विज्ञापन
This Article is From Oct 28, 2020

सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने से Coronavirus से होने वाली मौतों में हो सकता है इजाफा: ICMR

पिछले दो हफ्तों में उत्तर भारत में सर्दी और प्रदूषण (Pollution) के आगमन से कोरोनावायरस को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. दिल्ली सहित उत्तर भारत में हर साल सर्दी के मौसम में वायु गुणवत्ता (Air quality) काफी खराब स्तर तक गिर जाती है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से कोविड-19 महामारी की स्थिति और खराब हो सकती है.

सर्दियों में प्रदूषण बढ़ने से Coronavirus से होने वाली मौतों में हो सकता है इजाफा: ICMR
उत्तर भारत में हर साल सर्दी के मौसम में वायु गुणवत्ता काफी खराब स्तर तक गिर जाती है.

नई दिल्ली: Covid-19 Pandemic: पिछले दो हफ्तों में उत्तर भारत में सर्दी और प्रदूषण के आगमन से कोरोनावायरस को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं. यूरोप और अमेरिका में शोध से पता चला है कि अधिक समय तक वायु प्रदूषण (Air Pollution) का सामना करने से कोविड-19 के कारण मौत (Death Due To Corona Virus) के मामले बढ़ सकते हैं. यह जानकारी मंगलवार को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव ने दी. उन्होंने कहा कि अध्ययन में पता चला है कि ‘‘वायरस के कण पीएम 2.5 पार्टिकुलेट मैटर के साथ हवा में रहते हैं लेकिन वे सक्रिय वायरस नहीं हैं.'' भार्गव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यूरोप और अमेरिका में प्रदूषित क्षेत्रों और लॉकडाउन के दौरान मृत्यु दर की तुलना की गई और प्रदूषण के साथ उनका संबंध देखा तो पाया कि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु में प्रदूषण का स्पष्ट योगदान है और इन अध्ययनों से यह अच्छी तरह साबित होता है.'' 

Dieting Mistakes To Avoid: डायटिंग करने का बना रहे हैं प्लान, तो कभी न करें ये गलतियां, बुरे होंगे परिणाम!

दिल्ली सहित उत्तर भारत में हर वर्ष सर्दी के मौसम में वायु गुणवत्ता (Air quality) काफी खराब स्तर तक गिर जाती है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि वायु प्रदूषण के उच्च स्तर से कोविड-19 महामारी की स्थिति और खराब हो सकती है. भार्गव ने कहा कि यह साबित तथ्य है कि प्रदूषण का संबंध मौत से है और कहा कि कोविड-19 और प्रदूषण से बचाव का सबसे सस्ता तरीका मास्क पहनना है. उन्होंने कहा कि ज्यादा प्रदूषण वाले शहरों में महामारी नहीं होने के बावजूद लोग मास्क पहनते हैं.आईसीएमआर प्रमुख ने कहा, ‘‘कोविड-19 दिशानिर्देशों में चाहे मास्क पहनना हो, सामाजिक दूरी का पालन करना हो, सांस लेने का तरीका हो और हाथ की साफ-सफाई करनी हो, हमें उसमें ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता. मास्क पहनने का दोहरा फायदा है क्योंकि यह कोविड-19 के साथ ही प्रदूषण से भी बचाता है.''

प्रेगनेंसी के दौरान इन फूड्स को बिल्कुल नहीं खाना चाहिए, बच्चे और मां दोनों को हो सकता है नुकसान!

भारत में बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में उन्होंने कहा कि देश का संपूर्ण आंकड़ा दर्शाता है कि कोविड-19 के कुल संक्रमित मामलों में से केवल आठ फीसदी ही 17 वर्ष से कम उम्र के हैं. भार्गव ने कहा, ‘‘पांच वर्ष से कम उम्र में संभवत: एक फीसदी से कम हैं.'' उन्होंने कहा कि इस तरह के साक्ष्य हैं कि बच्चे ‘‘ज्यादा संक्रमण फैलाने वालों (सुपर स्प्रेडर) के बजाय संक्रमण फैलाने वाले (स्प्रेडर) हो सकते हैं.'' एक सवाल के जवाब में भार्गव ने कहा कि भारत में अभी तक एक भी मामला सामने नहीं आया है जिसमें कोविड-19 रोगियों में कोवासाकी बीमारी हो. कावासाकी स्वत: प्रतिरोधक बीमारी है जो पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है.

हेल्थ की और खबरों के लिए जुड़े रहिए

ब्लड प्रेशर से जुड़ी इन 5 बातों पर न करें विश्वास, गलतफहमी के हो सकते हैं आप शिकार

Spinal Stenosis: स्पाइनल स्टेनोसिस क्या है और किसे होता है? जानें लक्षण और इलाज के तरीके

Migraine Yoga Poses: माइग्रेन से राहत पाने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं ये योगासन, रोजाना करना न भूलें!

Festival 2020: इस फेस्टिवल सीजन में त्योहारों का बेफिक्र आनंद लेने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट से जानें लाइफस्टाइल टिप्स

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com