावल, इडली या डोसा के रूप में कार्बोहाइड्रेट से बना होता है. अपने दोपहर के भोजन और रात के खाने में वह अक्सर पकी हुई सब्जियों के साथ परोसे गए चावल खाते हैं. वह नाश्ते के रूप में फल भी खाते हैं और लंबी दौड़ के लिए फ्यूल के रूप में सेब और संतरे का उपयोग करते हैं.



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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)