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अक्सर होती है अपच और एसिडिटी तो करें ये काम, फिर कभी नहीं पेट की दिक्कतें, डायजेशन रहेगा हेल्दी

Acidity Aur Gas Ka Ilaj: अपनी लाइफस्टाइल इन बदलावों को करने से गैस्ट्रिक समस्याओं को रोकने और डायजेशन हेल्थ को बढ़ावा मिलता है. अगर आप इन टिप्स अपनाएं तो जल्द ही अपच और एसिडिटी की समस्या से राहत मिल सकती है.

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अक्सर होती है अपच और एसिडिटी तो करें ये काम, फिर कभी नहीं पेट की दिक्कतें, डायजेशन रहेगा हेल्दी
Acidity Aur Gas Ka ilaj: एसिडिटी या अपच को नेचुरल तरीके से भी ठीक किया जा सकता है.

Indigestion Home Remedies: अपच, सूजन और एसिडिटी जैसी गैस्ट्रिक समस्याएं अक्सर परेशान करती हैं. बहुत बार हम इसको शांत करने के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसिडिटी या अपच को नेचुरल तरीके से भी ठीक किया जा सकता है. आयुर्वेद में सूजन को वात रोग के रूप में बांटा गया है. यह कमजोर पाचन या मेटाबॉलिक अग्नि से जुड़ा है. सूजन पाचन अग्नि की कमी और समान वात के बिगड़ने के कारण होती है. अगर आपको भी अक्सर एसिडिटी और अपच से दो चार होना पड़ता है और आप एसिडिटी से राहत पाने के उपाय तलाश रहे हैं तो यहां कुछ प्राकृतिक तरीके हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं.

अपच और एसिडिटी को ठीक करने के उपाय | Remedies to cure indigestion and acidity

1. मन लगाकर खाएं

आयुर्वेद शांत वातावरण में खाने के महत्व पर जोर देता है. अपने खाने को अच्छी तरह चबाएं और पाचन में सहायता के लिए प्रत्येक टुकड़े का स्वाद लें.

2. गर्म पानी

पूरे दिन गर्म पानी पीने से पाचन अग्नि को बनाए रखने और सुचारू पाचन को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है. ठंडी ड्रिंक्स से बचें, क्योंकि वे अग्नि को कमजोर कर सकते हैं.

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3. हर्बल चाय

अदरक, पुदीना और सौंफ जैसी पाचक हर्बल चाय को अपने रूटीन में शामिल करें. ये जड़ी-बूटियां पेट को शांत कर सकती हैं और पाचन संबंधी परेशानी को कम कर सकती हैं.

4. त्रिफला

त्रिफला एक पारंपरिक आयुर्वेदिक हर्बल फार्मूला अपने पाचन लाभों के लिए जाना जाता है. यह मल त्याग को कंट्रोल करने और पाचन तंत्र को एसिड फ्री करने में मदद कर सकता है.

5. अच्छा फूड कॉम्बिनेशन

आयुर्वेद कुछ ऐसे फूड्स कॉम्बिनेशन से बचने की सलाह देता है जो पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं. उदाहरण के लिए डेयरी को खट्टे या एसिडिक फूड्स के साथ मिलाने से बचें.

6. खाने का सही समय बनाएं

खाने का एक रूटीन और समय बनाएं. किसी भी समय खाने से बचें. इर्रेगुलर खान-पान से पाचन क्रिया रिस्ट्रिक्ट हो सकती है. प्रत्येक दिन एक ही समय पर भोजन करने का प्रयास करें.

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7. पाचन के लिए मसाले

जीरा, धनिया और हल्दी जैसे मसाले पाचन को बढ़ा सकते हैं और सूजन को कम कर सकते हैं. उन्हें अपने खाना पकाने में शामिल करें.

एसिडिटी के लक्षण, कारण, इलाज, उपचार, परहेज | Dr Prakhar Gupta

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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