Explainer: आज बात काम की बात से ही शुरू करते हैं. तो अगर हर सेलेब्रेशन में आप भी बोतल खोलते हैं, तो यह लेख आपके लिए है. अल्कोहल, शराब, मदिरा या मादक पेय पदार्थ ये कुछ ऐसे नाम हैं जिनसे हम अल्कोहल को पुकारते हैं. सबसे आम नाम है शराब. भारत में अक्सर शराब के सेवन (Sharab Pina) बुरा ही माना जाता है. किसी परिवार में अगर कोई शराब पीता है, तो ज्यादातर लोग उसे ऐसा करने से रोकते हैं. कई बार शराब के नशे में ऐसी बहुत सी अप्रिय घटनाएं होती हैं, जो नहीं होनी चाहिए थी. कुछ लोग दावा करते हैं कि वे शराब के नशे में बोली हुई बातें भूल जाते हैं. तो चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों है कि लोग शराब पीने के बाद की बातें भूल जाते हैं, शराब आपके दिमाग और शरीर पर किस तरह असर करती है. इसके अलावा यह भी समझेंगे कि शराब पीना चाहिए या नहीं, कितनी मात्रा में शराब पीना सही है और शराब की लत क्यों लग जाती है. इसके साथ ही साथ यह भी कि अल्कोहल की आदत कैसे छोड़ सकते हैं.
शराब क्या है | What is alcohol?
शराब एक ऐसा ड्रग है, जो जहरीला है और जिसकी लत लग सकती है. जब हम शराब के बारे में बात करते हैं, तो हमारा मतलब आमतौर पर बीयर, वाइन और स्पिरिट में पाए जाने वाले अल्कोहल से होता है. अल्कोहल इन पेय पदार्थों में मौजूद वह तत्व है, जो आपको नशे में डाल देता है.
शराब कैसे बनती है?
पेय पदार्थों में मौजूद अल्कोहल को इथेनॉल (ethanol) या एथिल अल्कोहल (ethyl alcohol) कहा जाता है. यह अनाज, फलों और सब्जियों में मौजूद शर्करा के खमीर से तैयार होता हे. जैसे अंगूर में मौजूद शुगर से तैयार शराब को वाइन कहा जाता है, वहीं आलू में मौजूद शुगर से वोदका तैयार की जाती है.
शराब की लत क्यों लग जाती है?
अब अगर शराब इतनी ही खराब है, तो हम इसे पीते क्यों हैं. आखिर हमें शराब की लत क्यों लग जाती है. तो असल में शराब डोपामाइन को सक्रिय करती है. अब भला ये डोपामाइन क्या बला है. तो डोपामाइन एक न्यूरोट्रांसमीटर है, जो आनंद, प्रेरणा और सीखने में भूमिका निभाता है. ये मस्तिष्क के रिवार्ड सिस्टम को प्रभावित करता है. यानी यह आपको खुश, हल्का और मोटिवेटिड महसूस कराता है.
जब इसका असर खत्म होता है, तो इंसान को तनाव और एंगजायटी महसूस होने लगती है. जिससे बचने के लिए वह फिर से शराब पीना चाहता है, क्योंकि वह स्थिति उसे सहज और अच्छा महसूस कराती है. खासकर जब लोग अपनी इच्छाओं को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं, तो इससे शराब की लत लग सकती है क्योंकि यह उन्हें भावनात्मक और शारीरिक रूप से प्रभावित करती है. यही वजह है कि इंसान बार बार शराब पीना चाहता है.
