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Domestic abuse कैसे मेंटल हेल्थ को करता है प्रभावित? क्या आते हैं मरने के ख्याल?

Effects of domestic violence on mental health : घरेलू उत्पीड़न मानसिक स्वास्थ्य को काफी हद तक प्रभाव करता है, जिसके कारण व्यक्ति अपना आत्म सम्मान खो देता है, कुछ खाने का मन नहीं करता, नींद की समस्या होने के साथ- साथ व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार भी हो जाता है. आइए जानते हैं, इस बारे में.

Domestic abuse कैसे मेंटल हेल्थ को करता है प्रभावित? क्या आते हैं मरने के ख्याल?
घरेलू हिंसा का शिकार होने बाद व्यक्ति  कई तरह की मानसिक बीमारियों से जूझने लगता है.

Domestic abuse Impact on Health : हर कोई ऐसा जीवन चाहता है, जिसमें खुशियां हों और वह बिना किसी परेशानी के अपने परिवार के साथ जीवन बिता सके, लेकिन इन्हीं परिवार में रहने वाले लोग घरेलू उत्पीड़न (Domestic Abuse) के शिकार होते हैं, जिसका सीधा असर व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. आपको बता दें, घरेलू उत्पीड़न के कारण व्यक्ति की दिनचर्या काफी प्रभावित होती है, जिसके कारण वह खुद का ठीक से ख्याल नहीं रख पाते हैं, ठीक से खा पी नहीं पाते और उन्हें कई मानसिक बीमारियों से जूझना पड़ता है. ऐसे में आइए जानते हैं, घरेलू उत्पीड़न मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?

घरेलू उत्पीड़न मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है?  Know- How will domestic violence affect mental health?

  • यूनाइटेड किंगडम में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ की रिसर्च से पता चला है कि जिन लोगों ने अपने बचपन या जवानी के समय घरेलू उत्पीड़न का अनुभव किया है, उनमें सामान्य लोगों की तुलना में मानसिक रूप से पीड़ित होने की संभावना कहीं अधिक होती है.
  • इसी के साथ रिसर्च में पाया गया है कि जिन महिलाओं को कोई मानसिक स्वास्थ्य की परेशानी नहीं है, उनकी तुलना में, डिप्रेशन से जूझ रही महिलाओं के घरेलू हिंसा का शिकार होने की संभावना लगभग 2.5 गुना अधिक होती है.
  • आपको बता दें, पुरुषों के लिए भी यही पैटर्न पाया गया है. मानसिक स्वास्थ्य की परेशानी से जूझ रहे पुरुषों को भी घरेलू हिंसा का शिकार होने की संभावना ज्यादा होती है.

घरेलू हिंसा से मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव | Effects of domestic violence on mental health

  • घरेलू हिंसा मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है और पीड़ितों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे  एंग्जाइटी या PTSD दिखने लगता है. उनमें आत्मसम्मान की कमी होने लगती है, कुछ खाने का मन नहीं करता, नींद की समस्या होने के साथ- साथ व्यक्ति डिप्रेशन का भी शिकार हो जाता है.

घरेलू हिंसा के कारण बढ़ता है आत्महत्या का खतरा | Domestic violence increases the risk of suicide

  • घरेलू हिंसा का शिकार होने बाद व्यक्ति कई तरह की मानसिक बीमारियों से जूझने लगता है. ऐसे में उसके मन में बार-बार मरने का ख्याल आता है. जिस कारण आत्महत्या का खतरा और अधिक बढ़ जाता है. हालांकि ऐसी स्थिति आने पर अक्सर थेरेपी लेने की सलाह दी जाती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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