जोड़ों के दर्द से हैं परेशान, तो डाइट में शामिल करें ये 5 चीजें, देखें जादू

आज के समय में यह परेशानी युवकों में भी नजर आती है. अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो आइए आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं जिन्हें डाइट में शामिल कर आप इससे जल्द राहत पा सकते हैं.

जोड़ों के दर्द से हैं परेशान, तो डाइट में शामिल करें ये 5 चीजें, देखें जादू

जोड़ो के दर्द की परेशानी आजकल बहुत आम बात हो गई है. पहले यह बीमारी सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों में देखने को मिलती थी लेकिन आज इससे कोई अछूता नहीं है. आज के समय में यह परेशानी युवकों में भी नजर आती है. अगर आप भी इस परेशानी से जूझ रहे हैं तो आइए आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताते हैं जिन्हें डाइट में शामिल कर आप इससे जल्द राहत पा सकते हैं.

ब्रोकली

ब्रोकली में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो जोड़ों की सेहत को लंबे समय तक बरकरार रखते हैं. ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंजेलिया के शोधकर्ताओं के अनुसार, ब्रोकली में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो गठिया से बचाने या बीमारी को बढ़ने से रोकने में सक्षम हैं. इसमें मौजूद कैल्शियम, कार्बोहाईड्रेट, प्रोटीन, आयरन, विटामिन ए और सी, क्रोमियम, हमारे शरीर को हेल्दी रखने का काम करता है.

लहसुन

अर्थराइटिस रोगियों को अपनी डायट में हर दिन लहसुन का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके सेवन से उन्हें काफी फायदा होता है. इसमे पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल, एंटी बायोटिक और एंटी इंफ्लेमेट्री गुण जोड़ों के दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित होते हैं.

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बथुआ

अर्थराइटिस से राहत पाने के लिए बथुआ के पत्तों का रस वरदान समान है. अपनी डाइट में बथुआ को तो शामिल करें ही, इसके साथ ही रोजाना इसके पत्तों का रस भी पीएं. ध्यान रखें रस में स्वाद के लिए कुछ नहीं मिलाएं. कम से कम तीन महीने तक इसका सेवन करें.

हल्दी

हल्दी में करक्यूमिन नामक तत्व होता है, जो बीमारी फैलाने वाले बैक्टिरिया को खत्म करता है. इसलिए गठिया के दर्द के मरीजों को इसका सेवन जरूर करना चाहिए. साथ ही इसको खाने से आपको दर्द में भी राहत मिलती है.

ओमेगा-3 एसिड

अर्थराइटिस से छुटकारा पाने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड को डाइट में शामिल करना चाहिए. इसके लिए आपको एल्गी ऑयल, फिश ऑयल, सैमन मछली को अपनी डाइट में शामिल करना होगा.

(यह लेख प्र‍ीति सेठ, पोषण विशेषज्ञ और कॉस्मेटोलॉजिस्ट, पचॉली वेलनेस क्लिनिक संस्थापक, से बातचीत पर आधारित है.)

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