- शीतकालीन सत्र के समापन पर स्पीकर की चाय पार्टी में विपक्षी और भाजपा सांसदों के बीच सौहार्दपूर्ण माहौल दिखा
- कांग्रेस ने इस बार चाय पार्टी में सक्रिय भागीदारी की, जिसमें प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी भी शामिल रहीं
- विपक्ष को इस सत्र में अपनी बात रखने का मौका मिला, जिससे पिछले सत्र के मुकाबले नराजगी कम नजर आई
संसद के शीतकालीन सत्र के समापन का सीन इस बार कुछ अलग नजर आया. प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ ठहाके लगाए और सोनिया गांधी भी बीजेपी सांसद के साथ चाय पार्टी में नजर आईं. 'वीबी- जी राम जी' बिल पर सदन में टकराव के बाद ऐसी उम्मीद नहीं थी कि स्पीकर की चाय पार्टी में कांग्रेस सांसदों में इतनी गर्मजोशी नजर आएगी. कांग्रेस सांसदों की मानें तो इस बार सदन में पिछली बार के मुकाबले हालत काफी जुदा थे. इस बार विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया गया. ऐसे में विपक्ष में वो नराजगी नजर नहीं आई, जो पिछले संसद सत्र के दौरान दिखी थी.
चाय पार्टी की इनसाइड स्टोरी
कांग्रेस सूत्रों से जब स्पीकर ओम बिरला की चाय पार्टी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने बताया, 'मल्लिकार्जुन खरगे जी ने तय किया कि हम अध्यक्ष और सभापति द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी में शामिल हों, क्योंकि हम विधेयक पर सरकार की कार्रवाई के खिलाफ हैं, लेकिन सभापति थोड़ा उदार थे. यह पिछले मानसून सत्र जैसा नहीं था, जहां विपक्ष को बोलने की अनुमति नहीं दी गई थी. इसलिए लोकसभा में कांग्रेस की ओर से शैलजा कुमारी सिंह, प्रियंका गांधी, मणिकम टैगोर और मोहम्मद जावेद ने भाग लिया. वहीं, राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश ने भाग लिया.

कांग्रेस की नुमाइंदगी उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने की
दरअसल, पिछले सत्र में विपक्ष ने स्पीकर की चाय पार्टी का बहिष्कार किया था. राहुल गांधी की ग़ैरमौजूदगी में कांग्रेस की नुमाइंदगी उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने की. वहीं तीन देशों के बेहद व्यस्त कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज उपस्थित रहे. स्पीकर की चाय पार्टी एक परंपरा है. हर सत्र के समापन के बाद उनके कक्ष में सभी दलों के प्रमुख नेता जुटते हैं. सदन में वार-पलटवार और आरोप-प्रत्यारोप से तीखे हुए माहौल को सौहार्द और सद्भाव से हल्का करने का प्रयास किया जाता है.
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20 मिनट तक चली चाय पार्टी
लगभग 20 मिनट तक चली इस चाय पार्टी में कुछ विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी से आग्रह किया कि नए संसद भवन में भी सांसदों के बैठने के लिए केंद्रीय कक्ष होना चाहिए. दरअसल, पुराने संसद भवन में ऐतिहासिक सैंट्रल हॉल है जहां सत्र के दौरान सांसद, पूर्व सांसद आदि बैठकर अनौपचारिक चर्चा करते हैं. नए संसद भवन में सांसदों को इसकी कमी खल रही है, क्योंकि यहां सांसदों के मिलने का एकमात्र स्थान कैंटीन है. पुराने संसद भवन को अब संविधान सदन बनाया गया है और वहां केंद्रीय कक्ष का उपयोग यदा-कदा ही होता है. इस पर पीएम ने कहा कि वह तो रिटायरमेंट के बाद के लिए है. अभी तो आपको बहुत सेवा करनी है. इस पर बैठक में जोरदार ठहाके लगे.
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