PM Modi Meditates At Vivekananda Rock Memorial: पीएम मोदी ने कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पर ध्यान लगाए हुए हैं. रॉक मेमोरियल के 'ध्यान मंडपम' पीएम ने अपना ध्यान शुरू किया. पीएम एक जून तक अपने ध्यान की अवस्था को जारी रखेंगे. जानकारी के अनुसार इस दौरान पीएम 45 घंटों का मौनव्रत भी धारण करे हुए हैं. पीएम इससे पहले भी ध्यान करते हुए देखे गए हैं. वे योग और ध्यान के पक्ष में सदा से रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री ध्यान पर बैठे हैं, इस बीच चलिए जानते हैं योग के बारे में हर छोटी बड़ी बात.
ध्यान | Meditation
अगर किसी व्यक्ति के जीवन में हर तरह की सुख सुविधा और आराम है, बावजूद इसके उसे किसी तरह की असंतुष्टि या खालीपन महसूस होता है तो ये संकेत है कि वह व्यक्ति मानसिक शांति की तलाश में बेचैन है. मानसिक शांति और संतुष्टि पाने के लिए व्यक्ति को ध्यान करना बहुत जरूरी है. ध्यान इंसान के जीवन में बेहद महत्व रखता है. नियमित रूप से ध्यान करने से मानव के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और ध्यान का क्या महत्व है. इस बारे में विस्तार से जानते हैं कि क्यों मानव जीवन में ध्यान का इतना महत्वपूर्ण है.
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पीएम मोदी कहां ध्यान कर रहे हैं?
प्रधानमंत्री कन्याकुमारी के स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पर ध्यान मंडपम में ध्यान कर रहे हैं, वही स्थान जहां स्वामी विवेकानंद ने 1892 में भारत के भविष्य की स्पष्ट दृष्टि प्राप्त करने के लिए ध्यान किया था.
PM स्वामी विवेकानंद रॉक मेमोरियल (Vivekananda Rock Memorial) पर ध्यान मंडपम में ध्यान कर रहे हैं.
ध्यान क्या है? | Waht Is Dhyana
सद्गुरु बताते हैं कि ध्यान का अर्थ मानव शरीर और मन की सीमाओं से परे जाना होता है. जो व्यक्ति शारीरिक और मानसिक तौर पर सीमाओं को पार करते हुए आगे बढ़ता है तो वह अपने अंदर एक अलग ही आयाम महसूस करता है. सद्गुरु के अनुसार जब व्यक्ति जीवन जीने के बारे में सोचता है तो उसकी समझ उतनी ही रह जाती है. वहीं अगर वह इंसान मानसिक रूप से खुद को पहचानता है तो वह सामाजिक, पारिवारिक और धार्मिक दृष्टिकोण से खुद को गुलाम बना हुआ पाता है. लेकिन अगर इन सब से हटकर आप आगे बढ़ते हैं. जब आप अपने खुद के बारे में सोचते हैं तब आप उस आयाम पर पहुंच पाते हैं जिसे ध्यान कहा जाता है.
''ध्यान का अर्थ है भौतिक शरीर और मन की सीमाओं के परे जाना. जब आप शरीर और मन की सीमित समझ के परे जाते हैं, सिर्फ तभी आप जीवन के पूरे आयाम को अपने अंदर पा सकते हैं.''
ध्यान का आध्यात्मिक महत्व | Importance of Dhyana/Meditation
ध्यान करने से आत्मिक और मानसिक शक्तियों का विकास होता है. प्राचीन काल में ऋषि-मुनि भगवान का ध्यान किया करते थे. असल में चित्त को एकाग्र करके किसी एक वस्तु पर केन्द्रित कर देने को ध्यान कहा जाता है. ध्यान की अवस्था में ध्यान करने वाला अपने आसपास के वातावरण को यहां तक की खुद को भी भूल जाता है.
यज्ञ और कर्मकांड की जरूरत नहीं : शारीरिक और मानसिक सीमाओं से परे इस आयाम को पाने के लिए सद्गुरु के अनुसार किसी तरह के यज्ञ और कर्मकांड की जरूरत नहीं है, यहां केवल ध्यान से ही पहुंचा जा सकता है.