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भारत में किस ड्रिंक में कितना फीसदी अल्कोहल होता है:
कुछ मादक पेय पदार्थ दूसरों की तुलना में ज्यादा स्ट्रोंग होते हैं, तो कुछ कम. यह इस बात पर निर्भर करता है कि उस पेय पदार्थ में कितना फीसदी अल्कोहल को शामिल किया गया है. आमतौर पर पेय पदार्थों के प्रकार पर ही यह निर्भर होता है कि उसमें कितना अल्कोहल की मात्रा का इस्तेमाल किया जाएगा. अगर आप जानना चाहते हैं कि किस ड्रिंक में कितना अल्कोहल होता है तो ये रही लिस्ट:
वोदका | 36 से 50% |
---|---|
जिन | 36 से 50% |
रम | 36 से 50% |
व्हिस्की | 36 से 50% |
फैनी | 15 से 50% |
ब्रेंडी | 36 से 50% |
लिकर | 19 से 43% |
वाइन | 7.0 to 15.5% |
बीयर | 5.0% तक |
स्ट्रोंग बीयर | 5.0 से 8%तक |
स्रोत: fssai.gov.in (पेय के प्रकार के अनुसार हल्के बदलाव हो सकते हैं.)
शराब पीने के बाद लोग बातें क्यों भूल जाते हैं? (Alcohol-induced blackouts)
अक्सर आपने देखा होगा कि शराब पीने के बाद लोग खुद पर कंट्रोल नहीं रख पाते कुछ लोग तो यहां-वहां गिर पड़ते हैं और कुछ तो एकदम बदहवास हो जाते हैं और उन्हें कुछ पता ही नहीं होता कि वो कहां है और उनके साथ क्या हो रहा है. शराब पीकर होश खोना यानी ब्लैकआउट होने का मतलब है आप एक खास समय में अपनी याददाश्त इकट्ठा नहीं कर पाते. आइए जानते हैं कि शराब पीने के बाद ब्लैकआउट क्यों होता है और इसका हमारे ब्रेन पर कैसे असर पड़ता है.
असल में शराब का सेवन शराब से प्रेरित ब्लैकआउट का कारण बन सकता है. ब्लैकआउट किसी व्यक्ति की याददाश्त में उन घटनाओं के अंतराल होते हैं जो नशे में होने के दौरान हुई थीं. यही वजह है कि लोग अक्सर शराब पीने के बाद की बातें भूल जाते हैं. ये अंतराल तब होते हैं जब कोई व्यक्ति इतनी शराब पीता है कि यह अस्थायी रूप से यादों के शॉर्ट टर्म से लॉन्ग टर्म स्टोरेज को रोक देता है, जिसे मेमोरी कंसॉलिडेशन (memory consolidation) के रूप में जाना जाता है, मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस नामक क्षेत्र में ऐसा होता है.
दिमाग पर किस तरह असर करता है अल्कोहल
शराब ब्रेन के बैलेंस, मेमोरी, स्पीच और डिसीजन मेकिंग को कंट्रोल करने वाले क्षेत्रों के लिए अपना काम करना कठिन बना देती है, जिसकी वजह से चोट लगने और अन्य नकारात्मक परिणामों की संभावना बढ़ जाती है. लंबे समय तक भारी मात्रा में शराब पीने से न्यूरॉन्स में बदलाव होता है, जैसे कि उनके आकार में कमी आना.
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क्या कहती है रिसर्च
हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट में इस बारे में बताया गया है. शराब में मौजूद एथेनॉल, अल्कोहल का छोटा अणु है. चूंकि इंसानी शरीर में 70 से 80 प्रतिशत हिस्सा पानी है, एथेनॉल खून और पानी में घुल कर आसानी से दिमाग तक पहुंच जाता है. दिमाग पर अल्कोहल के असर की वजह से सेंट्रल नर्वस सिस्टम प्रभावित होती है, जिसकी वजह से भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे में शख्स ब्लैकआउट का शिकार हो जाता है. यानी वह शराब के असर के दौरान हुई बातें भूल जाता है.
किशोर पर अल्कोहल का असर
शराब पीने के बाद, यह पेट से होते हुए आंतों में प्रवेश करती है. यह आंतों के आस-पास की कैपिलरीज (capillaries) यानी शरीर की सबसे पतली रक्त-वाहिनियाँ केशिकाओ में प्रवेश करता है, तो यह पोर्टल शिरा की ओर जाने वाले रास्ते में आता है. पोर्टल शिरा वे नसें हैं जो रक्त का लिवर और कैपिलरीज तक पहुंचाती हैं.
