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World Meditation Day: मेडिटेशन करने वालों को क्या नहीं खाना चाहिए, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने बताया

World Meditation Day 2025: गुरुदेव श्री श्री रविशंकर बार-बार इस बात पर जोर देते हैं कि अगर मानसिक शांति चाहिए, तो ध्यान के साथ-साथ सात्विक भोजन को अपनाना बेहद जरूरी है. उनका मानना है कि जैसा अन्न, वैसा मन और यही मानसिक शांति की असली कुंजी है.

World Meditation Day: मेडिटेशन करने वालों को क्या नहीं खाना चाहिए, गुरुदेव श्री श्री रविशंकर ने बताया
World Meditation Day 2025: आज वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया जा रहा है.

World Meditation Day 2025: आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हर इंसान मानसिक अशांति, तनाव और बेचैनी से जूझ रहा है. मोबाइल, काम का दबाव, खराब रूटीन और गलत खान-पान ने दिमाग को लगातार थका दिया है. ऐसे समय में लोग ध्यान (Meditation) की ओर तो बढ़ रहे हैं, लेकिन अक्सर एक बड़ी गलती कर बैठते हैं, ध्यान तो करते हैं, लेकिन खान-पान वही पुराना, तामसिक और प्रोसेस्ड रहता है. वर्ल्ड मेडिटेशन डे (World Meditation Day) पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर बार-बार इस बात पर जोर देते हैं कि अगर मानसिक शांति चाहिए, तो ध्यान के साथ-साथ सात्विक भोजन को अपनाना बेहद जरूरी है. उनका मानना है कि जैसा अन्न, वैसा मन और यही मानसिक शांति की असली कुंजी है.

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क्या कहते हैं गुरुदेव श्री श्री रविशंकर?

गुरुदेव के अनुसार ध्यान दिमाग को शांत करता है, लेकिन सात्विक भोजन उस शांति को स्थिर और लंबे समय तक बनाए रखता है. अगर व्यक्ति ध्यान करे लेकिन भारी, तला-भुना, ज्यादा मसालेदार या केमिकल वाला भोजन करे, तो मन बार-बार अशांत होता रहेगा. इसलिए ध्यान और भोजन दोनों का संतुलन बेहद जरूरी है.

सात्विक भोजन क्या होता है? | What is Sattvic Food?

सात्विक भोजन वह होता है जो:

  • ताजा हो
  • प्राकृतिक हो
  • कम मसालेदार हो
  • आसानी से पच जाए

जैसे- फल, सब्ज़ियां, दालें, चावल, रोटी, दूध, घी, अंकुरित अनाज और सूखे मेवे. गुरुदेव कहते हैं कि यह भोजन शरीर में हल्कापन लाता है और दिमाग को स्थिर करता है.

सात्विक खाना और मानसिक शांति का कनेक्शन | Connection Between Sattvic Food And Mental Peace

1. दिमाग को करता है शांत

सात्विक भोजन नर्वस सिस्टम पर सकारात्मक असर डालता है. इससे चिड़चिड़ापन, गुस्सा और बेचैनी कम होती है, जिससे ध्यान गहराता है.

2. ध्यान में एकाग्रता बढ़ती है

भारी और जंक फूड खाने से सुस्ती आती है, जबकि सात्विक भोजन ध्यान के समय फोकस और जागरूकता बढ़ाने में मददगार हो सकता है.

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3. नींद बेहतर होती है

गुरुदेव के अनुसार, सात्विक भोजन से नींद गहरी और सुकूनभरी होती है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी है.

4. नकारात्मक भावनाएं कम होती हैं

तामसिक भोजन जैसे शराब, ज्यादा मांसाहार और जंक फूड मन में आलस्य, गुस्सा और नकारात्मक सोच बढ़ाते हैं. सात्विक आहार इन्हें धीरे-धीरे कम करता है.

ध्यान करने वालों को क्या नहीं खाना चाहिए? | What foods should people who meditate avoid?

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर के अनुसार ध्यान करने वालों को इनसे बचना चाहिए:

  • बहुत ज्यादा तला-भुना खाना
  • पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड
  • बहुत ज्यादा चाय-कॉफी
  • शराब और नशा

ये चीजें ध्यान के प्रभाव को कमजोर कर देती हैं.

वर्ल्ड मेडिटेशन डे हमें यह सिखाता है कि ध्यान केवल आंख बंद कर बैठना नहीं है, बल्कि एक पूरी लाइफस्टाइल बदलाव है. जब ध्यान के साथ सात्विक भोजन जुड़ता है, तभी मन, शरीर और आत्मा के बीच सही संतुलन बनता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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