समावेश की तरफ : सद्गुरु बताते हैं कि ध्यान एक तरह से अलगाव है जो इंसान को समावेश की तरफ ले जाता है. क्योंकि जब व्यक्ति ध्यान लगाने बैठता है तो वो सामाजिक रूप से दूर हो जाता है. दूसरे अन्य लोग भी ऐसे व्यक्ति से दूरी बना लेते हैं लेकिन ध्यान लगाने से एक अलग स्तर की समझ निर्मित होती है और व्यक्ति धीरे-धीरे करके संतुष्टि की तरफ बढ़ने लगता है. ध्यान लगाने वाले व्यक्ति का और एक अलग स्तर का होता है जो भी व्यक्ति उसे मिलता है उसको खुद पॉजिटिव महसूस होता है. ध्यान न सिर्फ उसे व्यक्ति के लिए फायदेमंद है जो कर रहा है बल्कि उससे मिलने वाले लोगों को भी एक खुशनुमा एहसास दिलाता है.
शारीरिक और मानसिक सीमाओं से परे जाने का वैज्ञानिक साधन है ध्यान : जीवन जीने के लिए शारीरिक और मानसिक दो तरह के साधन हैं . लेकिन ये आपको पूरी तरह से संतोष नहीं देते क्योंकि इंसान को हमेशा और अधिक की लालसा होती है. भौतिक सुख सुविधा सिर्फ आपको आराम पहुंचा सकती है लेकिन आपको आनंद या संतुष्टि नहीं दिला सकती.
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ध्यान करना क्यों जरूरी है और ध्यान क्यों करना चाहिए? | Why Should we Practice Dhyana/Meditation
ध्यान का महत्व : ध्यान मानसिक शांति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. लेकिन ध्यान केवल इतना भर नहीं. आधात्मिक रूप से ध्यान बहुत प्रभावशाली प्रक्रिया है. ध्यान न केवल मानसिक शांति के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी यह एक प्रभावशाली प्रक्रिया है. भौतिक स्तर पर, ध्यान शांति और मन को संतुलित करने में सहायक होता है. यह आपको जीवन की चुनौतियों और संघर्षों के बीच स्थिर बनाता है. तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी, ध्यान आपको तनावमुक्त रख सकता है और चिंताओं को कम कर सकता है. आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी, ध्यान बहुत महत्वपूर्ण है. इसे आध्यात्मिक विकास को स्थिर करने वाला माना जाता है और आध्यात्मिक अनुभवों को विस्तारित करता है. ध्यान आपके मानसिक संतुलन को बनाए रखने में मददगार है. इसका मतलब यह हुआ कि आप ध्यान के नियमित अभ्यास से चिंता, अवसाद, तनाव, बहुत ज्यादा गुस्सा आना और नकारात्मकता विचारों से छुटकारा पा सकते हैं.
रोज ध्यान करने से क्या होता है? | What Happen if You Meditate everyday
ध्यान से मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखने के साथ-साथ शरीर को भी कई लाभ मिलते हैं. ये लाभ शामिल हैं: हाई ब्लड प्रेशर और ऐंगज़ाइटी अटैक का कम होना, तनाव से होने वाला सिरदर्द, छाले, नींद की कमी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द का कम होना, मूड और स्वभाव में सुधार, इम्यून सिस्टम की मजबूती, नींद और रिश्तों में सुधार, आदि.
ध्यान के लाभ | Benefits Of Dhyana/Meditation
आर्ट ऑफ लिविंग वेबसाइट पर आधात्मिक गुरु श्री श्री रंविशंकर के एक कथन के अनुसार ध्यान आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करता है. इसके अलावा इससे मन को विश्राम, घबराहट से राहत, और नाड़ियों को शांति मिलती है. ध्यान आपकी ऊर्जा को एक सकारात्मक दिशा में प्रवाहित करता है. गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ध्यान को "कुछ भी नहीं करने और सभी प्रयासों को छोड़ देने की नाजुक कला" के तौर पर पेश करते हैं.
तनाव कम करता है : तनाव कम करना सबसे आम कारणों में से एक है जिसके लिए लोग ध्यान करने की कोशिश करते हैं. एक वैज्ञानिक शोध में यह नतीजा देखा गया कि ध्यान तनाव कम करने के लिए अपनी प्रतिष्ठा पर खरा उतरता है.
