मेकअप और स्किन केयर प्रोडक्ट्स के साथ वीडियो में पोज देने के लिए माता-पिता पर दबाव डाले जाने पर "सेफोरा किड्स" नाम की प्री टीन लड़कियों ने टिकटॉक में तूफान ला दिया है, इस चलन में कुछ विशेषज्ञ इसे बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बताते हैं. 8 से 12 साल की अमेरिकी लड़कियां वीडियो प्लेटफॉर्म पर अपने मेकअप परचेज पर मॉडलिंग करके हजारों फॉलोअर्स हासिल कर रही हैं.
यह ट्रेंड खासतौर से फ्रांसीसी हाई-स्ट्रीट ब्रांड सेफोरा पर फोकस्ड है, जिसकी चैंपियन रियलिटी टीवी स्टार किम कार्दशियन की बेटी, नॉर्थ वेस्ट है. मॉइस्चराइजर पोट्स पर हाथ फेरते हुए या अपने माता-पिता से उनके लिए एंटी-रिंकल क्रीम खरीदने की विनती करते हुए वे अपने बालों को पीछे की ओर बांधकर, पॉपुलर एडल्ट मेकअप ट्यूटोरियल की नकल करते हुए शीशे के सामने पोज देते हैं.
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डर्मेटोलॉजिस्ट ने चेतावनी दी है कि बच्चों के वीडियो में इस्तेमाल किए गए कुछ प्रोडक्ट्स में ऐसे कॉम्पोनेंट शामिल हैं जो यंग स्किन के लिए अच्छे नहीं हैं, जैसे रेटिनॉल.
उन्होंने चेतावनी दी, "इससे इन प्रोडक्ट्स के दुरुपयोग से पैदा होने वाले स्किन रिएक्शन और प्रोब्लम्स से रिलेटेड एडवाइज लेने वालों में बढ़ोत्तरी हुई है."
"ज्यादा माता-पिता को यह एहसास नहीं होता कि उन प्रोडक्ट्स का कोई जोखिम है." फेमस ब्यूटी इंफ्लुएंसर की नकल करते हुए, "सेफोरा किड्स" हाई-एंड लाइन के प्रोडक्ट्स का रिब्यू करते हैं, जैसे कि मॉइस्चराइजर जिनकी कीमत लगभग 70 यूरो है.
"ये छोटी लड़कियां, मेरी तनख्वाह की तरह, स्किन केयर पर कैसे खर्च कर सकती हैं?" संयुक्त राज्य अमेरिका में एक सेफोरा विक्रेता ने एक टिकटॉक वीडियो में कहा.
ऑनलाइन बिहेवियर में विशेषज्ञता रखने वाले मनोविश्लेषक माइकल स्टोरा ने कहा कि वीडियो में लड़कियां "गुड़ियों के साथ नहीं खेल रही हैं जैसा कि आप उनकी उम्र के हिसाब से उम्मीद कर सकते हैं वे गुड़िया हैं."
वीडियो में कुछ माताएं इस चलन को केवल एक "खेल" कहकर बचाव करती हैं, लेकिन स्टोरा ने माता-पिता पर अपनी संतानों को "कामोत्तेजक" बनाने का आरोप लगाया.
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कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में प्रोफेसर सोलेन डेलेकोर्ट, जो सोशल इक्वलिटी में एक्सपर्ट हैं, का भी मानना है कि वीडियो "ऑनलाइन लड़कियों और महिलाओं के बहुत ही रूढ़िवादी रिप्रजेंटेशन को बढ़ावा दे सकते हैं." उन्होंने कहा, "ये महिलाएं नहीं बल्कि छोटी लड़कियां हैं और वे पहले से ही इस तीव्र सामाजिक दबाव का सामना कर रही हैं."
डेलेकोर्ट ने इस महीने नेचर जर्नल में एक अध्ययन जारी किया जिसमें कहा गया कि ऑनलाइन इमेज जेंडर बायर को बढ़ाती हैं, खासकर महिलाओं के खिलाफ और हाल के महीनों में युवा लोगों पर वीडियो के प्रभाव को लेकर टिकटॉक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आलोचना के घेरे में आ गए हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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