राशी चौधरी ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर मेंशन किया, आज व्यावसायिक रूप से उपलब्ध दूध एंटीबायोटिक्स, ग्रोथ हार्मोन, एस्ट्रोजन और अन्य कमपाउंड से लोडेड है. यह आगे चलकर पीसीओएस, इरेगुलर मासिक धर्म और अन्य कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का कारण बनता है.
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पेटा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "दूध जो ठीक से तैयार या ठंडा नहीं है, उसमें बैक्टीरिया हो सकते हैं जो लोगों को बीमार कर सकते हैं." ऑर्गेनाइजेशन आगे मेंशन करता है कि आम धारणा के विपरीत, गाय या भैंस का दूध स्वस्थ नहीं होता है - यह लोगों को बीमार कर सकता है या उनकी हड्डियों को कमजोर कर सकता है.
कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा किए गए एक रिसर्च में पाया गया कि आज हमें मिलने वाले दूध में "एंटीबायोटिक्स, एफ्लाटॉक्सिन, कीटनाशक अवशेष, पस केमिकल" और बहुत कुछ शामिल हैं.
राशि चौधरी ने आगे उन तीन सबसे आम समस्याओं के बारे में बताया जिनका लोग आज दूध के सेवन के बाद सामना करते हैं. जरा देखो तो.
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गाय या भैंस का दूध स्वस्थ नहीं होता है .Photo Credit: iStock
यहां दूध से होने वाली 5 आम स्वास्थ्य समस्याएं- Here're 5 Common Health Problems Caused By Milk:
1. कैल्शियम की मात्रा को प्रभावित करता है-
कुछ स्टडी से पता चलता है कि दूध वास्तव में शरीर में कैल्शियम एड करने में मदद नहीं करता है. वास्तव में, यह शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. मूल रूप से, दूध से प्रोटीन टूट जाता है, यह एसिड पैदा करता है. एक्स्ट्रा एसिड को बेअसर करने और बाहर निकालने के लिए, हमारा शरीर कैल्शियम को बाहर निकालता है. अनजान लोगों के लिए, कैल्शियम एक एक्सीलेंट न्यूट्रलाइज़र के रूप में जाना जाता है.
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2. हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है-
बड़े पैमाने पर हार्वर्ड स्टडी में कोई सबूत नहीं मिला कि दूध पीने से स्वस्थ हड्डियों पर कोई प्रभाव पड़ता है. दरअसल, कैल्शियम को बाहर निकालने से हड्डियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
3. मुंहासे का कारण बनता है-
दूध में ग्रोथ हार्मोन सूजन का कारण बनता है. यह आगे पोर्स को बंद कर एक्ने को ट्रिगर करता है.
4. पीसीओएस की संभावना बढ़ जाती है-
पीसीओएस वाली महिलाएं शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध से जूझती हैं. और डेयरी की वजह से इंसुलिन में वृद्धि होने से आपकी कार्ब क्रेविंग और टेस्टोस्टेरोन का लेवल बढ़ सकता है.
5. हार्मोनल इंबैलेंस-
डेयरी शरीर में कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ाता है जो बढ़ती चिंता, बालों के झड़ने और चेहरे के बालों में कंट्रीब्यूट कर सकता है.
इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए, न्यूट्रिशनिस्ट राशी चौधरी सुझाव देती हैं, पूरे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने के लिए, यदि इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता है, तो दूध की खपत को कम किया जा सकता है.
स्वस्थ खाओ और फिट रहो!
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.