चिंता को नियंत्रित करता है : चिंता या एंग्जायटी को कंट्रोल करने में ध्यान मदद कर सकता है. ध्यान तनाव के स्तर को कम कर सकता है. लगभग 1,300 वयस्कों को शामिल करते हुए एक मेटा-विश्लेषण में पाया गया कि ध्यान चिंता को कम कर सकता है. उल्लेखनीय रूप से, यह प्रभाव उन लोगों में सबसे अधिक था जिनमें चिंता का स्तर सबसे अधिक था.
भावनात्मक रूप से मजबूत बनाता है ध्यान : आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि ध्यान करने से आप भावनात्मक रूप से भी मजबूत बन सकते हैं. कुछ रूपों से आत्म-छवि में सुधार और जीवन के प्रति ज्यादा पॉजिटिव अपरोच देने में भी ध्यान मददगार है. 3,500 से अधिक वयस्कों को दिए गए उपचारों की एक समीक्षा में पाया गया कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन से अवसाद के लक्षणों में सुधार हुआ.
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ध्यान कैसे करें? | Learn How to Practice Dhyana/Meditation
जब आप ध्यान पहली बार कर रहे हों, तो मुश्किल ध्यान को चुनने की बजाए ऐसी क्रिया चुनना मददगार होता है जिसे सीखना आसान हो. जैसे सिर्फ अपनी सांस पर ध्यान देना भी ध्यान की अवस्था में जाने के का एक आसान तरीका है. हां, ध्यान मंत्र आधारित भी हो सकता है, लेकिन यह नए लोगों के लिए जरा कठिन हो सकता है. इसमें समाधि ध्यान की तरह मंत्र के अक्षरों की मदद से ध्यान करना आसान हो जाता है.
अगर आप यह नहीं समझ पा रहे हैं कि ध्यान की अवस्था में बैठने के बाद ध्यान कैसे करना है, तो बस अपनी आंखों को बंद कर अपनी सांसों पर ध्यान दें. और अगर आपको ज्ञान है तो आप प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं. प्राणायाम आपको गहरे ध्यान के लिए तैयार करते हैं. धीरे-धीरे अपने ध्यान अभ्यास में आगे बढ़ें.
ध्यान किस समय करना चाहिए? | When Is the Best Time of Day to Meditate?
ध्यान करने का सबसे अच्छा समय ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय माना जाता है. सूर्योदय के समय जिसे गोधूलि कहा जाता है अगर आप ध्यान करते हैं तो यह बेहद फायदेमंद हो सकता है. अब अगला सवाल ये हो सकता है कि दिन में कितनी बार ध्यान करना चाहिए, तो आदर्श रूप से दिन में दो बार ध्यान किया जा सकता है. अब अगर आप यह जानना चाहेंगे कि कितनी कितनी देर के लिए ध्यान किया जा सकता है तो आप ध्यान में गहरे उतरते ही लौटने की जल्दी न करें कम से कम 20 से 30 मिनट तक हर बार ध्यान में बैठें.
ध्यान के दौरान क्या पहनना चाहिए?
ध्यान के दौरान आपको सहज और आरामदायक महसूस करना चाहिए. इसलिए इस ध्यान पर बैठने के दौरान सुनिश्चित करें कि आपकी पैंट या शर्ट जैसे तंग वस्त्रों में न हों. ढीले और सूती कपड़े आपको ध्यान में मदद कर सकते हैं.
ध्यान को बेहतर करने के लिए कैसे करें तैयारी
* ध्यान के लिए एक शांत और शांतिपूर्ण सेटिंग चुनें.
* सुनिश्चित करें कि ध्यान करते समय आपकी रीढ़ सीधी हो.
* भूखे या भरे पेट पर ध्यान करने के लिए न बैठें. लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं कि ध्यान से ठीक पहले भोजन कर लें. आप ध्यान करने से दो घंटे पहले भोजन करें.
* अगर आप ध्यान में नए हैं या इसके शुरुआती दौर में हैं, तो ध्यान की समाधि में बैठने से पहले स्ट्रेचिंग जरूर कर लें. यह कमर दर्द और पैरों के सुन्न होने जैसी परेशानियों से आपको बचा सकता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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