वयस्क मस्तिष्क की तुलना में किशोर मस्तिष्क शराब के नकारात्मक प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. किशोरावस्था के दौरान शराब का सेवन मस्तिष्क के विकास को बदल सकता है, जिसके कारण संभावित रूप से मस्तिष्क की संरचना और कार्य में लंबे समय तक चलने वाले बदलाव हो सकते हैं.
शराब का असर शरीर में कितने समय तक रहता है? | How Long Does Alcohol Stay in Your System
बीयर, वाइन और शराब जैसे मादक पदार्थ हर इंसान के शरीर पर अलग तरीके से असर करते हैं. एल्कोहोल पेट और छोटी आंत के जरिए खून में अवशोषित होते हैं. यह नहीं एल्कोहोल किडनी, मूत्राशय, लिवर, फेफड़े और त्वचा प्रभावित होती है. अगर आपने रात में शराब का सेवन किया है, तो यह आपके शरीर में एक से तीन घंटे तक रहती है, लेकिन मूत्र परीक्षण और श्वासनली में 24 घंटे तक शराब के उपयोग का पता लगाया जा सकता है. बाल परीक्षण यह निर्धारित कर सकते हैं कि आपने पिछले 90 दिनों में शराब पी है या नहीं.
शराब को कैसे पचाता है लिवर | How Is Alcohol Metabolized by the Body?
पी गई शराब का 90 प्रतिशत हिस्सा लिवर से होकर गुजरता है. लिवर शराब को एसीटैल्डिहाइड (acetaldehyde) में तोड़ देता है, एक ऐसा रसायन जिसे शरीर विषाक्त मानता है. एसीटैल्डिहाइड कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाता है, जिसे शरीर खत्म कर सकता है. आपका शरीर अल्कोहल को भी उसी प्रक्रिया से पचाता है जिससे कि वह दूसरे पदार्थों को पचाता है. इनमें से सबसे आम दो एंजाइम होते हैं* एक अल्कोहल डिहाइड्रोजनेज (ADH) और दूसरा, एल्डिहाइड डिहाइड्रोजनेज (ALDH). ये एंजाइम शराब के अणु को तोड़ने में मदद करते हैं, जिससे इसे शरीर से बाहर निकालना संभव हो जाता है. सबसे पहले, ADH शराब को एसीटैल्डिहाइड में बदल देता है, जो एक बेहद जहरीला पदार्थ है और कैंसरकारी माना जाता है. कुछ मामलों में, एसीटैल्डिहाइड का उत्पादन अपर्याप्त होता है. इससे कुछ लोगों को चेहरे या गर्दन के क्षेत्र में अचानक त्वचा लाल होने का अनुभव होता है. फ्लशिंग से चक्कर आना, मतली या उल्टी हो सकती है. लिवर एक निश्चित दर पर शराब को खत्म करता है.
इसके बाद एसीटैल्डिहाइड में एक और बदलाव होता है. यह एसीटेट के रूप में बदलता है. इसके बाद आपका शरीर इसे आसानी से निकालने के लिए पानी और कार्बन डाइऑक्साइड में तोड़ता है. और अंत में यह बाहर निकता है.
एक स्वस्थ लिवर नार्मल साइज के एल्कोहोलिक पेय को यानी लगभग 147 मिली लीटर शराब को एक घंटे में निकाल देता.
आसान शब्दों में जब आप एल्कोहोल का सेवन करते हैं तो यह मुख्य रूप से छोटी आंत से होकर लिवर तक आती है. जहां यह एंजाइमों के संपर्क में आती है और शरीर से बाहर निकाल दी जाती है.
ज्यादा शराब पीने से होने वाले नुकसान | Short-term ill effects of alcohol
ज़्यादा शराब पीने से शरीर से विटामिन और खनिज खत्म हो सकते हैं, जिससे हैंगओवर हो सकता है. हैंगओवर से आपको थकान या बीमार महसूस होता है क्योंकि विटामिन बी में कमी आ जाती है.
