
- बुजुर्ग व्यक्ति को महिलाओं ने मिस्ड कॉल देकर दोस्ती की और बाद में दस लाख रुपए की रंगदारी मांगनी शुरू कर दी
- रंगदारी न देने पर महिलाओं ने झूठे बलात्कार के मामले में बुजुर्ग के खिलाफ केस दर्ज कराया था
- पुलिस ने शिकायत मिलने पर दोनों महिलाओं और उनके एडवोकेट साथी कुलदीप मलिक को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू की
बुजुर्ग को हनीट्रैप में फंसाकर 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है. महिलाओं ने बुजुर्ग को अपने जाल में फसाने के लिए पहले उनके मोबाइल पर मिस्डकॉल की और जब बुजुर्ग ने कॉल बैक की तो महिला ने उन्हें अपनी बातों के जाल में फसा लिया और 10 लाख रुपए की रंगदारी मांगी. रुपए न मिलने पर महिलाओं ने अपने एडवोकेट साथी पर रेप केस भी दर्ज करा दिया.
मामले की जानकारी जब बुजुर्ग की बेटी को मिली तो उसने पुलिस के आला अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए केस दर्ज कर दोनों महिलाओं और उनके एडवोकेट साथी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों की पहचान एडवोकेट कुलदीप मलिक, आशा और कंचन उर्फ कृतिका के रूप में हुई है. पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
पुलिस के मुताबिक, वरिष्ठ नागरिक की बेटी ने शिकायत दी थी कि इन दोनों महिलाओं ने उसके विधुर पिता को मिस्ड कॉल देकर दोस्ती की और फिर उनसे दोस्ताना बातचीत शुरू कर दी. एक दिन वे उसके घर आईं, जहां एक महिला ने उसे अपने साथ शारीरिक संबंध बनाने का लालच दिया और कुछ देर बाद यह कहते हुए वहां से चली गई कि "काम हो गया, सबूत मिल गया.
इसके तुरंत बाद, वरिष्ठ नागरिक को इन महिलाओं से रंगदारी के कॉल आने लगे और उनसे 10 लाख रुपए देने या झूठे बलात्कार के मुकदमे का सामना करने की धमकी दी. जब उसने जबरन वसूली की मांग पूरी करने से इनकार कर दिया, तो महिला ने कथित घटना के 14 दिन बाद बलात्कार का मामला दर्ज कराया. परिवार ने अपने वकील अंकित गुप्ता और सामाजिक कार्यकर्ता दीपिका नारायण भारद्वाज के साथ डीसीपी करण गोयल से मुलाकात की और उन्हें मामले से अवगत कराया. एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पेश की गई जिसमें वकील कुलदीप मलिक ने महिला और उसके गिरोह के सरगना से बुजुर्ग महिला को झूठे मामले से मुक्त कराने के लिए अंतिम 6.5 लाख रुपये की जबरन वसूली की मांग की.
परिवार ने दावा किया है कि वकील कुलदीप मलिक ने कहा कि यह गिरोह हरियाणा के विभिन्न जिलों में सक्रिय है और अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. एकम न्याय फाउंडेशन की निदेशक दीपिका नारायण भारद्वाज ने कहा कि हनी ट्रैप गिरोह अब वरिष्ठ नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं. इनका तरीका यह है कि एक बार उनसे मिलते हैं और फिर उन्हें झूठे बलात्कार के मामले में फंसाने की धमकी देते हैं. ज्यादातर लोग शर्म के कारण इन जबरन वसूली के झांसे में आ जाते हैं.
हालांकि, इस मामले में, परिवार ने लड़ने और शिकायत करने का फैसला किया और हमने पूरा समर्थन दिया. हमने गुरुग्राम के डीसीपी से मुलाकात की और फिर हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया के पास शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने हरियाणा में ऐसे गिरोह के बढ़ते प्रभाव को स्वीकार किया, मामले का संज्ञान लिया और कार्रवाई सुनिश्चित की.
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