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This Article is From May 03, 2023

Concussion: सिर पर चोट लगने के बाद 6 महीने से भी ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं कन्कशन के लक्षण : अध्ययन

पिछले शोध में पाया गया कि फिजिशियंस का अनुमान है कि दस में से एक व्यक्ति को स्ट्रोक के बाद लंबे समय तक लक्षणों का अनुभव हो सकता है.

Concussion: सिर पर चोट लगने के बाद 6 महीने से भी ज्यादा समय तक बने रह सकते हैं कन्कशन के लक्षण : अध्ययन
हालिया अध्ययन का अनुमान है कि बाद के लक्षण बहुत सामान्य होते हैं.

ग्लोबल स्कैल पर हर साल करीब 5.6 करोड़ लोग मस्तिष्काघात (Concussion) से पीड़ित होते हैं. इस डिसऑर्डर में सिरदर्द, मतली, लाइट को लेकर सेंसिटिव और ध्यान केंद्रित करने में समस्या होना आम है, लेकिन बहुत से लोग लंबे समय तक लक्षणों से भी जूझते हैं - जिनमें थकान, सोने और फोकस करने में परेशानी और भावनात्मक संकट शामिल हैं. पिछले शोध में पाया गया कि फिजिशियंस का अनुमान है कि दस में से एक व्यक्ति को स्ट्रोक के बाद लंबे समय तक लक्षणों का अनुभव हो सकता है.

लंबे समय तक रहते हैं कन्कशन के लक्षण

हालिया अध्ययन का अनुमान है कि बाद के लक्षण बहुत सामान्य हैं. अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को कन्कशन हुआ था, उनमें से लगभग आधे लोग कन्कशन के छह महीने बाद भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुए थे.

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अपना अध्ययन करने के लिए हमने पूरे यूरोप में 100 से ज्यादा रोगियों के ब्रेन स्कैन का एनालिसिस किया, जिन्हें हाल ही में कन्कशन का अनुभव हुआ था. ये ब्रेन स्कैन रेस्टिंग-स्टेट फंक्शनल एमआरआई (एफएमआरआई) नामक तकनीक का उपयोग करके किए गए थे.

एफएमआरआई, सीटी स्कैन और एमआरआई से बेहतर

रेस्टिंग-स्टेट एफएमआरआई ब्रेन एक्टिविटी को मापता है जब कोई व्यक्ति कम्फर्ट कंडिशन में होता है, जिसका उपयोग यह समझने के लिए किया जा सकता है कि ब्रेन के अलग-अलग एरिया कैसे कम्युनिकेट करते हैं. यह हमें यह समझने में मदद करता है कि क्या ब्रेन काम कर रहा है जैसा कि उसे करना चाहिए या अगर किसी व्यक्ति के ब्रेन के संपर्क में कोई समस्या है.

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कम्फर्ट कंडिशन में किया जाने वाला एफएमआरआई हमें सीटी स्कैन या एमआरआई से ज्यादा जानकारी देता है. जबकि इस प्रकार के स्कैन अक्सर कन्कशन के रोगियों को दिए जाते हैं, दोनों ही ब्रेन में स्ट्रक्चरल चेंजेस का पता लगाते हैं - जैसे कि सूजन या चोट लगना.

इस तरह के बदलाव अक्सर चोट लगने के तुरंत बाद हल्के कन्कशन के मामलों में नहीं होते हैं, जिससे फिजिशियन्स को यह विश्वास हो सकता है कि कोई ब्रेन डैमेज नहीं हुआ है, लेकिन एक रेस्टिंग कंडिशन वाला एफएमआरआई हमें ब्रेन वर्क्स में छोटे बदलाव दिखा सकता है.

चोट के 6 महीने बाद भी ठीक नहीं हुए लोग:

हमारे शोध में पाया गया कि 76 हेल्दी कंट्रोल सब्जेक्ट की तुलना में ब्रेन कन्कशन चोट लगने के तुरंत बाद थैलेमस और ब्रेन के बाकी हिस्सों के बीच बढ़ी हुई फंक्शनल कनेक्टिविटी से जुड़ा हुआ था.

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जबकि हम में से कई लोग मानते हैं कि ब्रेन कनेक्टिविटी एक अच्छी बात है, सिर की गंभीर चोटों को देखते हुए शोध दर्शाता है कि ब्रेन एरिया के बीच कनेक्शन वास्तव में ब्रेन का संकेत हो सकता है जो पूरे ब्रेन में डैमेज की भरपाई और ऑफसेट करने की कोशिश कर रहा है. हमने यह भी पाया कि ब्रेन कन्कशन से प्रभावित लोगों में से लगभग आधे लोग चोट के छह महीने बाद पूरी तरह से ठीक नहीं हुए थे.

हमारे विश्लेषण से पता चला है कि जिन प्रतिभागियों में चोट लगने के तुरंत बाद उनके ब्रेन में बहुत ज्यादा थैलेमस कनेक्टिविटी के संकेत थे, उनमें बाद में थकान और खराब कनसंट्रेशन जैसे बाद के लक्षण पैदा होने की संभावना बहुत ज्यादा थी.

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हमारा शोध ब्रेन स्ट्रोक को समझने में एक जरूरी कदम उठाता है, यह दर्शाता है कि कुछ लोगों में ब्रेन कन्कशन के साफ परिणाम हो सकते हैं. यह डैमेज स्कैन के प्रकारों में भी दिखाई नहीं दे सकती है, जो रोगियों को रेगुलर रूप से दिए जाते हैं.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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