मतली/उल्टी: अल्कोहल के सेवन से मतली और उल्टी महसूस हो सकती है. यह निर्जलीकरण का कारण भी बन सकती है.
चक्कर आना: शराब का लगातार सेवन करने से चक्कर आ सकता है क्योंकि यह न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर (सेरोटोनिन उत्पादन में कमी) को बदलकर मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित करता है.
मांसपेशियों की कमज़ोरी/क्षति: शराब के लगातार सेवन से मांसपेशियों के ऊतकों का टूटना और स्वस्थ कोशिका पुनर्जनन के लिए ज़रूरी प्रोटीन संश्लेषण की कमी हो सकती है. इससे शारीरिक कमज़ोरी महसूस हो सकती है.
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इसके बावजूद भारत में शराब का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है. WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया में शराब की खपत में तीसरे नंबर पर है. एक नजर ड़ालते हैं इन आंकड़ों पर-
आंकड़ों पर नजर :
2019 में हुए एक सर्वे के मुताबिक भारत में 10-75 आयुवर्ग की 14.6 फीसदी आबादी शराब का सेवन करती है.
महिलाओं की तुलना में शराब का सेवन करने वाले पुरुषों का प्रतिशत अधिक है.
भारत में शराब पीने के मामले में शहरी महिलाओं से आगे हैं ग्रामीण
15 साल और उससे अधिक की 0.6% शहरी और 1.6% ग्रामीण महिलाएं अल्कोहल का सेवन करती हैं.
भारत में 27.3 फीसदी पुरुष शराब का सेवन करते हैं, वहीं महिलाओं का शेयर इसमें 1.6 फीसदी है. यानी हर 17 पुरुषों पर एक महिला अल्कोहल का सेवन करती है.
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, शराब के सेवन के कारण हर साल तीन मिलियन मौतें होती हैं, जो वैश्विक स्तर पर कुल मौतों का लगभग 5.3 फीसदी है. शराब के सेवन से कैंसर सहित विभिन्न पाचन या हृदय संबंधी बीमारियां होती हैं.
दुनिया भर में शराब से संबंधित चोटों के कारण लगभग 900,000 मौतें होती हैं. अनुमान है कि शराब के सेवन के कारण हर दिन लगभग 336 लोग मरते हैं, और 40 फीसदी सड़क हादसे शराब के सेवन से जुड़े होते हैं.
ग्रामीण भारत में शहरी भारत की तुलना में पुरुषों और महिलाओं दोनों में शराब की खपत अधिक है. भारत में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2016 में 5.7 लीटर प्रतिवर्ष दर्ज थी, जो 2010 में 4.3 लीटर और 2005 में 2.4 लीटर थी.
शरीर के किस अंग को कैसे प्रभावित करती है शराब | अल्कोहल से होने वाले दूसरे नुकसान | How Does Alcohol Affect the Body?
जब अल्कोहल रक्तप्रवाह में प्रवेश करता है, तो यह आपके शरीर के सभी प्रमुख अंगों को प्रभावित करता है, जिसमें हृदय और मस्तिष्क शामिल हैं. यही कारण है कि बहुत ज़्यादा शराब पीने से शराब से संबंधित कई तरह की बीमारियां और विकार हो सकते हैं. शराब हड्डी और वसा को छोड़कर शरीर के सभी ऊतकों तक पहुंचती है.
जैसे ही आप शराब पीते हैं आपके लिवर का काम बढ़ जाता है. वह शराब को ब्रेक करने में अपनी ताकत लगाता है. हालांकि यह गुर्दे, मूत्र, त्वचा और फेफड़ों से भी होकर गुज़रता है.
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अल्कोहल आपके शरीर को कई तरह से प्रभावित कर सकता है. यहां हैं कुछ ऐसी समस्याएं जो अल्कोहल के ज्यादा या नियमित सेवन से हो सकती हैं. शराब के दुरुपयोग के शारीरिक प्रभावों में ये शामिल हो सकते हैं:
लिवर : ज्यादा शराब के सेवन से अल्कोहोलिक लिवर सिरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है. यह लंबे समय तक अल्कोहल के सेवन से हो सकता है. अगर लीवर लगातार बड़ी मात्रा में शराब के संपर्क में रहता है, तो यह सही तरीके से काम करना बंद कर देता है, जिससे स्थायी नुकसान हो सकती है.
दिल के लिए नुकसानदायक : समय के साथ अल्कोहल के ज्यादा इस्तेमाल से दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. अल्कोहल का ज्यादा सेवन करने से दिल प्रभावी रूप से काम करना बंद कर देता है. इससे दिल की रक्त पंप करने की इसकी क्षमता कम हो जाती है.
किडनी : शराब के ज्यादा सेवन से किडनी पर भी प्रभाव पड़ता है. लगातार अल्कोहल के सेवन से रक्तप्रवाह से अपशिष्ट उत्पादों को ठीक से नहीं निकाल पाते हैं.
कैंसर का खतरा बढ़ता है : शराब कैंसर के खतरे को भी बढ़ाती है. इससे मुंह, खाने की नली और स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि अल्कोहल शरीर की बीमारियों से लड़ने की क्षमता पर असर डालता है.
आंत : अत्यधिक अल्कोहल का सेवन कोलाइटिस, गैस्ट्राइटिस और अन्य जठरांत्र संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है क्योंकि यह व्यक्ति के पाचन तंत्र की परत को नुकसान पहुँचाता है.
बोन डेंसिटी हो जाती है कम : बहुत ज्यादा अल्कोहल का सेवन करने वाले लोगों में बोन डेंसिटी कम हो सकती है. क्योंकि अल्कोहल स्वस्थ हड्डियों के लिए आवश्यक विटामिन डी के अवशोषण को बाधित करता है. यह ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है यदि यह लंबे समय तक जारी रहता है.
डयबिटीज : मधुमेह शराब की लत का एक और प्रभाव है, जो लंबे समय तक लगातार सेवन से होता है. लगातार शराब पीने वालों को अक्सर टाइप 1 या 2 मधुमेह हो जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अल्कोहल रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए जरूरी इंसुलिन का उत्पादन करने की शरीर की क्षमता को कम कर देता है.
पैंक्रियाज को नुकसान : अल्कोहल का लगातार सेवन पेनक्रियाज में सूजन का कारण भी बन सकता है. इससे गंभीर नुकसान होता है. अगर पेनक्रियाज की सूजन का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह मौत का कारण बन सकता है.
पेट के लिए भी नुकसानदायक है शराब : शराब अत्यधिक सेवन से गैस्ट्राइटिस और अल्सर भी हो सकते हैं, जो पेट की परत की सूजन है.
ब्लड प्रेशर होता है प्रभावित : उच्च रक्तचाप शराब की लत का एक और प्रभाव है, जो लंबे समय तक शराब के सेवन के कारण हो सकता है.
वजन : अत्यधिक शराब के सेवन से वजन बढ़ सकता है, जो शराब की लत का एक और प्रभाव है जो लंबे समय तक शराब के दुरुपयोग के कारण होता है. मादक पेय पदार्थों में वसा में संग्रहित कैलोरी होती है, जो अस्वास्थ्यकर स्तरों पर अल्कोहल के सेवन को जारी रखने पर मोटापे का कारण बनती है.
क्या अल्कोहल छोड़ देना चाहिए (Do we stop alcohol consumption)
अल्कोहल के गंभीर खतरों से बचने के लिए मात्रा को सीमित रखना जरूरी है. एक्सपर्ट मानते हैं कि पुरुषों के लिए प्रति दिन एक या दो ड्रिंक और महिलाओं के लिए प्रति दिन एक ड्रिंक सुरक्षित मात्रा है.
कितना ड्रिंक करना चाहिए
शराब का सेवन हर किसी को प्रभावित करता है, चाहे आप या कोई और शराब का सेवन करता हो. अपने स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा निर्णय लेने के लिए यह जानना और समझना महत्वपूर्ण है कि आप कितनी शराब पी रहे हैं. लेकिन फिर भी अगर आप ड्रिंक लेना चाहते हैं, तो आप एक ड्रिंक तक खुद को रोकें.
एक ड्रिंक का क्या मतलब है
एक ड्रिंक का मतलब है तकरीबन 17 मिली लीटर शुद्ध अल्कोहोल. यह अल्कोहल के प्रकार के अनुसार बदल सकती है. अगर बियर है, तो एक ड्रिंक का मतलब एक बॉटल होगा, इसी तरह अन्य प्रकार के अल्कोहल में उसमें मौजूद अल्कोहल की मात्रा के अनुसार एक ड्रिंक की मात्रा तय होगी.
पेय (BEVERAGE) | सर्विंग साइज(SERVING SIZE (floz/ml) | अल्कोहोल की मात्रा(ALCOHOL (g) |
---|---|---|
लाइट बीयर (BEER LIGHT) | 12floz/354.882ml | 11 |
रेगुलर बीयर (BEER REGULAR) | 12.03floz/356ml | 13.9 |
व्हिस्की 100 प्रूफ (WHISKY 100 proof) | 1.42floz/42ml | 17.8 |
व्हिस्की 86 प्रूफ (WHISKY 86proof) | 1.01floz/30ml | 10.8 |
वोदका 80 प्रूफ (VODKA 80 proof) | 1.01floz/30ml | 10 |
रम 80 प्रूफ (RUM 80 proof) | 1.01/30ml | 10 |
जिन 90 प्रूफ (GIN 90 proof) | 1.01/30ml | 11.37 |
वाइट वाइन (WHITE WINE) | 4.05floz/120ml | 12.36 |
रेड वाइन (RED WINE) | 4.05floz/120ml | 12.72 |
वाइन रोज (WINE ROSE) | 4.05floz/120ml | 11.8 |
Source: USDA
कैसे करें सेफ ड्रिंकिंग (Drinking safe)
ड्रिंक्स के बीच दूरी जरूरी है, एक सप्ताह में चार दिन एक-एक ड्रिंक लेना सेफ है, लेकिन एक बार में ही सात ड्रिंक लेना खतरनाक हो सकता है. ड्रिंक के साथ अच्छी तरह से खाना भी जरूरी है. अल्कोहल के पहले एक बड़ा गिलास पानी का जरूर पीना चाहिए. इससे डिहाइड्रेशन से बचाव होगा. आराम के लिए ड्रिंक्स सबसे अच्छा उपाय नहीं हैं उसके लिए सोना सबसे अच्छा साबित होगा.
अल्कोहोल की आदत छोड़ने के टिप्स | How to Stop Drinking
* पूरा मन बनाएं. इस सफर में अगर कोई चीज सबसे ज्यादा जरूरी है तो वह है आपकी विल पावर. कई बार शरीर से ज्यादा अल्कोहल आपका मन मांगता है. उसे रोकें.
* अपने ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे दूरी बनाएं.
* खुद को व्यस्त रखें. खासकर उस समय में जब आप अल्कोहोल का सेवन करते थे.
* जड़ को पहचानें कि आप शराब क्यों पीते हैं. अगर यह किसी परेशानी की वजह से है तो उसे सुलझाएं.
* शराब की लत से छुटकारा पाने का एक प्रभावी तरीका है खुद को शराब की लत के दुष्परिणामों के बारे में याद दिलाना.
* सही खान-पान से शराब की तलब को नियंत्रित करें.
* हम सभी जानते हैं कि दिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीना हमारे लिए बहुत अच्छा है। शराब की लत को रोकने के लिए भरपूर पानी पीना सबसे प्रभावी तरीका है.
* एक योग्य चिकित्सक से परामर्श करें.
* अब जब आपने शराब पीना छोड़ दिया है तो आपके पास बहुत सारा खाली समय है. आप यह जानकर हैरान हो सकते हैं कि दिन में कितना समय शराब पीने में बीतता है. नए खेल और शौक शुरू करें.
स्रोत :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (NFHS-5), 2019-21
किस ड्रिंक में कितना अल्कोहल होता है
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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